Attendance Ke Liye Chudwaya – Part 1
हम एकएक-दूसरे के होंठों को मुंह में भरकर चूसने लगे और एक-दूसरे की जीभ से जीभ टकरा कर मजे लेने लगे। सेक्स का जोश ज्यादा हो रहा था हम एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर मुंह में घुमाते और होंठों को जोर से चूसते।
कुछ देर बाद हम चुदाई के नशे में पागल हो गए हम एक-दूसरे की जीभ को मुंह में भरकर जोर जोर से चूसने लगे और होंठों को मुंह में लेकर निचोड़ने लगे तथा बीच बीच में होंठों को दांतों से हल्का हल्का काटने लगे। पूरे रूम में पुचचचचच पुचचचचच की आवाज आने लगी। इन आवाजों से हमारा जोश और बढ़ने लगा तथा हम और जोर से एक-दूसरे के मुंह का तथा होंठों का रसपान करने लगे।
चूमा चाटी का खेल खेलते हुए मुझे पता ही नहीं चला कि कब प्रोफेसर ने आगे से मेरी शर्ट के बटबटन खोल दिए। मुझे तब पता चला जब प्रोफेसर ने मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्ज़ जोर से दबा दिए। उसके बूब्ज़ दबाते ही मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकल गई और मैं बारी बारी से प्रोफेसर के कानों को मुंह में लेकर चूसने और जीभ से चाटने लगी। अपने कानों पर मेरे होंठों एवं जीभ का नर्म स्पर्श पाकर प्रोफेसर के मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगीं।
मैं प्रोफेसर के सिर से पकड़ कर उसकी गालों को अपने रसीले होंठों से चूमने लगी तथा गालों पर जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगी। प्रोफेसर ने मेरे हाथ नीचे कर के मेरी शर्ट निकाल दी और मेरी ब्रा की हुक खोलकर ब्रा निकाल कर सूंघने लगा। उसने मेरी ब्रा बैॅड पर फेंक दी और मैंने प्रोफेसर का सिर ऊपर करके उसकी गर्दन पर अपने गुलाबी होंठ रख दिए।
मैं प्रोफेसर की गर्दन को कभी होंठों से चूमती कभी जीभ से चाटती तथा कभी मुंह में भरकर चूसती और वो मेरी चिकनी मुलायम एवं गोरी पीठ को सहलाते हुए कामुक आंहें भरने लगा। मुझे प्रोफेसर के जिस्म से आ रही कामुक महक पागल कर रही थी और मैं काम वासना में डूबी हुई उसकी शर्ट के बटन खोलकर गर्दन तथा छाती को चूमने एवं चाटने लगी।
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी, मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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