Bhoot To Chala Gaya – Part 7
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मैं मेरे पति को जुठ बोलकर धोखा नहीं देना चाहती थी। मैंने बड़े रंज के साथ कहा की “हाँ उसका लण्ड भी खड़ा हो गया था और मेरी पिछवाड़े में ठोकर मार रहा था।“
यह सब बताते हुए मैं रोने लगी। मैंने मेरे पति से कहा, “मुझे अफ़सोस है की आज मुझे कबुल करना पड़ रहा है की मैंने समीर की ऐसी शरारत का कोई विरोध नहीं किया और मैं भी ऐसी हलकी हरकतों का मझा लेती रही। अब मुझे अपने आप पर गुस्सा आ रहा है।”
मेरे पति राज ने कहा, “अरे जानूं, तुमतो बिलकुल बुद्धू हो। रोती क्यों हो? क्या हुआ? कुछ नहीं हुआ। थोड़ा सा जोश में आकर अगर समीर ने कुछ कर दिया तो कौनसा आसमान टूट पड़ा? अब चुप हो जाओ। तुम्हें गुस्सा आ रहा है? मैं तुम्हारी बात सुनकर उत्तेजित हो रहा हूँ। काश मैं वहाँ होता! पर क्या करूँ? तुम तो देख नहीं सकती, पर मैं बताऊँ की मेरा लण्ड तुम्हारी बातें सुनकर खड़ा हो गया है। मैं इस वक्त उसे मेरे हाथों में लेकर जोरों से हिला रहा हूँ।” न चाहते हुए भी मेरे पति की बात सुनकर मुझे हंसी आगयी। मैंने मेरे पति राज से कहा, “पता नहीं तुम कैसे पति हो, जो अपनी पत्नी को इतना प्यार करते हो और इतनी छूट देते हो!”
मैंने मेरे पति को लम्बी सासें लेते हुए सुना। मैं समझ गयी की वह मुठ मार रहे थे। मेरे बेचारे पति! मैं भी उनकी बातें सुनकर उत्तेजित होने लगी थी। सोचती थी वाकई में अगर मेरे पति यहां होते तो मेरी तो शामत ही आ जाती। थोड़ी देर बाद एक लम्बी सांस लेते हुए राज बोले, “ओह.. आअह्ह्। डार्लिंग तुम्हारी बात सुनकर मजा आ गया।“ मैं जान गयी की मेरे पति के वीर्य का फव्वारा उनके हाथों में ही छूट गया था।
थोड़ी देर रुक कर बोले, “समीर कहाँ है?”
मैंने कहा, “समीर? वह तो मुझे छोड़ कर चले गए। ”
अचानक राज ने कुछ नाराजगी जताते हुए कहा, “चला गया? और तुमने उसे जाने दिया? इतनी बारिश में वह बेचारा इतनी दूर अपने घर कैसे जाएगा? उसे तुमने रोका क्यों नहीं? तुम कितनी मतलबी हो? उसने तुम्हें सहारा दिया और घर तक लाया तो बस? तुमने उसे छोड़ दिया? और समीर भी कमाल है! इस हाल में तुम्हें छोड़ कर चला गया? मेरा मतलब है तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है। तुम्हें जुखाम हुआ है। मैंने उसे कहा था की उसे तुम्हारा ध्यान रखना है।” तब अचानक मुझे ध्यान आया की समीर ने कहा था की वह दवाई लेने के लिए जा रहा था।
मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
तब मैंने राज से कहा की शायद समीर गया नहीं था। वह शायद मेरे लिए दवाई लेने गया था। राज ने तब मुझे समझाते हुए कहा, “जानूं, आज रात के लिए उसे रोक दो। तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है। वह तुम्हें दवाई इत्यादि देगा और तुम्हारा ध्यान रखेगा।और हाँ, ध्यान रखना अगर समीर ने तुम्हें कहीं छू लिया तो तुम फिर कोई ड्रामा मत करना। समीर के साथ झगड़ा करके कोई और बखेड़ा मत खड़ा करना। और एक बात जो मैं तुम्हें हमेशा कहता हूँ ….”
मैंने मेरे पति राज की बात को आधे में ही काटते हुए कहा, “जानती हूँ ‘भूत तो चला गया, भविष्य मात्र आश है, तुम्हारा वर्तमान है मौज से जिया करो’ ठीक है न?”
राज मेरी बात सुनकर बहोत खुश हुए और बोले, “तुम वास्तव में मेरी जान हो। और हाँ, रात को अगर कुछ होता है तो मुझे जरूर बताना। मुझसे कुछ भी मत छुपाना। एक बार फिर से मैं कह रहा हूँ की अपने दिल की बात मानो और अपने आप को मत रोको। मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ और हर हाल में हमेशा करता रहूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए। तुम सही करो या गलत, मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा। क्या तुम्हें कोई शक है?”
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी..
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