EK Galti Sudharne Ki Khatir

Deep punjabi 2017-07-03 Comments

करीब 10 मिनट तक कमर हिलाने के बाद वो थक गया। उसने माँ को निचे आने का बोला, अब माँ परवीन के निचे और परवीन माँ के उपर लेटकर माँ को चोद रहा था। कुछ ही पलों में माँ झड़ गयी और परवीन ने अपनी कमर की स्पीड बढ़ा दी। अगले 10 मिनट तक वो भी माँ की चूत में रस्खलित होकर उनके ऊपर लेटा रहा। इसके बाद संजीव ने माँ का मुंह खली देखकर अपना लण्ड माँ के मुंह में पेल दिया। जिसे माँ मज़बूरी में चुस्ती रही। इसके बाद रवि अब माँ के मम्मे चूस रहा था। इस तरह सबने बारी बारी माँ को लण्ड चुसवाया और उनकी चूत और मम्मो को चाटा।

करीब 20 मिनट तक संजीव भी माँ को चोदने के बाद माँ की चूत में ही रस्खलित हो गया। इसके बाद रवि आया उसने बड़ी बेरहमी से मेरी माँ को चोदा। बाद में वो माँ की गांड मारने की सिफारिश करने लगा।

माँ — नही रवि, आप सबने चूत लेने का बोला था सो मैंने दे दी। गांड की बात नही हुई थी। अब आप अपनी बात से न मुकरो।

संजीव — हाँ रवि यार छोड़ न अब चूत की बात हुई सो इसने दे दी। अब डील खत्म क्यों खामखा गांड पे बात आगे बढ़ा रहे हो।

परवीन — ये साला सुधरेगा नही, आंटी इसे एक बार गांड भी दे दो। वरना आपको यहीं से हिलने भी नही देगा।

माँ का चेहरा रुआंसा हो गया था क्योंके एक तो वो पिछले 2 घण्टो से लगातार चुद रही थी। दूसरा वो साला गांड मारने की मांग कर रहा था।

रवि — आंटी आप बहुत बढ़िया चुदवाते हो। भाग्यशाली हैं आपका पति जिसको आप जैसी पत्नी मिली। हम लोगो के पास तो आप एक दिन के लिए ही हो। सो आज हमे खुश करदो। हम कसम खाते है आइन्दा कभी भी आपके सामने नही आएंगेे।

माँ को तो बस उनसे छुटकारा चाहिए था।

माँ — मैंने कभी अपने पति से भी गांड नही मरवाई, फेर तुम तो अजनबी हो तुम्हे कैसे हाँ करदू।

संजीव — आंटी छोडो न इस बात को आज ही की तो बात है। मैं और परवीन आपकी गांड नही मरेंगे। आप बस इस चोदुमल को गांड दे दो।
बात यही खत्म हो जायेगी।

माँ को उसकी बात ठीक लगी के यदि इतना करवा लिया है तो ये कोई बड़ी बात नही है। हाथी निकल गया है सिर्फ पूंछ निकलनी बाकी है वाली बात साबित हो रही है।

माँ न चाहते हुये भी रवि के आगे बैड पे घोड़ी बन गयी। माँ बहुत दुखी हुई थी।

रवि — डोंट वृ आंटी, जितना दर्द चूत में हुआ आपको उतना ही यहाँ होगा ।

माँ का डर कम करने के लिए संजीव आकर माँ के मम्मे चूसने लगा। जिस से माँ काम वेग में दुबारा डूबने लगी।

उधर पीछे से रवि माँ की गांड में धीरे धीरे ऊँगली करने लगा। पहले तो माँ को ऊँगली लेने में ठोस दर्द महसूस हुआ फेर जैसे जैसे उंगली आगे पीछे हिलती गई, माँ को मज़ा आने लगा। रवि ने अपने लण्ड पे ढेर सारा थूक लगाया और माँ की गांड पे लण्ड सेट करके धीरे धीरे धक्के लगाने लगा। जिसमेे उसको कामयाबी न मिली । उसने माँ को बैड पे दुबारा लेटने का आदेश दिया। माँ मरती क्या न करती वाली स्थिति में थी।

रवि ने माँ को बैड पे लिटाया और उनकी टाँगे उठाकर खोलकर अपने कन्धों पे रखली।

अब अपने लण्ड पे ढेर सारा थूक लगाकर जोर का झटका माँ की गांड पे मारा। माँ की गांड का तंग मुंह होने की वजह से लण्ड गांड में घुस नही पाया बस जोर का झटका लगा तो माँ की ज़ोर से चीख निकल गयी।
संजीव ने माँ के मुंह पे हाथ रखा और रवि को धीरे धीरे चोदने को कहा।

इस बार कड़ी मेहनत के बाद लण्ड का सुपाड़ा, माँ की गांड में घुस गया ।

माँ की तो जैसे साँस ही अटक गयी हो। उन्हें इतना दर्द हुआ के चीख कर बेहोश हो गयी।

माँ को बेहोश देखकर उन तीनो के पैरो के निचे से जमीन निकल गयी । रवि में जल्दी से लण्ड माँ की गांड से वापिस निकालकर देखा तो माँ की गांड से खून भी सिम रहा था। जिसका साफ मतलब था के रवि के मोटे लण्ड की वजह से माँ की गांड फट गयी थी। संजीव और परवीन उसे डांटने लगे, साले ये तूने क्या कर खामखा बना बनाया काम बिगाड़ लिया। उन तीनो ने अपने अपने कपड़े पहने और माँ को भी बेहोशी की हालात में पहनाये। संजीव दरवाजा खोलकर जल्दी से पानी का गिलास लेकर आया। पानी को चुली में लेकर माँ के चेहरे पे पानी के छींटे मारे। जिस से माँ को थोडा होश आया। रवि ने माँ को गोद में लेकर पानी पिलाया और अपने किये की माफ़ी मांगी।

माँ ने उसके आगे हाथ जोड़ते हुए गिड़गिड़ाने लगी, मुझपे रहम करो प्लीज़ अब और दर्द नही बर्दाश्त कर सकती। प्लीज़ मुझे छोड़ दो।

संजीव ने सबकी तरफ से माँ से माफ़ी मांगी और माँ के सामने वो वीडियो डिलीट कर दिया।

इतना कुछ हो जाने पे माँ ने उन सबसे विनती की इस राज़ को राज़ ही रखना और आइन्दा मेरे सामने कभी मत आना। वरना आप को देखकर मुझे ये दिन याद आ जायेगा। ये दिन मेरी ज़िन्दगी का सबसे बुरा दिन है।

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