Yun Bani Main Ek Aurat

bottomdilse 2017-07-24 Comments

में सिसकियाँ लेने लगी तो वो मुस्कराने लगा …और बोला तू तो सच में औरत हे रे ..और हम दोनों हसने लगे ..फिर अचानक से उसने मेरे निप्पल को मु में ले लिए और हौले हैले चूसने लगा .

और में तो बस आँखें बंध करके सिसकियाँ लिए जा रही थी ..उसने बारी बारी से मेरे दोनों चूची को चूस चूस कर लाल कर दिया …और फिर उसने मुझे कहा में अपनी ब्लाउज उतार लूमेने उतार ली तो उसने मेरा एक हाथ ऊपर किया और अपनी जीब मेरी बगल (खाँख को चाटने लगा..में तो पागल सी हो गयी और वो मेरी दोनों खाँख को चाटता रहा.

फिर उसने मुझे बिस्तर पर लेट जाने को कहा और में लेट गयी और फिर उसने मेरी नाभि में जीब डाल कर उससे चाटने लगा…मुझे तो लगा आज में खुसी से पागल न हो जाऊ ..फिर उसने मुझे उठने को कहा और खुद बिस्तर पर बेथ गया दिवार के सहारे ..फिर उसने कहा अब तेरी बारी चूसने और चूमने की …और फिर मुस्कुरा कर अपनी लिंग को बहार निकाला

दैइया रे.एक दम कला लम्बा सा लिंग था उसका..में बोली क्या करू ??तो वो बोलै ..लॉलीपॉप की तरह चूस ..में फिर उनके लिंग को हाथ में ले कर सहलाने लगी और फिर उसके लिंग के आगे के भाग को चूमा…

मुझे बहुत नमकीन लगा उसका स्वाद मानो पीसने को चूस रही हूँ और हल्का हल्का वीर्य भी था लेकिन में बिना कुछ सोचे..पुरे लिंग को धीरे धीरे मु के अंदर ले कर चूसने लगी …और मुझे अब उसका स्वाद अच्छा लगाने लगा …और उधर नीलेश अब सिसकियाँ ले रहा था ..और उस बहुत अच्छा लग रहा था ..

फिर उसने मुझे बिस्तर पर लेट जाने को कहा और में लेट गयी और फिर उसने मेरी नाभि में जीब डाल कर उससे चाटने लगा…मुझे तो लगा आज में खुसी से पागल न हो जाऊ ..फिर उसने मुझे उठने को कहा और खुद बिस्तर पर बेथ गया दिवार के सहारे ..फिर उसने कहा अब तेरी बारी चूसने और चूमने की …और फिर मुस्कुरा कर अपनी लिंग को बहार निकाला

दैइया रे.एक दम कला लम्बा सा लिंग था उसका..में बोली क्या करू ??तो वो बोलै ..लॉलीपॉप की तरह चूस ..में फिर उनके लिंग को हाथ में ले कर सहलाने लगी और फिर उसके लिंग के आगे के भाग को चूमा…

मुझे बहुत नमकीन लगा उसका स्वाद मानो पीसने को चूस रही हूँ और हल्का हल्का वीर्य भी था लेकिन में बिना कुछ सोचे..पुरे लिंग को धीरे धीरे मु के अंदर ले कर चूसने लगी … ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

और मुझे अब उसका स्वाद अच्छा लगाने लगा …और उधर नीलेश अब सिसकियाँ ले रहा था ..और उस बहुत अच्छा लग रहा था .. फिर वो किचन से oil लाया और मुझसे कहा अब सबसे जरूरी सबक सिख.

और बिस्तर पर मुझे चारो हाथो पैरो पर कुतिया की तरह करके मेरी साडी और पेटीकोट को उप्पर करके मेरी गुदा में आयल लगाने लगा और उससे हलके हलके सहलाने भी लगा फिर उसने अपनी एक ऊँगली डाली और मुझे हल्का सा दर्द हुआ थोड़ी देर बाद उसने दो ऊँगली डाली और मुझे और दर्द होने लगा..लेकिन थोड़ा थोड़ा अच्छा भी लगाने लगा था

फिर उसने कहा देख अब इसमें में अपने लिंग को डालूंगा तुझे दर्द होगा लेकिन सहन कर लेना .समझी ?

में है में सर हिला दिया उसने धीरे से अपने लिंग को मेरी गुदा पर रख कर धीरे धीरे अंदर किया और झटके से अंदर डाल दिया ..मेरी तो चीख निकल गयी लेकिन वो नहीं माना और अंदर बहार करता रहा ..

मुझे दर्द भी हो रहा था और कभी कभी अच्छा भी लग रहा था…लेकिन कुछ देर बाद मुझे मह्सुश होआ मेरी गुदा में कुछ पानी जैसा बह रहा है..वो उसका वीर्य था …और आज में एक औरत बन गयी थी .. गे हिन्दी चुदाई कहानी

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