Cousin Ke Sath Mera Honeymoon Safar – Part 2
इस इंडियन इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीज हिन्दी चुदाई कहानी का पिछला पार्ट यहाँ पढ़िए!
अब आगे की कहानी – मैंने रमन से पूछा क्या तुम्हारी मम्मी और दीदी ऐसा नहीं करती। उसने कहा नहीं दीदी जब मम्मी और दीदी को दो दो मर्द एकसाथ चोदते हैं तो वो जल्दी झड़ जाती हैं और थक जाती हैं। मैंने रमन से कहा आगे से अपनी मम्मी और दीदी को ये गोली खिला दिया कर दो क्या 5 को भी एकसाथ संभाल लेंगी और मजा भी खूब आएगा। फिर उसने चूत और गांड टाईट होने के बारे में पूछा तो मैंने बताया कि ये गोली छेद भी टाईट रखती है। वो खुश हो गया और बोला अब उनको भी गोली के बारे बताऊंगा।
रमन बैॅड पर बैठा था और मैं उसकी गोद में बैठी हुई थी। मैंने उसकी गोद सेउसको धक्का देकर गिरा लिया और उसके ऊपर लेट गई। मैंने दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ लिया और अपने रसीले होंठ उसके होंठों पर रख कर चूमने लगी। वो टॉप के ऊपर से मेरी पीठ सहलाता हुआ मेरे होंठ चूमने लगा। मेरे बूब्ज़ उसकी छाती में दब गए थे। हमें बहुत जोश आ गया और हम बहुत जोर से एक-दूसरे को चूमने लगे। उसने मेरा टॉप खींच कर ऊपर कर दिया और फिर निकाल दिया। मैंने भी उसका टॉप निकाल दिया और अपना ब्रा भी निकाल दिया।
मैंने फिर से उसको नीचे ले लिया, जब मैं उसके ऊपर लेटने लगी तो उसने मेरे बूब्ज़ पकड़कर मेरे बूब्ज़ के निप्पलों को अपनी छाती के निप्पलों से लगा लिया। मैं उसके ऊपर लेट गई और हम एक-दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे। उसने मुझे कस के पकड़ा हुआ था और मेरे बूब्ज़ उसकी छाती में गढे़ हुए थे। मैं उस के होंठों को चूसते हुए अपने बूब्ज़ उसकी छाती पर मसल रही थी और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। रमन ने मुझे कस कर पकड़ कर करवट ली और मुझे नीचे लेटा कर मेरे ऊपर आ गया।
रमन बहुत गर्म हो गया था और वहशी भी। वो मेरे मेरे होंठों को अपने मुंह में लेकर खींच खींच कर चूसने लगा और मुझे ज्यादा मजा आने लगा और मैं भी उसके होंठों को चूसने लगी। रमन ने मेरे नीचे वाले होंठ को अपने मुंह में ले लिया और मैंने उसका ऊपर वाला होंठ अपने होंठों में ले लिया। वो मेरे नीचे वाले होंठ का रस पीने लगा और मैं उसके ऊपर वाले होंठ का रस पीने लगी। हम दोनों ही सेक्स के सागर में डूब चुके थे। हम एक-दूसरे के होंठों को मुंह में खींच खींच कर चूस रहे थे और एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे।
हम एक दूसरे की जीभ से जीभ लगा कर चाटते और मुंह लेकर चूसते। ऐसा प्रतीत हो रहा था हम एक दूसरे के होंठों और जीभ के रस का आखरी कतरा भी निचोड़ लेना चाहते हों। मैंने रमन का चेहरा ऊपर किया और अपने होंठ उसकी गर्दन पर रख दिए और चूमने लगी। मैं उसकी गर्दन को अपने नाजुक होंठों में भरकर खींच लेती और उसकी गर्दन पर जीभ घुमाती। रमन मचलने लगा और उसने मेरे कान को मुंह में भरकर चूसना चालू किया। हम एक दूसरे के कान, गाल और गर्दन के नीचे चूमने और चाटने लगे, बीच बीच में दांतों से हल्का सा काट भी लेते।
मैंने एक बार फिर से रमन को नीचे ले लिया और अपनी टोपी उतार दी लेकिन रमन ने चश्मा उतारने से मना कर दिया। मैं उसकी छाती पर जीभ घुमाने लगी और रमन मेरे बालों में हाथ घुमाने लगा। मैं उसके पेट पर चूमने लगी और जीभ से चाटने लगी। उसका पेट काफी सख्त था और मुझे ऐसा जिस्म बहुत पसंद है। मैं अपनी पसंद का जिस्म पा कर और भी मस्त हो गई और बहुत प्यार से चाटने लगी, शायद रमन को गुदगुदी हो रही थी और वो मेरा सिर पकड़कर मचलते हुए आंहें भरने लगा।
मैं थोडा़ ऊपर होकर उसके पेट पर अपने बूब्ज़ मसलने लगी। मैं एक बार फिर उसकी छाती पर आ गई और उसकी छाती के निप्पलों पर जीभ घुमाने लगी। मुझे उसकी उसकी चौड़ी छाती और सख्त निप्पल बहुत अच्छे लग रहे थे। मैं उसके निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में भरकर चूसने लगी। रमन नीचे लेटा हुआ मेरे सिर को अपनी छाती पर दबाते हुए आंहें भरने लगा। आंहें भरते हुए रमन बोला दीदी तू तो बहुत गर्म रंडी है, तेरे में चुदाई की बहुत आग है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
अभी तेरी चूत या गांड में लंड भी नहीं डाला और अभी इतना मजा आ रहा है जब तेरी चुदाई करूंगा तब कितना मजा आएगा। मां कसम जितना मजा अभी आ रहा है उतना तो मम्मी और दीदी को चोदने के बाद भी नहीं आया। उसकी बातों से मुझे और भी जोश आ गया और मैं उसके निप्पलों को जोर से खींचने लगी। जब मैं रमन के निप्पलों को मुंह से जोर से खींच कर छोड़ती तो पुच्च की आवाज़ आती और वो आवाज़ मुझे मस्त कर देती और मैं और जोर से चूसने लगती।
तभी रमन का मोबाईल बजा वो उसके पापा का था और वो बात करने लगा। उतनी देर में मैंने सिगरेट में चर्स भर ली और साईड पर रख दी। वो अभी भी बात कर रहा था और मुझे गुस्सा आ रहा था कि चुदाई के बीच में फोन आ गया। मैंने रमन को खडा़ किया और उसकी जींस निकाल दी। वो फोन पर बात कर रहा था और मैं उसका लंड हिलाने लगी। तभी उसने मुझे फोन देते हुए कहा दीदी बात कर लो।
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