Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 8

iloveall 2016-08-30 Comments

This story is part of a series:

तब अनिल ने बड़ी सम्यता से कहा, “नहीं राज, हमें महिलाओं के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए। मैं नहीं चाहता की नीना भाभी के मन को मेरी बातों से कोई ठेस पहुंचे।” अनिल की इतनी शालीन बात सुनकर नीना और भी प्रसन्न हुई।

अब तो नीना अनिल को बड़े सम्मान और अपने प्रेम से देख रही थी। नीना ने अनिल के दोनों हाथों को अपने हाथों में लिया और उन्हें प्रेम से सहलाने लगी। पर वह मेरे ताने को भूली नहीं थी।

नीना ने मुझसे नाजुक शब्द सूना था तो उसे तो जवाब देना ही था। वह जोश में आ कर और बोली, “नहीं अनिल, तुम जरूर वह कहानी पूरी सुनाओ। मैं क्यों भला हिचकिचाउंगी? आखिर सेक्स भी तो हमारी ज़िंदगी का एक स्वाभाविक ऐसा हिस्सा है जिसको हम नजर अंदाज़ नहीं कर सकते। अनिल तुम बे झिझक कहो। मेरी वजह से मत हिचकिचाओ। अगर पुरुष लोग सेक्स की बातें करते हैं और सुनते हैं तो भला स्त्रियां क्यों नहीं सुन सकती? मेरे पति को अगर उसे सुनना है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं। उन के दिमाग पर तो हमेशा सेक्स ही छाया रहता है।” नीना ने मुझ पर अपने गुस्से की झड़ी जैसे बरसा दी।

तब तक अनिल ने महेश और उसके मित्र दम्पति की कहानी थोड़ी दबा छिपा कर सुनाई थी। उसने कहीं भी अभद्र कहे जाने वाले शब्दों का उपयोग नहीं किया था। ना ही उसने मैथुन का स्पष्ट रूप से वर्णन कियाथा। जब मैं ने उसे उकसाया और उसको नीना की भी अनुमति मिल गई तब वह उसी बात को और स्पष्ट रूप से बताने लगा।

अब अनिल ने स्पष्ट रूप से महेश के मित्र और उसकी पर्त्नी के सेक्स के बारे में विस्तार से बताने लगा। महेश ने कैसे उसके मित्र की पत्नी की चूत को चाटा और कैसे उसकी चूत के झरते हुए पानी को चूसने लगा।

महेश के मित्र की पत्नी ने अपने पति और महेश दोनों के लण्ड को अपने दोनों हाथोंमे सहलाती थी, और उसने दोनों के लण्ड को कैसे बारी बारी से चूसा यह सुन कर हम तीनों उत्तेजित हो उठे।

तब अनिल ने कहा की जब पहली बार महेश ने अपनी पत्नी का ब्लाउज और ब्रा खोली तब उसने उस के ब्लाउज के निचे अपनी ऊँगली डाली। यह कहते हुए, अनिल ने भी नीना के ब्लाउज के निचे अपनी एक ऊँगली डाली और उसके ब्लाउज को ऊपर खींचने लगा।

जैसे ही नीना को इस बात की समझ आई तो वह एकदम गुस्साई आँखों से मेरी और देखने लगी। मैं समझ गया की अगर कुछ नहीं किया तो नीना जरूर बरस पड़ेगी और शामका सारा मज़ा और हमारे प्लान पर पानी फिर जायेगा।

मैंने तुरंत नीना को मेरी और पूरी ताकत से अपनी तरफ खींचा और उसके रसीले होठों पर अपने होंठ रख कर उसे किस करने लगा। नीना को मेरी तरफ घूमना पड़ा।

किस करते करते मैंने नीना की साडी को उसकी जांघों से ऊपर खींचते कहा, “अनिल, तुम्हारी कहानी इतनी उत्तेजित करती है की मैं अपने आप को कंट्रोल में रख नहीं पा रहा हूँ। नीना भी उतनी उत्तेजित हो गयी थी की वह मुझसे लिपट कर जोश से चुम्बन करने लगी और मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर मुझसे अपनी जीभ चुस्वाति रही। उसे अब अनिल के देखने की कोई चिंता नहीं थी। अनिल की उंगली नीना के घूमने से नीना की पीठ पर जा पहुंची। नेना की पीठ खुली हुई थी और नीना की ब्रा की पट्टी का हुक अनिल की उंगली में आ गया।

तब नीना मुझे पूरी तरह जकड़ कर मुझे अपने पुरे जोश से चुंबन कर रही थी। शायद अनिल ने अपनी हथेली मेरी बीबी की ब्रा के अंदर घुसेड़ दी थी और वह अनिल इस बात का फायदा उठाकर अपनी उँगलियों से नीना की भरी मद मस्त चुंचियों को सहलाता जा रहा था। उस चुम्बन के जोश में शायद नीना को इस बात का अहसास नहीं था की अनिल क्या कर रहा है।

थोड़ी देर बाद नीना ने घूम कर देखा तो पाया की अनिल नीना और मेरे चुम्बन को देख रहा था। उसे बेचारेअनिल पर थोड़ा सा तरस आया। नीना ने अनिल का सर अपने हाथों पकड़ा और अपने कन्धों पर रखकर अनिल के बालों में अपनी उंगलियां डाल कर ऐसे सहलाने लगी जैसे की कंघी कर रही हो। ।

नीना का अनुमोदन पाकर अनिल फुला नहीं समा रहा था। उसने मेरी तरफ अपनी दो उँगलियों से अपनी सफलता का ‘V’ का निशान मुझे दिखाया। मैंने भी उसे अंगूठा दिखाकर आगे बढ़ने के लिए इशारा किया।

अनिल ने फिर कार रोक कर मुझसे पूछा, “क्या यार अब वह कवी सम्मलेन में वापस जाना है क्या?”

मैंने कहा, “मुझे तो कवी सम्मलेन से तेरी बातों में ज्यादा रस आ रहा है। भाई अब तेरे मित्र की अधूरी बात तो पूरी कर।“

नीना ने मेरी बात को बिच में काटते हुए कहा, “अनिल अब अपने दोस्त से पूछो की मैंने तुम्हारी सेक्स वाली बात पूरी सुनी के नहीं? अब तो वह मेरी बात को कबुल करें की स्त्रियां पुरुषों से बिल्कुल कम नहीं। ”

मैंने तब कहा, “मैं अब भी नहीं मानता। तुमने बात जरूर सुनी, पर जैसे ही थोड़ा सा नाजुक वक्त आएगा तो तुम भाग खड़ी हो जाओगी।”

अनिल ने मेरी बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “तू क्या बकवास कर रहा है राज? तुझे पता है तू कितना भाग्यशाली है नीना को पाकर? इतनी अक्लमंद, इतनी सुन्दर, इतनी सयानी और इतनी हिम्मत वाली पत्नी बड़े भाग्य से मिलती है। मैंने आजतक नीना भाभी के समान अक़्लमंद, सुन्दर, सेक्सी, हिम्मत वाली स्त्री कहीं नहीं देखि। इसमें तू मेरी बीबी अनीता को भी शामिल कर सकता है।”

Comments

Scroll To Top