Meri Chudakkad Banne Ki Dastan – Part 2

Arashdeep Kaur 2017-07-09 Comments

सर मुझे गोद में उठाकर हॉल में ले आए और मुझे डाइनिंग टेबल पर टांगें लटका कर बैठा दिया। सर ने अपने लंड से कंडोम उतार दिया और मुझे लंड गीला करने को बोला। मैं डाइनिंग टेबल से नीचे उतर कर सर का लंड मुंह में लिया और चूस चूस कर गीला कर दिया। जब सर को लगा लंड गीला हो गया तो मुझे फिर टेबल पर बैठा कर टांगें खोल लीं। सर बोले अब आएगा असली मजा मेरा लंड बिना कंडोम के तेरी चूत की सैर करेगा।

सर ने मेरी चूत के छेद पर अपना लंड रखा और बोले तैयार है क्या गश्ती, मैंने कहा हां साले हरामी जल्दी से ठोक डाल। सर ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे तथा जोरदार शॉट मारा और लंड मेरी चूत में समा गया। हमने एक दूसरे को कस कर बाहों में भर लिया और कंधों के ऊपर से एक दूसरे के कान चूसने लगे। मेरे बडे़ बडे़ बूब्ज़ सर की छाती में गढ़ गए और मैं अपने बूब्ज़ उनकी छाती पर मसलने लगी। मैंने अपनी टांगें सर की कमर पर लपेट लीं और बिल्कुल सर के जिस्म से सट गई। सर अपनी गांड तेज़ी से आगे-पीछे करते हुए मेरी चूत चोदने लगे।

बिना कंडोम से लंड लेने का मुझे ज्यादा आनंद आ रहा था। पहले तो कंडोम की वजह से वही महसूस हो रहा था लेकिन अब लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था। मैंने कंडोम और बिना कंडोम की चुदाई की तुलना की और जाना कि कंडोम के साथ चुदाई में चौथे हिस्से से भी कम मजा आता है। हम एक दूसरे से चिपके हुए चुदाई करने लगे और मेरी गर्दन पर सर की गर्म सांसें मुझे और भी उत्तेजित करने लगीं। मैं अपनी कमर चला कर चूत के अंदर लंड लेने लगी और लंड पूरी तरह मेरी चूत में आने जाने लगा। सर ने मुझे टेबल से उतार दिया और टेबल के सहारे झुका कर खडी़ कर लिया।

सर ने मेरी गांड के छेद पर लंड लगाया और झटका मार कर लंड अंदर पेल दिया। सर मेरे चूतडो़ं पर चपत लगाते बोले साली गश्ती खा मेरा लंड और जोरदार शॉट मारकर मेरी गांड चोदने लगे। मैंने कहा साले बहनचोद कब से गश्ती गश्ती बोल रहा है लेकिन गश्ती होती क्या है। सर ने मेरी गांड चोदते हुए बताया कि गश्ती मतलब सड़क शाप वेश्या जो पैसों केलिए किसी से भी चुद लेती है। सर मुझे बालों से पकड़कर मेरी गांड चोदने लगे और मैं अपनी गांड गोल गोल घुमा कर गांड में लंड लेने लगी। इस ताबड़तोड़ गांड चुदाई में मेरे बूब्ज़ ऊपर-नीचे डांस कर रहे थे।

सर ने मुझे टेबल पर लेटा लिया और मेरी टांगें खोलकर अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया। सर ने मेरी जांघों को पकड़कर एक जबरदस्त शॉट मारा और सर का लंड मेरी चूत में समा गया। सर मेरी चूत को जबरदस्त शॉट मार कर चोदने लगे और मेरे बूब्ज़ फिर ऊपर-नीचे उछल-कूद करने लगे। सर ने आगे झुक कर मेरे बूब्ज़ हाथों में थाम लिए और चुदाई चालू रखी। सर ने चूत चोदते हुए पूछा तुम मेरा माल मुंह, चूत या गांड में लोगी। मैंने कहा मुंह मे रोज लेती हूं अब बची चूत और गांड, यहां दिल करे वहीं छोड़ देना।

सर ने कहा तेरी गांड में ही दूंगा। सर एक बार फिर मुझे गोद में उठाकर बैॅडरूम में ले आए और मुझे दीवार के साथ बूब्ज़ लगा कर खडी़ कर दिया। सर मेरे पीछे आ गए और मेरे चूतडो़ं की फांकें खोलकर गांड पर लंड लगा दि लेकिन मैं साईड पर हो गई। मैंने सर की पीठ दीवार से लगा कर खडे़ कर दिया और अपनी गांड का छेद सर के लंड पर टिका दिया। मैंने जोर से गांड पीछे को धकेल दी और फच्च से लंड मेरी गांड में घुस गया।

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मैं बांहें ऊपर कर के गांड को कभी आगे-पीछे, कभी ऊपर-नीचे, कभी गोल गोल घुमा कर गांड चुदाई करने लगी। सर मेरे बूब्ज़ पकड़कर मेरी गर्दन और पीठ को चूमते हुए झटके मारकर मेरी मस्त गांड चोदने लगे। सर ने मुझे कसकर पकड़कर दीवार से लगा लिया और बहुत तेज़ी से मेरी गांड चोदने लगे। कुछ देर बाद सर का जिस्म अकड़ने लगा और मुझे अपनी गांड में कुछ गर्म गर्म गिरता महसूस हुआ। सर ठंडी आंहें भरते हुए झड़ गए और मैं दो बार झड़ चुकी थी। हम दोनों पसीने से तर ब तर हो गए थे जबकि एसी चल रहा था। इस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद हम नंगे ही बैॅड पर लेट गए।

उस रात हमने तीन बार चुदाई की और सुबह फिर चुदाई की। मैं नहा धो कर घर आने को तैयार हो गई और सर ने मेरे हाथ पर 15000 रुपए दिए और चर्स बेचने वाली एक औरत से मेरी बात करवा दी। अब हर महीने सर 50000 से ऊपर रुपए दे देते थे तथा ट्यूशन की 3000 रुपए फीस भी मेरे पास रह जाती। मेरे सब सामान के खर्च के बाद मेरे पास पैसे बच जाते थे और मैंने मम्मी-पापा से चोरी बैंक में अकाऊंट खुलवा लिया तथा उसमें पैसे जमा करवा देती।

ये थी मेरी असली लंड से पहली चुदाई। इसके बाद मुझे लंड लेने का ऐसा चस्का रगा कि बहुत सारे लंड अपनी चूत, मुंह और गांड में लेकर चुदाई के मजे लूट चुकी हूं। अच्छा दोस्तो अभी इजाजत अगली कहानी तक प्यार भरा सलाम। तब तक के लिए आपको मेरी ये हिन्दी चुदाई कहानी सेक्स्स्टोरी केसी लगी अपनी प्रतिक्रिया मुझे जरुर लिखियेगा जिसके लिए मेरा ईमेल पता है “[email protected]”.

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