Bete Ke Pehle Sex Ka Maza Liya

Deep punjabi 2018-01-21 Comments

राज – यदि माँ तुमसे सम्बन्ध न बनाये तो ?

अजय – तो भी मैं अपनी माँ को ही चोदना चाहूँगा। प्यार से न तो ज़बरदस्ती ही सही।

राज – माँ यदि बुरा मान गयी तो ?

अजय – मुझे कोई फर्क नही पड़ता, मुझे तो बस अपना गरम लावा, उसकी चूत में भरना है बस।

ऐसी बाते पढ़कर मेरे तन बदन में गुस्से से आग लग गयी। सोचा आने दो इन दोनों को आज ही क्लास लगाती हूँ। शाम को जब दोनों खाने की टेबल पे इकठे हुए तो मैंने उन दोनों को डाँट दिया और उनसे आगे से ऐसी कोई भी शिकायत न आने का वादा लिया। वो दोनों आपस में कुछ भी करते लेकिन मेरे सामने शो नही करते।

फेर एक दिन राज ने बोला,” श्वेता हमारे बेटे की शादी तो अब इस छोटी उम्र में नही कर सकते। लेकिन इसमें सेक्स का तूफान उमड़ रहा है। हम दोनों मिलकर इसको समझाते है। ऐसा करो आज से इसे अलग नही सुलाना। बल्कि हमारे कमरे में ही हमारे बिस्तर पे सुलाना।

मैं –भला वो क्यों ?

राज़ — क्योंके इसके माँ बाप होने के नाते इसके अच्छे, बुरे का हमने ही सोचना है। ताजो ये जवानी के जोश में कोई ऐसी गलती न करदे के हमारा सोसाइटी में नाम बदनाम हो जाये।

मैं — ठीक है।

राज — ऐसा करो तुम लड़कियों वाली बाते इसे समझाओ और मैं लड़को वाली समझाता हूँ।

उस रात वो हमारे बीच सो गया। उसे समझ नही आ रहा था के आज साथ में क्यों सुलाया है।

रात को उठकर वो अपने कमरे में चला गया। जब हमे जाग आई । तो उसे पास न पाकर चिंतित हुए। राज उसके कमरे में देखने गए तो वो आँखे बन्द करके लण्ड हाथ में लिए मेरा नाम लेकर मुठ मार रहा था। उसे देखकर राज चुप चाप वापिस आ गए और इशारे से मुझे बुलाकर माज़रा देखने को कहा। जब मैंने वो सीन देखा तो हक्की बक्की रह गयी।

वो आँखे बन्द करके आई लव यु श्वेता, आ जाओ प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दो। मेरा लण्ड अपनी चूत में ले लो, जैसी कामुक बाते कर रहा था। जब उसका काम हुआ तो ढेर सारा माल फर्श पे गिरा, इतना माल तो कभी मेरे पति का भी नही निकला होगा। करीब 5 इंच लम्बा लण्ड जो अब भी फुंकारे मार रहा था। मेरी हालत उसे देखकर पतली हो रही थी।

कहते है न जब काम का असर दिमाग में हो तब अच्छा बुरा, कोई रिश्ता नाता नज़र नही आता। वही हाल अब मेरा हो गया था। सरल भाषा में कहूँ तो अब मेरा भी दिल उसके लण्ड को लेने के लिए मचल रहा था। कही तो मैं उसपे गुस्सा होने गयी थी और कहाँ उसपे जाकर फ़िदा ही हो गई।

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था के क्या करूँ अब ? एक तरफ माँ की ममता और दूसरी तरफ काम के अवेश में उसका तना हुआ लण्ड ही दिखाई दे रहा था । आज पता नही क्यों माँ की ममता पे काम उतेज़ना हावी हो रही थी। मेने बहुत कण्ट्रोल किया, खुद को भी समझाया परन्तु न जाने क्यों मेरा ध्यान बेटे के लण्ड पे जाकर रुक जाता।

इसी वजह से मैं टेंशन में रहने लगी। राज ने भी बहुत बार जानना चाहा। लेकिन उन्हें कैसे कहती के अब आपके लण्ड की नही, बल्कि बेटे के लण्ड की भूख है। जब कभी भी हम सेक्स करते तो पहले जैसा मज़ा न आता। हर बार मेरा मन अजय के लण्ड को ही मांगता। आखिर एक दिन ऐसा भी आ गया जब हम दोनों माँ बेटा घर पे रह गए।

जबके मेरे पति अपने किसी काम के लिए 2 दिन तक कही गए हुए थे। मैंने सोचा चलो अच्छा मौका है। क्यों न मज़ा लिया जाये। स्कूल में छुट्टी थी तो सुबह अजय बाथरूम में नहा रहा था। उसने आवाज़ लगाई के माँ यहां नहाने की साबुन नही है। मैंने उसे साबुन देने जैसे ही बाथरूम का जरा सा दरवाज़ा खोला तो उसने साबुन लेने के लिए मेरा हाथ थामा तो वो हम दोनों फिसल कर गिर पड़े।

शावर चलता होने के कारण मेरे कपड़े भी भीग गए और मेरा बदन साफ दिखने लगा। भला अंधा क्या चाहे 2 आँखे वाली बात हो गयी थी। कुछ पल के लिए अजय की नज़र मेरे भीगे दिख रहे उरोज़ों पे जाकर रुक गयी थी। जबके मैं शर्म से मरे जा रही थी। उस वक़्त अजय मेरे ऊपर और मैं उसके निचे गिरी थी।

उसने मेरे बदन को हाथ लगाने के बहाने से पूछा, माँ आपको कही चोट तो नही लगी। एक तो भीगा बदन, ऊपर से उसका कामुक स्पर्श पाकर मेरी तो हालत बिगड़ गयी। सच पूछो तो मैं बहक गई थी! काम में इतना अंधी हो गई के बेटे को भी हवस की नज़र से देख रही थी। दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो रही थी। आवाज़ भी थरथरा रही थी, होंठ सूख चुके थे। अब बात थी के हम में से पहल कौन करे ?

मन में ये भी आया के श्वेता यदि आज पीछे हट गयी तो फेर ऐसा हसीन मौका नही मिलेगा। दिल को कठोर करके मेने वही पे अपने कपड़े एक एक करके उतारने शुरू कर दिए। मुझे ऐसा करते देखकर अजय बोला,” ये क्या कर रही हो माँ ?

मैं – मेरे कपड़े भीग गए है। तो सोचा क्यों न मैं भी नहा ही लू। वैसे भी तू मेरा अपना बेटा ही तो है। अब तुमसे क्या शर्माना।? बचपन में भी तू रोजाना मेरा स्तनपान करता था। वो बात अलग है के आज तू बड़ा हो गया है। जबके मेरा शरीर वैसे का वैसा ही पड़ा है।

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