Facebook Friend Ki Chodi Fuddi
वो — वो सब ठीक है। आप बताइये घर पे सब कैसे है।
मैं — सब ठीक है, आपका बेटा कही दिख नही रहा ?
वो — रोहित स्कूल गया है, शाम के 4 बजे तक आ जायेगा। यह पे तब तक हम दोनों ही हैे।
चलो आप नहालो तब तक आपके लिए चाय खाने का इंतज़ाम करती हूँ। फेर फ्री होकर बाते करेंगे।
मै नहाने चला गया और वो खाना बनाने रसोई चली गयी।
10 मिनट बाद कब मैं बाथरूम से बाहर आया तो तब तक मेज़ पे चाय, नाश्ता लग चुका था।
हमने इकठे ही खाना खाया और ढेर सारी बाते की।
खाना खाकर उसने मुझे अपने बेडरूम में आराम करने को बोला और खुद नहाने चली गयी।
थोड़े समय बाद जब नहाकर वापिस आई तो उसके शरीर पे कपड़े के नाम पे एक लम्बा तौलिया ही बंधा हुआ था और आते ही शीशे के सामने खड़ी होकर दूसरे कपड़े से अपने बाल पोंछने लगी। मैं ये सब दूर से ही निहार रहा था।
उसने शीशे में से मुझे देखा और पूछा,” क्या देख रहे हो ?
मैं — आप बड़ी सुंदर हो। भगवान ने आपको बड़ी शिद्दत से बनाया है।
एक वो है (उसका पति) जो इतनी सुंदर बीवी को अकेली छोड़कर खुद लोगो की गुलामी कर रहा है और एक मैं हूँ जो इतनी दूर का सफर तय करके इसका प्यार पाने आया हूँ।
मेरी इस बात से उसकी हंसी निकल गयी और वो मेरे पास बेड पे आकर बैठ गयी और बोली,” बाते बनाना कोई तुमसे सीखे।
मैंने उसे बैठे ही पीछे से ही उसे हग किया और बाल साइड पे करके उसकी पीठ पे किस लिया, जिस से उसकी एक आअह्ह्हहह निकल गयी। उसने मेरी तरफ अपना मुंह घूमाते हुए कहा, चलो बेटे के आने से पहले पहले एक राउंड लगा ले। मुझे उसकी बात ठीक लगी और मैंने उसे बेड पे लिटाकर उसका ओढ़ा हुआ तौलिया निकाल दिया। अब वो बिलकुल नंगी पड़ी थी। एक दम कलीनशेव चूत, शायद आज ही बनाई होगी, मैने खडा होकर अपने कपड़े निकाल ने शुरू किया। दो मिनट बाद मैं भी एक दम नंगा उसके सामने खड़ा था। उसने मेरा 7″3′ लण्ड देखा तो उसके मुंह से पानी आ गया और बोली,” आज तो मेरी हर इच्छा पूरी हो जायेगी।
मैंने आगे होकर अपना लण्ड उसके हाथ में दे दिया और कहा, लो करलो अपनी हर इच्छा पूरी।
उसने हाथ में पकड़ कर लण्ड की चमड़ी आगे पीछे की और जीभ से चाटना शुरू कर दिया। मैं तो जैसे 7वे आसमान की सैर कर रहा था। मैंने इससे पहले सेक्स तो कई बार किया था लेकिन किसी लड़की ने इतने मज़े से मेरा लण्ड नही चूसा था।
थोड़ी देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे में खोये रहे। जब मुझे लगने लगा के अब मेरा काम होने वाला है तो मैंने उसे रुक जाने को बोला।
वो — क्या हुआ डिअर मज़ा नही आया क्या ??
.मैं — नही ऐसी बात नही है, लेकिन मेरा जल्दी न हो जाये इस लिऐ आपको रोक दिया।
मैं अब बेड पे उसके ऊपर लेट गया। दोनो हाथो से उसका चेहरा पकड़कर उसके होंठो को चुमा। वो भी मेरे गले में बांहे डालकर मेरा साथ देने लगी। फेर थोडा नीचे होकर मैं उसके बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। वो मद्होश होकर मेरा सिर अपने बूब्स पे दबाने लगी और बोली,” जी भर के पीलो सावन राजा रात को ये जवानी बड़ी तंग करती है।
फेर मैं नीचे होता हुआ उसकी अंदर धँसी हुई नाभि पे आ गया, एकदम स्पॉट पेट था, उसको चुमा, फेर नाभि में गोल गोल जीभ घुमाने लगा। उसकी अवाज़ से लग रहा था उसे बहुत मज़ा आ रहा है। फिर निचे होकर उसकी चिकनी चूत को सुंघा, उसमे से अजीब सी कामुक महक आ रही थी। मैंने उसकी टांगो को खोलकर उसके दो गुलाबी होंठो को चूमा, स्वाद चाहे उनका थोडा कुसैला था पर मज़ा आ गया।
इतने में वो बोली,” अब और न तड़पाओ राजा, बस जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो, कई महीनो से चुदासी हूँ। आपका ये अहसान ज़िन्दगी भर नही भूलूंगी। मेरी प्यासी चूत को अपने लण्ड के पानी से सींच दो। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने उसकी टांगो को अपने कन्धो पर रखा और ढेर सारा थूक अपने लण्ड पे लगाकर, उसकी चूत के मुह पे सेट करके जैसे ही हल्का सा झटका दिया। तो उसकी एक घुटी सी चीख निकल गयी। मैंने उसके शांत होने का इंतज़ार किया और दुबारा फिर एक झटका दिया तो इस बार 7’3” का लण्ड जड़ तक उसकी कसी हुई चूत में समा गया और फेर धीरे धीरे हिलने लगा। वो भी निचे से हिलकर मेरा पूरा साथ दे रही थी।
करीब 10 मिनट की इस जंग में हम इकठे ही शहीद हो गए और काफी समय तक एक दूसरे को बाँहो में लिए पसीने से भीगे लेटे बाते करते रहे। लेटे लेटे उसकी नज़र दीवार घड़ी पे पड़ी और जल्दबाज़ी में उठकर बोली,” जल्दी उठो रोहित के आने का समय हो गया है। हम दोनों ने उठकर कपड़े पहने । इतने में डोर बेल बजी। अमृता भागकर दरवाजे की तरफ गयी। दरवाजा खोलकर देखा तो सामने स्कूल वैन का चालक रोहित की ऊँगली पकड़े उसे छोड़ने आया था।
वो रोहित को दरवाजे पे ही छोड़कर चला गया। अंदर आकर अमृता ने दरवाजा बन्द कर दिया और मेरे पास आकर बोली, बेटा ये अंकल है तुम्हारे लिये ढेर सारी चॉकलेट्स और टाफियां लेकर आये है। तुम कपड़े बदल लो बाद में अंकल से टाफियां ले लेना। स्कूल से आते ही वो नहाकर सो गया। उसके बाद मैंने उस से जाने की इज़ाज़त मांगी।
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