Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 8
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नीना को वह गाउन पकड़ा कर अनिल वहाँ से गायब हो गया। अब नीना के मनमें अनिल के प्रति बेहद सौहार्दपूर्ण भाव हो गया था। उसके लिए अनिल एक शिष्ट, सभ्य और अत्यन्त संवेदनशील आदमी था जिसको महिलाओं का सम्मान करना भली भांति आता था। अनिल की सुबह वाली शरारत को जैसे वह भूल चुकी थी।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
नीना ने अनीता गाउन हाथ में लिया, तब मैंने उसे कहा, “अब इसे पहनलो और अपने अंदर के कपड़ों को निकाल कर अलग से रखना ताकि कल सुबह हम उसे फिर से पहन सकें। नीना इधर उधर देखा। अनिल जा चूका था। तब उसने मेरे सामने ही अपने कपडे उतारे और ब्लाउज पैंटी , ब्रा इत्यादि तह करके बैडरूम के कोने में रख दिए। मैंने नीना को कई बार नंगे देखा था..
पर उस रातकी बात ही कुछ और थी। नीना की आँखों में वह सुरूर मैंने पहली बार देखा। वह शराब से नहीं था। उसे आज अपने स्त्री होने का गर्व महसूस हो रहाथा। अनिल यदि जिद करता तो नीना को उसके सामने शायद मजबूर हो कर कपडे बदलने पड़ते। पर अनिल ने ऐसा कुछ नहीं किया। उसने नीना को अकेले में (उसके पति के सामने ही) कपडे बदलने का मौक़ा दिया। इस बात से नीना अनिल की एक तरह से ऋणी बन चुकी थी।
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी.. और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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