Papa Ke Sath Garma Garam Chudai

Arashdeep Kaur 2017-07-04 Comments

मैंने कहा ये आम सिगरेट नहीं है पापा इसमे चर्स भरी हुई है तो पापा बोले बहुत बड़ी रांड है तू यार ला मुझे भी सिगरेट दे। मैंने कश खींच कर सिगरेट पापा को दे दी और पापा ने लंबा सा कश लगाया। ऐसे एक एक कश खींच कर हमनें सिगरेट खत्म कर दी। मैंने गिलास में पैग बनाया और पर्स से सेक्स की दो गोलियां निकाल लीं। पापा बोले तू तो सच में बहुत चुद्दकड़ है सेक्स की गोलियां भी लेकर आई है। मैंने एक गोली अपने होंठों के बीच दबा ली और पापा के पास होंठ कर दिए। पापा ने ने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा कर मेरे होंठ चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले ली।

जैसे ही पापा के होंठों ने मेरे होंठों को छुआ, मेरे बदन में आग सी लग गई। मैंने आधे गिलास से गोली पापा को खिला दी और कुर्सी पर बैठ गई। मैंने पापा से कहा कितना अच्छा होता अगर मैं अपनी सील आपसे तुड़वाती। पापा ने कहा मैं तो तुझे कब से चोदना चाहता था लेकिन मौका आज मिला है।

पापा ने कहा अर्श कपड़े गीले हो गए हैं उतार दो। मैंने कहा मैं आपके निकालती हूं आप मेरे निकाल दो। हम दोनों खडे़ हो गए। मैंने पापा की शर्ट और पैंट निकाल दी और पापा ने मेरी शर्ट और जींस निकाल दी। पापा सिर्फ अंडरवियर में और मैं लाल ब्रा एवं पैंटी में खडी़ थी। पापा की नजर मेरे ब्रा से बाहर निकले हुए बडे़ बडे़ बूब्ज़ पर थी और मेरी नजर पापा के अंडरवियर में उछल रहे लंड पर थी।

पापा ने अपने होंठों में गोली दबाकर होंठ मेरे पास किए लेकिन मैंने गोली हाथ से निकाल ली और पापा के होंठों को चूम लिया। मैंने घुटनों के बल बैठ कर पापा का अंडरवियर नीचे किया और लंड के टोप्पे से चमड़ी पीछे कर के गोली उनके लंड के टोप्पे पर टिका दी। मैंने अपना मुंह खोलकर पापा का लंड मुंह में लिया और धीरे-धीरे लंड को बाहर निकालते हुए गोली मुंह में ले ली। पापा ने आधे बचे शराब के गिलास से गोली मुझे खिला दी।
पापा ने मेरी ब्रा की हुक खोलकर निकाल दी और पैंटी भी निकाल दी। पापा ने मेरा बदन ऊपर से नीचे तक देखा और बोले अर्श आज तक जितनी भी लड़कियों और औरतों को मैंने चोदा है, तेरा बदन सब से खूबसूरत एवं सेक्सी है। तू बिलकुल अपनी मां पर गई है। तुम दोनों गजब की खूबसूरत भी हो और चुद्दकड़ रांड भी। पापा चारपाई पर बैठ गए और मैं उनकी गोद में बैठ गई। पापा ने पैग बनाने केलिए गिलास उठाया लेकिन मैंने मना करते हुए कहा गिलास की क्या जरुरत है पापा, बोतल से नीट पीते हैं।

पापा ने बोतल मुंह को लगाई और गटागट तीन चार घूंट पी गए। उतनी देर में मैंने सिगरेट जला ली और कश लगा लिया। पापा ने मेरे होंठों को बोतल लगा दी और मैंने भी बड़ी बड़ी घूंट पी ली। मैंने पापा के होंठों को सिगरेट लगा कर उनको कश लगवा दिया। पापा मुझे शराब पिलाते और मैं पापा को सिगरेट पिलाती। हम दोनों बिलकुल नंगे बैठे शराब और चर्स का मजा ले रहे थे। जिस तरह से मैं पापा की गोद में बैठी थी वैसे पापा का लंड मेरी गांड के छेन पर ठोकर मार रहा था। ऐसे हमने शराब की पूरी बोतल और चर्स की दो सिगरेट खत्म कर दीं।

बाहर बारिश बहुत तेज हो गई और मैं उठ कर बाहर आ गई। पापा भी मेरे पीछे बाहर आ गए। जैसे ही पापा बाहर आए मैं उनसे कस खर लिपट गई। मेरे मोटे-मोटे बूब्ज़ पापा कई सुडौल छाती में गढ़ गए, मेरा नाजुक एवं मुलायम पेट पापा के सख्त पेट से चिपक गया और पापा का लंड मेरी चूत से टकराने लगा। हम पर शराब, चर्स एवं सेक्स का नशा पूरी तरह चढ़ गया था ऊपर से बारिश का पानी और आग लगा रहा था। मैं पापा की पीठ सहलाती हुई उनकी गर्दन के नीचे चूमने लगी और पापा मेरे दोनों चूतडो़ं को पकड़कर दबाने लगे।

बीच-बीच में मैं पापा की की छाती पर अपने बूब्ज़ मसल देती। पापा ने मेरा सिर पकड़ा और मेरा चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए। पहले हमने एक दूसरे के बारिश से भीगे होंठ जीभ से चाटकर साफ किए और फिर होंठों का रसपान करने लगे। कुछ टाईम तो आराम से चूमते रहे फिर जोर जोर से चूसने लगे। हम एक दूसरे के होंठों को मुंह में लेकर चूसने लगे और दांतों से हल्का हल्का काटने लगे। फिर हम एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने एवं चूसने लगे।

मैं पापा के बारिश से गीले हुए गाल, कान और गर्दन चूसते हुए पापा कई छाती को जीभ से चाटने लगी। मैंने पापा के छाती के निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगी। बीच-बीच में मैं पापा के निप्पलों को काट लेती और थब पापा मेरे कंधों को जोर से दबाकर आहें भरने लगते। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

अब मैं पापा के पेट को चूसते हुए चूसने और काटने लगी और पापा मस्ती में मेरा सिर अपने पेट पर दबा देते। पापा ने मुझे सीधी खडी़ कर दिया और अपना मुंह मेरे बूब्ज़ पर रख दिया। पापा जोर जोर से मेरे बूब्ज़ चूसने लगे और जितनी जोर से पापा बूब्ज़ चूसते मुझे उतना ही मजा आता। पापा मेरे बूब्ज़ चूस रहे थे और मैं उनका सिर पकड़ कर अपने बूब्ज़ पर दबा रही थी।

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