Maa Beti Delhi Me Bani Randiyan – Part 1
मम्मी ने दो बोतल बीयर खोलकर जग में डाल दीं और मैंने शराब की बोतल खोलकर आधी शराब जग में मिला दी। तभी संजीव ने अपनी जेब से सेक्स का चार गोली निकाल कर टेबल पर रख दीं। मैंने सब को आधा आधा कर दिया और एक टुकड़ा उठा लिया। मैंने उसको चूमा और मम्मी की तरफ कर दिया। मम्मी ने भी उसको चूमा और मैंने उसको जीभ पर रखकर जीभ संजीव के पास कर दी। उसने मेरी जीभ को मुंह में ले लिया और मेरी जीभ चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले ली।
मैंने गिलास में शराब डालकर आधा गिलास उसको पिला दिया और गोली उसके पेट में चली गई। फिर मम्मी ने गोली पर मेरा चुम्मा लेकर अपनी जीभ पर रख ली और सतीश मम्मी की जीभ को चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले गया। मम्मी ने अपने हाथों से शराब उसके मुंह को लगाकर आधा गिलास पिला दिया। हमने अपनी जगह बदल ली अब मम्मी ने संजीव को और मैंने सतीश को जीभ पर गोली रखकर शराब से खिलाई। अब सतीश ने गोली को चूमा और अपने लंड बाहर निकाल कर उस पर रगड़कर संजीव को दे दी और उसने भी गोली के टुकड़े को अपने लंड पर रगड़कर मम्मी की जीभ पर रख दी।
मम्मी ने मुंह मेरी तरफ किया और मैं मम्मी की जीभ को सेक्सी तरीके से चूसते हुए गोली मुंह में ले ली। मुझे सतीश ने अपने हाथों से शराब का आधा गिलास पिला कर गोली अंदर कर दी। अब संजीव ने गोली उठाई और चूमकर लंड पर रगड़कर सतीश को दे दी। सतीश ने गोली लंड पर रगड़कर कर मेरे मुंह में दे दी और मम्मी वो गोली मेरी जीभ को चूसते हुए अपने मुंह में ले गई। संजीव ने आधा गिलास शराब से मम्मी को गोली खिला दी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
आधी आधी गोली खाने के बाद मैंने और मम्मी ने उन दोनों के लंड हाथों में पकड़ लिए और हिलाने लगीं। हमारे हाथों का कोमल स्पर्श पाते ही दोनों के लंड अकड़ने लगे और जैसे जैसे हम उनके लंड हिला रही थीं वैसे वैसे उनके लंड और ज्यादा फूल रहे थे। हमारे नाजुक हाथों के जादू से उनके लंड लोहे की गर्म रॉड बन गए। उन दोनों ने खड़े होकर अपनी-अपनी जींस उतार दी और बचे हुए दो गोली के टुकड़े उठा लिए। सतीश मेरे सामने और संजीव मम्मी के सामने खड़े होकर अपने अपने लंड के टोपे पर गोली टिकाने लगे लेकिन गोली बार बार उनके चिकने टोपे से फिसल रही थी।
मैंने सतीश के लंड के टोपे पर जीभ घुमा घुमा कर गीला कर दिया और मम्मी ने संजीव के लंड पर जीभ घुमाते हुए गीला कर दिया। उन दोनों ने जगह बदल ली और संजीव ने मेरे सामने तथा सतीश ने मम्मी के सामने खड़े होकर गोली अपने अपने लंड के टोपे पर टिका ली। मैंने संजीव का लंड अपने मुंह में ले लिया और धीरे-धीरे लंड को बाहर निकालते हुए गोली अपने मुंह में ले ली। मम्मी ने संजीव का लंड मुंह में लिया और सेक्सी तरीके से लंड बाहर निकालते हुए गोली मुंह में ले ली।
संजीव ने मम्मी को और सतीश ने मेरे मुंह को शराब का गिलास लगाकर गोली हल्क के नीचे कर दी। वो दोनों सोफे पर बैठ गए। तभी सतीश बोला आज तक हमने बहुत औरतें को चोदा है लेकिन हमारी बहनों से बड़ी रंडी कोई नहीं मिली। लेकिन तुम उनसे भी बड़ी रंडियां लग रही हो चुदाई से पहले ही इतना मजा दे रही हो तो चुदाई में न जाने कितना मजा आएगा। मैंने उनसे कहा क्या बोल रहे हो भईया हम तुम्हारी बहनें तो हैं। मैं तुम्हारी सब से छोटी और मम्मी की तरफ इशारा करते हुए कहा ये मुझ से बड़ी। सतीश बोला तू बहुत चालू है साली हर बात को घुमा देती है।
मम्मी ने चार गिलास में शराब डाली और मैंने तथा मम्मी ने गिलास उठा लिए। मैं सतीश की गोद में बैठ गई और मम्मी संजीव की गोद में बैठ गई। हमनें उनके होंठों पर शराब के गिलास लगा दिए और वो कपडो़ं के ऊपर से हमारे बूब्ज़ दबाते हुए शराब पीने लगे। अब उन्होंने गिलास उठा लिए और हमें पिलाने लगे तो मैंने रुकने को बोला और हम दोनों गोद से उतर गईं। हमने उनको खड़े कर लिया। मैंने सतीश का लंड पकड़ कर शराब में डालकर हिलाया और मम्मी ने संजीव का उसके बाद मम्मी ने सतीश का और मैंने संजीव का लंड शराब में डालकर हिलाया।
इतने में उन दोनों ने अपनी-अपनी शर्ट भी उतार दी। वो नंगे होकर सोफे पर बैठ गए और हम फिर से उनकी गोद में बैठ गईं। उन्होंने हमें अपने हाथों से अपने लंड से हिलाई हुई शराब पिला दी। सतीश ने मेरी शर्ट उतार दी और संजीव ने मम्मी का टॉप निकाल दिया। उन्होंने हमारे बूब्ज़ ब्रा के ऊपर से दबाने चालू कर दिए। मैंने सिगरेट और मम्मी ने सिगरेट मुंह में ली और उन्होंने सुलगा दी।
मैंने कश खींच कर सतीश के होंठों को और मम्मी ने कश लगाकर संजीव के होंठों को सिगरेट लगा दी। हमनें फिर कश लिए और इस बार मैंने संजीव और मम्मी ने सतीश के होंठों को सिगरेट लगाई। ऐसे हमनें सिगरेट खत्म कर दीं और उन्होंने हमारे ब्रा की हुक खोलकर हमारे बूब्ज़ ब्रा से आजाद कर दिए।
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