Bhoot To Chala Gaya – Part 2
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मामी वहांसे भागने के इरादे से उठ खड़ी हुई तो मामा ने लपक कर मामी की साड़ी उतार दी। मामी ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी बार बार मामा को मिन्नतें कर रही थी और उन्हें यह कह कर रोकने की कोशिश कर रही थी की मैं वहाँ सोई हुई थी और फिर मामी की तबियत भी ठीक नहीं थी। मामा ने मामी की एक न सुनी। मैं रजाई ओढ़ कर एक छोटे से कोने में से उनको देख रही थी। मामा की आँखों में वासना का नशा छाया हुआ था। शायद उन्होंने शराब भी पी रखी थी। वह कुछ भी सुनना नहीं चाहते थे। और मेरे देखते हुए ही उन्होंने मामी का ब्लाउज उतार दिया और पेटीकोट का नाडा खिंच कर पेटीकोट भी निचे गिरा दिया। मामी ब्रा और छोटी सी पैंटी में अपने बड़े स्तनों को और अपनी लाज को ढकने की नाकाम कोशिश में लगी हुई थी।
मामा ने मामी की ब्रा को एक झटके में तोड़ दिया और मैंने पहली बार किसी स्त्री के परिपक्व स्तनों को देखा। मामा ने खड़े खड़े ही मामी के स्तनों को चूसना और दबाना शुरू किया। मैं परेशान हो गयी जब मैंने देखा की मामी की पैंटी में से खून बह रहा था। मेरी समझ में यह नहीं आया की मामा ने मामी को वहाँ ऐसा क्या मारा की मामी के शरीर में से इतना खून बहे।
खैर, मामी चिल्लाती रही और मामा ने मामी को उठाया और पलंग पर पटका। मामा ने फिर अपने कपडे एक के बाद एक निकाले और खड़े खड़े ही नंगे हो गए। तब मैंने देखा की मामा की टांगों के बिच में से उनका लंबा और मोटा लण्ड लटक रहा था। मैंने किसी भी मर्द के लण्ड को तब तक नहीं देखा था। मामा का लण्ड पहली बार देखा तो मैं तो डर गयी। मामा का इतना बड़ा लण्ड ऐसा लगता था जैसे मैंने एक बार एक घोड़े का लण्ड देखा था। मामी का बदन भय से काँप रहा था।
मेरे मामा लम्बे और भरे हुए बदन के थे। उनका पेट भी थोड़ा सा निकला हुआ था। आधे अँधेरे में उनका शरीर बड़ा ही डरावना लग रहा था। उन्होंने मामी के पाँव चौड़े किये और खून से लथपथ मामी के दो पाँवों के बिच में उन्होंने अपना लण्ड घुसेड़ दिया और उसे अंदर की और धकेलते रहे। उसके बाद बस मुझे मामी की कराहटें और मामा की जोर जोर से चलती साँसों के अलावा कुछ सुनाई नहीं पड़ा। थोड़ी देर बाद सब शांत हो गया। बाद में मुझे पता चला की जो मामा मामी को कर रहे थे उसे चोदना कहते थे और मामा मामी को चोद रहे थे।
यह देख मैं एकदम घबड़ा गयी थी। तब मैंने तय किया की मैं कभी शादी नहीं करुँगी और सेक्स तो कभी भी नहीं करुँगी, क्यूंकि मुझे उस तरहसे किसी की मार खाना और जुल्म सहना गंवारा नहीं था। मेरे मने में एक भयानक डर उस दिन से घर कर गया जो मेरे पति की लाखों कोशिशों के बावजूद पूरी तरह से गया नहीं था।
पढ़ते रहिए, क्योंकि ये कहानी अभी जारी रहेगी..
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