Chandigarh Me Papa Ke Dost Se Chudi – Part 1

Arashdeep Kaur 2018-03-03 Comments

हैलो दोस्तो, सभी प्यारे पाठकों को एक बार फिर अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ अर्श का प्यार भरा सलाम। मेरी कहानियों को पढ़ने और पसंद करने के लिए चूत और गांड खोल कर सभी का बहुत बहुत शुक्रिया।

मैं अपनी चुदाई की एक और गर्मागर्म कहानी लेकर हाजिर हुई हूं, उम्मीद है आपको बहुत पसंद आएगी। ये कहानी मेरे और मेरे पापा के बॉस के बीच हुए सेक्स की कहानी है जो अब रिटायर हो चुके हैं।

मेरे बारे में तो आप लोग अच्छी तरह से जानते हो कि मैं कितनी बड़ी चुद्दकड़ हूं और इस मामले में भगवान् भी मेरा साथ देता है जो मुझे नए से लंड मिलवाता रहता है। पापा के उस बॉस का नाम हुक्म चंद है और आयु 58 साल है। वो सिर से गंजा है और चेहरा क्लीन शेव है।

इस उम्र में भी वो बिल्कुल फिट है और उसकी वजह उसकी कसरत की आदत तथा साईकल चलाना है। वो अपने गांव से रोज़ 10 किमी साईकल चला कर ही दफ्तर आता जाता था और अब भी कहीं भी आस पास जाना हो साईकल से ही जाता है।

उसका कद मुझ से एक इंच कम यानि 5 फीट 6 इंच है। वो फॉर्मल पैंट शर्ट पहनता है ज्यादातर सफेद शर्ट और ग्रे पैंट होती है। साथ में चमड़े के काले जूते और आंखों पर नज़र का चश्मा होता है।

ये बात पिछले साल जून महीने की है। मैं एमकॉम पहले साल के साथ आईलेटस की तैयारी भी कर रही थी। मुझे उसकी परीक्षा केलिए चंडीगढ़ जाना था। जून महीने की तारीथ मिली थी और सुबह जल्दी पहुंचना था।

अब दिक्कत ये हो रही थी कि एक दिन पहले जाना होगा और साथ कौन जाएगा क्योंकि रात को होटल में रुकना था। पापा को छुट्टी मिलना मुश्किल था और मम्मी की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी।

मम्मी को जून में गर्मियों की छुट्टियां होती हैं। खराब तबीयत के बावजूद वो चलने को तैयार हो गई। जाने से ठीक एक दिन पहले पापा ने बताया कि उनका बॉस रिटायर हो रहा है उसको भी उसी दिद जाना है और वहां ही रुकेगा।

पापा के उसके साथ बहुत अच्छे संबंध हैं तो पापा ने मुझे उसके साथ जाने को पूछा और मैंने हां कर दी। पापा ने हुक्म चंद को फोन करके साथ लेजाने को कहा और वो भी मान गया।

अगले दिन शाम दोपहर को वो अपनी कार लेकर आया और हम दोनों चंडीगढ़ केलिए निकल पडे़। हम शाम को चंडीगढ़ पहुंचे। उसने रोज़ की तरह सफेद शर्ट और ग्रे पैंट पहनी हुई थी। मैंने ब्लू टाईट जींस, लाईट ग्रीन शर्ट, ग्रीन ब्रा एवं पैंटी, काले हाई हील के सैंडिल पहने हुए थे और आंखों पर नज़र का चश्मा लगा लिया था।

मालूम नहीं उस दिन क्या बात थी हम दोनों बहुत होटलों में घूमें लेकिन कहीं कोई रूम नहीं मिल रहा था। हमने थक हार कर खाना खाया और फिर होटलों कू चक्कर लगाने लगे। करीब 10 बजे रात को एक हैटल में एक रूम मिला। हम दो रूम मांग रहे थे लेकिन रूम एक ही था।

हमने रूम बुक कर लिया और घर फोन करके बता दिया कि सब ठीक है। हम रूम में आ गए और पापा के बॉस ने दो कॉफी का आर्डर दे दिया। पहले वो बाथरूम में फ्रेश होकर आया और उसने काली लोअर और सफेन टी शर्ट पहन ली।

मैंने बैग में देखा तो पता चला कि मैं तो नाईट सूट लाना ही भूल गई हूं। मैंने बाथरूम मे़ फ्रेश होने के बाद वही कपड़े पहन लिए। जब बाहर आई तो वो सोफे पर बैठा हुआ था और वेटर कॉफी दे गया था। मुझे उन्हीं कपड़ों में देखकर बोला चेंज नहीं करनी क्या तो मैंने बताया कि नाईट सूट भूल आई हूं।

उसने मुझे कहा तुम कृफी पी लो फिर पास वाली मार्किट से सूट ले आते हैं। मैंने मना कर दिया और कहा कोई बात नहीं अंकल मैं ठीक हूं। अंकल ने मुझे कहा तुम बैॅड पर सो जाना मैं सोफे पर सो जाऊंगा।

मैंने कहा नहीं अंकल आप बैॅड पर सो जाओ मैं सोफे पर सो जाऊ़गी। कुछ देर की बहस के बाद मैंने बोला अंकल हम दोनों ही बैॅड पर सै जाएंगे। आप भी तो मेरे पापा जैसे ही हो अगर पापा होते तो भी बैॅड पर सोते। हम दोनों बैॅड पर आ गए।

वो बैॅड पर लेट गया और मैं बाहर जाकर जल्दी से पैॅग मारकर और सिगरेट पी कर आ गई। वो अभी भी बैॅड पर लेटा हुआ था। मैं सोफे पर बैठ कर थोडा़ पढ़ने लगी। वो टांगे फैला कर सोया हुआ था। थोडी़ देर बाद मैं सोने लगी और सोने से पहले एक और चर्स वाली सिगरेट बाहर जाकर पी आई।

जब मैं लेटने लगी तो उसकी एक लात की वजह से जगह कम थी। मैंने उसकी टांग पकड़ कर सीधी कर दी। उसकी आंखें बंद थीं लेकिन मैं समझ गई कि वो सोने का नाटक कर रहा है क्योंकि उसकी लोअर में उसका लंड तना हुआ था। मुझे पता था अब वो छेड़खानी जरूर करेगा।

मैं भी लाईट आॉफ करके बैॅड पर लेट गई लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं उसकी हरकत का इंतजार करने लगी और आंखें बंद करके लेट गई। मैं उसकी तरफ मुंह करके लेटी हुई थी।

कुछ देर बाद वो मेरी तरफ सरक आया और मेरी तरफ मुंह कर लिया। कुछ देर उसने कोई हरकत नहीं की जैसे जायजा ले रहा हो मैं सो गई या नहीं। उसने अपना हाथ शर्ट के ऊपर से मेरे बूब्ज़ पर रख दिया। उसके कुछ टाईम बाद वो सरक के बिल्कुल मेरे पास आ गया और अपनी टांगें मेरी टांगों से सटा लीं।

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