Ek Raat Ki Dulhan
तो मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसी कप की पहली चुस्की उसको लगवायी। एक घूँट पीकर बोली, आप पी लो अब, मैं और पी लुंगी। इतना कहके मुझसे अलग हुई और अपने बेटे को उठाके चाय पीलाने लगी। उसके बाद हम दोनों नहाये और साथ ही खाना खाया।
जब थोड़ी दोपहर सी होने लगी तो मुझसे बोली,” दीप तुम्हे छोड़कर जाने को दिल तो नही करता, पर मज़बूरी है जाना पड़ेगा। एक रात में आपसे इतना गहरा रिश्ता जुड़ गया है । जो शायद 10 सालो की शादी में विशाल से नही जुड़ा। मैंने उन्हें तयार होने को बोला और खुद भी तयार हो गया।
आधे घण्टे बाद मेने उनको गाड़ी में बिठाया और उनके ठिकाने पे छोड़ आया। आते वकत हमने अपने नम्बर आपस में शेयर किये और बाय बोलकर इनसे विदा ली।
कभी कबार अमृता का फोन आ जाता है लेकिन मेने कभी पहले नही किया।
यह थी कहानी आपको कैसी लगी भेजदो अपने कोम्मेन्टस इस ईमेल पर मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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