Biwi Ho To Aisi
Biwi Ho To Aisi
मेरा नाम संगीता जैन है. मैं तेईस वर्षीया खूबसूरत और मांसल बदन की लड़की हूँ. मैं आधुनिक विचारों की हूँ और फैशनेबल तरीके से रहना मुझे अच्छा लगता है।
हम लोग चण्डीगढ़ शहर में अभी नए आए हैं. मेरे पति ॠषभ जैन एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं और महीने में पंद्रह – बीस दिन बाहर के दौरे पर रहते हैं
मेरे पति ॠषभ काफी खुले विचारों के इन्सान हैं. वे न केवल मेरे लिये सेक्सी और रोमांटिक किताबें खरीद कर लाते हैं बल्कि ब्ल्यू फिल्में भी मुझे दिखाते हैं.
चुदाई के खेल में नये नये तरीके अपनाने के लिये उकसाते हैं , उनके कहने पर मैंने कई बार चुदाई के मामले में काफी मौज मस्ती की है , वे मेरी इस आदत का कभी बुरा नहीं मानते बल्कि खुश होते हैं ।
हमने इस शहर में जो घर लिया है, इसके दो हिस्से हैं , जिसमें से एक में हम लोग रहते हैं और दूसरे हिस्से में एक अन्य नव दम्पति रहते हैं.
उन दोनों के नाम नवीन और शीनू है , नवीन किसी ऑफिस में काम करते हैं , वे सुबह दस बजे घर से निकलते हैं और शाम को पाँच साढ़े पांच बजे के बीच वापस आते हैं , हाँ कभी कभी उन्हें भी दौरे पर बाहर भी जाना पड़ता है ।
शीनू काफी सीधी-सादी युवती है. उसके साथ कुछ ही दिनों में मेरी अच्छी दोस्ती हो गई , हम लोग आपस में हर तरह की बातें कर लेती हैं.
शीनू वैसे तो काफी संकोची स्वभाव की है लेकिन लड़कियाँ एक दूसरे को घर-बाहर की हर बात बता देती हैं , यही हाल शीनू का है. वह मुझे अपने परिवार की सारी बातें बता देती है , यहाँ तक कि हम दोनों अपनी सेक्स लाइफ के बारे में भी खुल कर बातें कर लेती हैं ।एक दिन शीनू ने मुझे बताया कि उसके पति नवीन को व्हिस्की पीने का शौक है और नशे में होने के बाद वे उसे काफी रात तक परेशान करते रहते हैं । यह बात सुन कर मुझे उत्सुकता हुई , मैं उसे कुरेदने लगी कि वह इस बारे में और खुल कर बताए ।
काफी कहने के बाद आखिरकार शीनू बताने को तैयार हुई.
वह बोली- ये चाहते हैं कि हम लोग कमरे की लाईट जला कर पूरे नंगे होकर चुदाई करें , इतना ही नहीं , वे मुझे भी शराब पीने की भी जिद करते हैं , ताकि मैं भी उनकी तरह बेशर्म हो जाऊँ. कई बार ये मुझसे अपना लौड़ा चूसने को भी कहते हैं , लेकिन लौड़ा चूसना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता , लौड़ा चूसने में मुझे कई बार उबकाई आ जाती है ।
शीनू ने बातों बातों में यह भी बताया कि नवीन का लौड़ा काफी मोटा और लम्बा है, चुदाई के दौरान वे काफी देर से झड़ते हैं , जितनी देर में वे एक बार झड़ते हैं , उतनी देर में शीनू दो बार झड़ जाती है ।
मेरे पति ॠषभ की आदत उलटी है ! शीनू की देखादेखी मैं भी बताने लगी.
उन्हें अपना लौड़ा पिलाने में उतना मजा नहीं आता जितना की मेरी चूत चूसने में आता है , मुझे चित लिटा कर जब वे मेरी चूत पर जीभ फ़ेरते हैं और मेरी फांकों को अपने होंठों में दबा कर चूसते हैं तो मेरा पूरा बदन गर्म हो जाता है.
यदि मर्द चूत को मुँह में रख कर औरत के साथ मुख मैथुन करे तो वाकई उसे बहूत मजा आता है ।
शीनू बोली : संगीता तू कितनी खुश किस्मत है कि तेरा पति तेरी चूत को मुँह से चाटता और प्यार करता है , काश मेरे पति भी ऐसे होते , लेकिन उनकी निगाह में तो बीवी की चूत की सिर्फ इतनी ही अहमियत है कि उसे अपने डण्डे जैसे लौड़े से बुरी तरह ठोका पीटा जाये !
तू इतना निराश क्यों हो रही है शीनू ?मैंने शीनू के गले में अपनी बाँहें डाल कर उसे अपने से चिपटाते हुए कहा – तेरी चूत चटवाने की ज्यादा इच्छा हो तो किसी दिन अपने ॠषभ से तेरी यह इच्छा पूरी करवा दूँ , बोल ?
मेरी बात पर शीनू हंस कर रह गई ।
लेकिन मैंने जब से उसके मुँह से यह सुना था कि उसके पति का लौड़ा काफी मोटा और लम्बा है और वह काफी देर से झड़ता है , तब से मेरे मन में बार बार यह विचार पैदा हो रहा था कि काश एक बार किसी तरह मुझे नवीन का लौड़ा देखने को मिल जाये ।संयोग से कुछ दिन बाद ही मेरी यह इच्छा पूरी हो गई. शीनू ने एक दिन मुझे बताया कि उसकी शादी कि सालगिरह है और नवीन एक स्कॉच की बोतल लेकर आया है , वह रात में लाईट जला कर चुदाई भी करना चाहता है ।
यह सुन कर मैंने शीनू को समझाया कि एक अच्छी बीवी की तरह आज की रात उसे यह सब करना चाहिये , जो कि उसका पति चाहता है ।
मेरी बात शीनू की समझ में आ गई.
वह बोली : तू ठीक कह रही है संगीता , पति को जिस चीज में ख़ुशी मिले औरत को वही काम करना चाहिये.
मैंने सोच लिया है कि आज मैं स्कॉच भी पीऊँगी और इनके साथ खुल कर चुदाई भी करुँगी , आज मैं इनको पूरी तरह खुश कर देना चाहती हूँ ।
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