Rahul Ka Badla – Part 1
सबने मिलकर खाना खाया और सोने की तयारी करने लगे। राहुल को बुखार था तो उसकी माँ ने उसे अपने पास ही सुला लिया और रोहित को भी अपने पास सोने का आग्रह किया। रोहित के पैर ख़ुशी से ज़मीन पर नही लग रहे थे। क्योंके उसे अपने ख्यालों की रानी के साथ सोने का मौका जो मिल रहा था। एक डबल बेड पे तीनो जने सोये हुए थे।
सबसे आगे की तरफ राहुल, फेर बीच में उसकी माँ और फेर उसके पीछे रोहित। रात को आशा नाइट सूट पहनती थी। कुछ देर बाते करने के बाद जब तीनो गहरी नींद में सोये हुए थे तो रोहित बाथरूम जाने के लिए उठा। जब वापिस आया उसके दिमाग में आया क्यों न एक बार ट्राई करके देखा जाये। शयद जाल सही फेंका गया तो मछली सदा के लिए अपनी बन सकती है।
उसने अँधेरे का फायदा उठाते हुए ही अपनी मामी के साथ लिप्ट गया और ऐसे करने लगा जेसे के सब नींद में हुआ हो। जब आगे से कोई विरोध नही हुआ फेर उसने हिम्मत करके अपना हाथ मामी के मम्मो पे रख दिया। जब फेर कोई विरोध न हुआ तो उसकी हिम्मत बढ़ती गयी और उसने कपड़ो के ऊपर से ही धीरे धीरे मम्मो को दबाने लगा।
जिस से उसको बड़ा मज़ा आने लगा। फेर हिम्मत करके गालों को चूमने लगा, फेर पेट से कपड़ा उठाकर, पेट को सहलाने लगा। इतने में मामी ने अपनी साइड बदल ली, अब रोहित की तरफ मामी की गांड हो गयी। उसने धीरे से गांड के ऊपर से नाइटी उठाई और गांड सहलाने लगा और अपना लण्ड निकाल कर कपड़ो के ऊपर से ही मामी की गांड में घुसाने लगा और थोड़ी देर बाद इसने मामी के कपड़ो पर ही वीर्य निकाल दिया और अपने कपड़े ठीक करके सो गया।
सुबह जब उठा तो मामी का नार्मल व्यवहार देखकर उसकी जान में जान आई। उसे लगा के यदि मामी को पता चला होता तो मुझे डाँटती भी, इधर डाँटना तो दूर की बात, हंस हंस कर बात कर रही है। लगता है तीर सही जगह पर लगा है। या तो उसे पता ही नही लगा। या फेर ऐसा भी हो सकता है उसे पता चल गया हो और उसे मेरा ऐसा करना अच्छा लगा हो।
वैसे भी राहुल के पापा बाहर ही रहते है, अपना काम आसानी से बन जायेगा और कोई शक भी नही करेगा। इसी गलतफैमी में वो आगे बढ़ता जा रहा था। अब अगले दिन राहुल भी ठीक हो चूका था सो दोनों तैयार होकर स्कूल चले गए।
फेर एक महीने बाद की बात है के एक बार रविवार के दिन सुबह ही रोहित, राहुल के घर उससे मिलने आ गया। तब राहुल और उसके पापा सैर करने गए थे। बस आशा रानी के इलावा घर में कोई नही था। सो अकेली होने की वजह से खिड़की, दरवाज़े बन्द करने की ज्यादा जरूरत नही समझी । इधर रोहित ने घर के अंदर आते ही आवाज़ दी, ओऐ राहुल किधर है तू, बाहर आ।
आगे से कोई जवाब नही आया, एक दो आवाज़ फेर दी पर इस बार भी कोई नही बोला।
सोचने लगा इतनी सुबह सुबह सब किधर चले गए। जब राहुल के कमरे की तरफ जाने लगा तो क्या देखता है, उनके घर के बाथरूम से पानी चलने की आवाज़ आ रही है और बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ है। उसने सोचा कौन है जो दरवाजा खोलकर नहा रहा है।
जब उसने दरवाजे की तरफ नज़र मारी तो क्या देखा के उसकी मामी बाथरूम में नहाकर वही खड़ी होकर पेटीकोट पहन रही है और अब कमर तक पेटीकोट उठाया हुआ है, और दाईं टांग उठाकर पेंटी पहन रही है, उसका पतला स्पॉट पेट, अंदर धँसी हुई नाभि और उसकी चूत पे घने घुंगराले काले बालो का गुच्छा उगा हुआ है।
वो अपने काम पे इतनी डूबी हुई ऐ उसे पता ही नही चला के कोई उसे देख भी रहा है। रोहित एक दीवार के पीछे छिप कर मामी को निहारने लगा और उसके दिमाग पे इस दृश्य का ऐसा असर हुआ के वो अपना लण्ड निकाल कर मुठ मारने लगा और करीब 5-7 मिनट बाद एक लम्बी आह्ह्ह्ह से दिवार पे ही झड़ गया।
जिस से उसकी मामी का ध्यान भी अपनी तरफ से टूट गया और उसकी तरफ देखने लगी। अभी भी सिर्फ उसने पेंटी पहनी थी। रोहित को इस हाल में देख कर मामी के गुस्से का ज्वालामुखी फट गया और बोली,” रोहित यह क्या बेहुदा हरकत है। शर्म आनी चाहिए तुझे, मामी हूँ तेरी मैं, कोई गर्लफ्रेंड या रंडी नही जिसे अपना काला लण्ड दिखा रहा है। आज आने दो तेरे मामा और राहुल को सब बताती हूँ के इसके दिमाग में क्या चल रहा है आजकल। उस दिन रात को तुमने जो किया मुझे सब पता है। मैं तेरा मुँह उसी वक़्त भी तोड़ सकती थी। पर मैंने यह सोचकर माफ़ कर दिया चलो आगे से शायद सुधर जायेगा।
मामी का यह रूप देख कर रोहित डर गया और जल्दी से ज़िप बन्द करके मामी की तरफ भाग कर आया और उसके पैरी हाथ लगा कर माफ़ी मांगने लगा। मामी जी क्षमा करदो, बस नादानी में हो गया ऐसा। किसी को कुछ न बताना वरना मेरी बहुत बेजती होगी। राहुल क्या सोचेगा मेरे बारे में।
मामी — ये तो पहले सोचना चाहिए था तुझे ?
राहुल – प्लीज़ मामी आखरी बार छोड़ दो, आगे से शिकायत का मौका नही दूंगा। आप चाहो तो आपके घर भी नही आउगा पर इस बार मेरी लाज रखलो।
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