Biwi Ho To Aisi

vivek2885 2015-03-29 Comments

लेकिन कुछ तो वह शर्माती थी और कुछ वह अपने पति से डरती थी , इसलिए मैंने नवीन के बाहर ज़ाने पर ही रंगारंग कार्यक्रम का प्रोग्राम रखा था और शीनू की शर्म दूर करने के लिये मैंने उससे वायदा किया था कि जिस वक्त ॠषभ उसके साथ चुदाई करेगा , मैं उसके करीब मौजूद रहूँगी ।

आपने कभी किसी औरत के बारे में नहीं पढ़ा या सुना होगा कि कोई औरत खुद किसी पराई औरत को अपने पति के बिस्तर पर ले जाकर उन दोनों का यौन सम्बन्ध कराया हो ?

लेकिन मैंने खुद इस काम को अंजाम दिया , अपनी पड़ोसन शीनू को ॠषभ के बिस्तर पर ले जाकर मैंने खुद अपने हाथों से बारी बारी उन दोनों के कपड़े खोले , फिर मैं अपने कपड़े भी उतारने लगी ।

चूँकि मैंने ॠषभ को बता रखा था कि शीनू को अपनी चूत चुसवाने का काफी शौक है , लेकिन उसका पति नवीन उसकी चूत चाट कर उसे वह सुख नहीं देता.
अतः शीनू के नंगे होते ही ॠषभ उसकी कमर की ओर चेहरा करके लेट गया और दोनों हाथ उसके चूतड़ों पर जमा कर उसकी चूत चूसने लगा. फिर उसने अपनी जुबान बाहर निकाली और शीनू की मलाई जैसी त्वचा पर फिराने लगा ।

चूत पर ॠषभ की जुबान लगते ही शीनू बेचैन हो गई. वह दोनों हाथों से ॠषभ के सिर और चेहरे को सहलाने लगी और गांड उचका कर अपनी चूत उसके होंठ पर छुआने लगी । इससे ॠषभ का जोश बढ़ता चला गया , उसने शीनू की चूत की सुडौल मोटी मोटी फांकों को अपने मुँह में भर लिया और उन्हें चोकलेट की तरह चबाने लगा ।

शीनू का चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया , वह अपने पूरे बदन को बुरी तरह तोड़ने मरोड़ने लगी ।

मैं औरत होने के नाते उसकी बैचैनी को समझ सकती थी , इस वक्त तक मैंने खुद को भी पूरी तरह नंगा कर लिया था , उसी हालत में मैं शीनू के पास जाकर घुटनों के बल बैठ गई और उसकी चूचियों को हाथ से धीमे धीमे सहलाने लगी ।

शीनू की चूचियाँ उत्तेजना के कारण पूरी तरह तन गई थी और उसके दोनों निप्पल भी सख्त हो गये थे , मैं झुक कर उसकी चूचियों पर जुबान फिराने लगी , फिर उसके एक निप्पल कों दांतों के बीच रख कर काटने लगी ।

हाय संगीता , कितनी अच्छी है तू ! शीनू ने सिसिया कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया – तेरे जैसी प्यारी सहेली मुझे पहले क्यों नहीं मिली ?

तभी ॠषभ का हाथ मेरे कूल्हों पर आ गया और गांड को टटोलते टटोलते उन्होंने एक अंगुली मेरी चूत में घुसेड़ दी. उनकी इस हरकत से मैं भी उत्तेजित हो गई और पलट कर उन्हें देखती हुई बोली : अंगुली से काम नहीं चलेगा डार्लिंग , मुझे तो तुम्हारी तीसरी टांग चहिये , यही मेरी प्यास बुझा पायेगी ।

सॉरी , डार्लिंग, मेरी तीसरी टांग की बुकिंग तो आज शीनू ने करवा रखी है , अगर तीसरी टांग से मैंने तुम्हारी सेवा की तो बेचारी शीनू प्यासी रह जायेगी.
मैं नवीन तो हूँ नहीं जो की खुद झड़ने के पहले औरत को दो दो बार झडवा दूँ । ॠषभ बोले और मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगे ।

मैं ॠषभ का यह कहने का मतलब तुरन्त समझ गई , दरअसल नवीन के साथ चुदाई करने के बाद अपने पति से उसकी मर्दानगी और मजबूती की काफी तारीफ़ की थी. इसी लिये उन्होंने इस समय यह बात मजाक में कही थी लेकिन उनके इस नहले का जवाब मैंने दहले से दिया.

मैं बोली – डार्लिंग , तुम नवीन भले ना हो , लेकिन उससे कम भी नहीं हो.
मैं जानती हूँ कि तुम अपनी पर उतर जाओ तो दो क्या , चार चार औरतों को पानी पिला सकते हो ।

थेंक यू , मेरी जान , तुम्हारी इस बात ने मेरा जोश दस गुना बढ़ा दिया है।
ॠषभ बोले ।

अब तुम मेरा कमाल देखो , मैं पहले शीनू को चोदूँगा , फिर तुम्हारी चूत की आग ठंडी करूँगा । इतना कह कर उन्होंने शीनू की दोनों टांगों को उपर की ओर मोड़ दिया और उसकी चूत को चुटकियों से मसलने लगे ।

ॠषभ के मुँह से चूत चटवाने का स्वाद ले चुकने के कारण उसकी चूत पहले ही गीली हो चुकी थी अतः कुछ देर हाथ से मसलने के बाद ज्यों ही अपना लौड़ा उसकी चूत में डाल कर चोदना शुरू किया, वह बार बार काँपने लगी ।

उसकी हालत देख कर मैं समझ गई कि वह ज्यादा देर तक ॠषभ की मर्दानगी का सामना नहीं कर पायेगी और आखिरकार यही हुआ. ॠषभ ने मुश्किल से बारह चौदह धक्के ही मारे होंगे की शीनू बुरी तरह सिसियाती हुई उनसे चिपक गई , उसकी हालत दीवार पर चिपकी छिपकली जैसी दिख रही थी ।

शीनू को अपने से अलग करने के बाद ॠषभ ने मेरी जाँघों के बीच आसन लगा लिया , काफी देर तक लौड़ा चूत की आपस की लड़ाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये ।

उस दिन के बाद से शीनू और मेरा एक दूसरे के पतियों के साथ चुदाई का सम्बन्ध बराबर बना हुआ है. जब भी हम में से किसी का पति किसी काम से बाहर जाता है तो उसकी बीवी दूसरे के पति से अपनी चूत की गर्मी शांत करती है.

आपसी सहमति का यह खेल पिछले दो सालों से चल रहा है , केवल शीनू के पति नवीन इस पूरी हकीकत से अनजान है. वह यही समझता है कि मैंने उसके साथ सम्बन्ध बना रखे हैं , लेकिन उसकी बीवी शीनू बिल्कुल सीधी सादी और शरीफ है।

अभी हमने नवीन को हकीकत बताया नहीं है , शीनू डरती है उसके बताने से कोई गड़बड़ ना हो जाये।

दोस्तों मेरी ईमेल आई डी है “[email protected]”। कहानी पढने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में जरुर लिखे। ताकी हम आपके लिए रोज और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें। डी.के

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top