Chachi Ke Saath Suhagdin Manaya

Deep punjabi 2017-06-23 Comments

जिसमे एक लड़का लड़की को बहला फुसला कर उस से अपना लण्ड चुसवाता है और उसकी ताबड़तोड़ चुदाई भी करता है।

मेरे मोबाइल में ऐसा वीडियो देखकर वो हैरान होती हुई बोली,” ऐसी भी फिल्म होती है क्या ?

मैं — हाँ आंटी होती है। तभी तो चल रही है।

वो — बदमाश एक तरफ मेरा माल हज़म करना चाहता है और फेर भी आंटी बोल रहा है।

मैं — (हंसते हुए) — तो फेर क्या बोलू आप ही बताओ ??

वो — मुझे जानू कहो या मेरा नाम लो रेखा, तुम्हे याद है क्या, करीब एक हफ्ता पहले एक दिन जब हम डॉक्टर के पास गए थे तो उसने हमे पति पत्नी समझ लिया था। उस दिन तुमने मेरी बहुत सेवा की थी। सो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है के तुझे की गयी सेवा का फल दूं।

इसलिए आज हम बच्चों के आने से पहले पहले पति पत्नी की तरह रहेगे।

मुझे उसकी बात जम गई।

मैं– ठीक है जान, आज हमारा पहला दिन है तो पहले हम सुहाग दिन मनाएंगे।

मेरी बात सुनकर वो शर्मा गयी और जो हुक्म स्वामी कहकर फ्रीज़ से दूध का गिलास लेकर उसमे चीनी घोलकर ले आई।

वो हंसकर बोली,’ आपकी पत्नी तो पहले ही नंगी कर दी अपने। अब घुंघट कैसे उठाएंगे आप??

मैं — अरे ! जानेमन हम घुंघट नही टाँगे उठाने में विश्वाश रखते है, और हँसकर उसपे टूट पडा।

वो — रुको पहले सुहागदिन की तैयारी तो पूरी करले ।

वो अपने सिर पे चुनरी का घूंघट निकालकर बैड पे दुल्हन की तरह बैठ गयी।

मैं बैड से नीचे उतर कर, बाहर से दुबारा उसकी तरफ दूल्हे की तरह आया, और बैड पे बैठकर उसका घूँघट उठाने लगा। वो शर्माने का नाटक करने लगी। मैंने मुँह दिखाई में अपनी चांदी की रिंग उसे दे दी।

उसने दूध वाला गिलास मेरी तरफ बढ़ाया। मैंने एक घूंट खुद पी, एक उसे पिलायी इस तरह हमने सारा दूध आधा आधा पी लिया। अब मैंने उसे बैड पे सीधा लिटाया और खुद उसके ऊपर आकर उसे चूमने चाटने लगा।
वो भी नीचे से मेरे हर चम्बन का लगातार जवाब दे रही थी।

थोड़ी देर बाद वो बोली,” प्रदीप हमारे पास 75 मिनट है। इतने में जितना मज़ा ले सकते हो ले लो। उसके बाद बच्चे स्कूल से वापिस आ जायेंगे।

मेरा मन तो इस खेल को बहुत आगे तक लेकर जाने का था। परन्तु समय की नजाकत को देखते हुइे उसे शॉर्टकट में निपटाने में भलाई समझी।

मैंने उसे एक बार लण्ड चूसने को कहा। इस बार वो भी मना नही कर पायी और अपनी जीभ से 5-7 मिनट तक मेरे मोटे लण्ड को चुस्ती थी। जब उसके थूक से मेरा लण्ड पूरी तरह से गीला हो गया तो मैंने उसकी एक टांग को अपने कन्धे वे रखकर, लण्ड को उसकी चूत पे सेट करके हल्का सा झटका दिया तो हल्की से आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह से लण्ड उसकी गर्म चूत में घुस गया। मैंने धीरे धीरे कमर हिलानी शुरू करदी। लगातार कमर हिलने से चूत में लण्ड का घुसना, निकलना आसान हो गया।

वो करीब 10 मिनट तक इस मज़े को आँखे बन्द करके महसूस कर रही थी के इतने में उसके मुह की बनावट बदल गयी और जोर जोर से निचे से हिलने लगी। मैं समझ गया के आंटी झड़ने के बिल्कुल नज़दीक है। मैंने अपने झटको को स्पीड बढ़ा दी। कुछ ही पलो में उसकी हिलती कमर एक दम रुक गयी और लम्बी आआआआआह्हह्हह्हह्ह लेकर झड़ गयी।

मेरा रस्खलन अभी हुआ नही था। तो मैंने अपनी स्पीड़ जारी रखी। अगले 5 मिनट के बाद मैं भी लम्बी आहह्ह्ह्हह्ह लेकर उसकी चूत में ही झड़ गया।

हम दोनों एक दुसरे को बाँहो में लिए हांफ रहे थे। करीब 20 मिनट तक हम ऐसे ही नॉर्मल होने तक लेटे रहे। जब हमारी सांस कण्ट्रोल में आई तो एक दूसरे को देखकर हसने लगे।

मैं — क्यों जानेमन कैसा लगा, हमारा सुहागदिन ??

वो — आपने तो एक बार में ही मेरी आगे पीछे की सभी इच्छाये पूरी करदी हैं. पतिदेव !

इतना मज़ा तो मेरे पहले के पति ने कभी भी नही दिया।

अब जब भी दिल करे यहाँ आकर अपना मन बहला सकते हो।

अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो तो प्लीज निचे कमेंट लिखिए और कहानी को लाइक कीजिये।

बाते करते करते उसकी नज़र दीवार घड़ी पे गयी। वो बोली,’ जानू। बच्चो के आने में 30 मिनट बाकी है।
तब तक हम उठकर नहा लेते है।

मुझे उसकी बात ठीक लगी।

बाथरूम में हम दोनों ने एक दूसरे को मसल मसल कर नहलाया और एक बार वहां भी सेक्स किया। फेर मैं बच्चो के आने से 10 मिनट पहले अपने घर वापिस आ गया।

इस तरह से हमे जब भी वक्त मिलता। हम तन की प्यास बुझा लेते।

सो ये थी आज की एक और कामुक फ्री सेक्स स्टोरीज हिन्दी चुदाई कहानी, आपको कैसी लगी, अपनी राय मुझे मेरे ईमेल “[email protected]” पे भेज सकते हैं।
मुझे आपके मेल्स का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार रहेगा। जल्द ही एक नई कहानी आपकी सेवा में लेकर जल्द ही हाज़िर होऊंगा। तब तक क लिए अपने दीप पंजाबी को दो इज़ाज़त, नमस्कार।

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top