Cousin Ke Sath Mera Honeymoon Safar – Part 1

Arashdeep Kaur 2017-06-25 Comments

कुछ देर बाद उसका वीर्य मेरे चेहरे पर गिरने लगा और चेहरे पर फैल गया। उसके बाद वो सो गया और मुझे भी कब नींद आ गई पता ही नहीं चला। सुबह उठी तो रमन का वीर्य मेरे चेहरे पर जमा हुआ था और वो भी उठ चुका था। मैंने रमन से कहा पता नहीं मेरे चेहरे पर क्या लगा है और उसने कहा मुझे क्या पता दीदी। मैं मुंह धोते हुए हंस रही थी कि रात को मेरी गांड में लंड डालकर हिलाया एवं मेरे चेहरे पर वीर्य गिराया और अब कितना भोला और शरीफ बन रहा है जैसे कुछ मालूम ही नहीं।

सुबह हमने खाना खाया और तैयार होकर पैकिंग कर ली। मैंने जान बूझकर साथ में सेक्सी कपड़े ले लिए ताकि रमन को ज्यादा उत्तेजित कर सकूं। हमारी शाम को बस थी और मैं बैंक से अपने उस खाते से पैसे निकलवा लिए जिसके बारे मेरे घरवालों को मालूम नहीं था और साथ में मैडीकल स्टोर से सेक्स की गोलियां भी ले आई ताकि रमन चुदाई से शर्माए न। बैंक के इस खाते में मैं वो पैसे जमा करवाती हूं जो मेरे चोदू यार मुझे दे देते हैं या वो पैसे जो मैंने कॉल गर्ल का काम करके कमाए हैं।

मैंने घर आते ही दो गोलियां का पाऊडर बना कर अलग अलग पुडि़यां बना लीं। हम शाम को सात बजे शहर आ गए और बस में बैठ गए। बस चलने से पहले मैंने एक एक गोली जूस की बोतलों में मिला दी और हम दोनों पी गए। अभी थोडी़ दूर तक बस गई थी कि बूंदाबांदी होने लगी और मैं शीशे वाली तरफ बैठी थी। शीशा खुला था और बार बार मैं अपना चेहरा और बूब्ज़ साफ करती, मैंने जान बूझकर शीशा खुला रखा था क्योंकि मुझे ऐसे अच्छा लग रहा था कि मुझ पर बारिश की बूंदें गिरें।

जैसे ही बस के अंदर की लाईट बंद हुईं तथा बस में अंधेरा हुआ, मैं शीशा बंद कर के आंखें मूंद कर बैठ गई। मुझे नींद आ गई और सो गई। काफी देर बाद मुझे अपनी जांघों पर कुछ रेंगता महसूस हुआ और मैं समझ गई वो रमन का हाथ है। मैंने धीरे से टाईम देखा रात के दस वज चुके थे और मैं थोडी़ हिली और रमन ने हाथ रोक लिया। कुछ देर तक उसने कोई हरकत नहीं की तो मैंने बस में देखा सब लोग सो रहे थे और बस की सीटें पीछे से ऊंची थीं तो कोई हमें देख नहीं सकता था।

मुझ पर सेक्स चढ़ चुका था और रमन पर भी।मैंने रमन को आवाज़ दी लेकिन उसने ऐसे जाहिर किया कि वो गहरी नींद में है। मैंने उसको हिलाया तो बोला क्या हुआ दीदी। मैंने कहा मुझे बहुत नींद आ रही है क्या उसकी गोद में सिर रखकर सो जाऊं और जैसा मैं जानती थी वो पहली बार में ही मान गया। मैंने उसको शीशे की तरफ बैठा दिया और खुद उसकी जगह आ गई। मैंने उसकी पेट की तरफ मुंह किया और उसकी गोद में सिर रखकर सीट पर लेट गई। मेरी नाक जींस के ऊपर से उसके लंड से टकरा गई। उसका लंड एकदम टाईट और सीधा खडा़ था।

मैं ऐसे ही कुछ देर लेटी रही और मेरी गर्म सांस उसके लंड पर जा रही थी जिससे उसकी उत्तेजना और बढ़ रही थी। कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया, जींस के ऊपर से उसके लंबे, मोटे और दमदार लंड की गर्माहट मेरी हाथ को महसूस हो रही थी। मेरा दिल कर रहा था कि मैं उसका लंड बाहर निकाल लूं लेकिन पहल उसकी तरफ से चाहती थी।

कुछ देर ऐसे लेटी रहने के बाद रमन ने चादर निकाल कर मुझ पर पैरों से लेकर सिर तक ओढ़ दी। मैं समझ गई कि अब रमन कुछ न कुछ करेगा। उसने अपने लंड से मेरा हाथ हटा कर अपनी जींस की जिप खोल दी और लंड बाहर निकाल लिया। उसने मेरा सिर पकड़कर ऊपर खींच लिया जिससे मेरे होंठ उसके लंड को छूने लगे और उसने एक हाथ टॉप के ऊपर से मेरे बूब्ज़ पर रख दिया। मैं इसी लम्हे के इंतजार में थी। मैंने अपना हाथ ऊपर किया ताकि उसके लंड को पकड़कर मुंह में ले सकूं लेकिन हाथ चादर में अटक गया। मुझे हिलते देखकर रमन डर गया और जल्दी से अपना लंड जींस में घुसाने लगा।

मैंने उसका हाथ पकड़कर बूब्ज़ पर रख दिया और उसका लंड पकड़ लिया। मैंने उसके लंड के टोप्पे की चमड़ी पीछे की और जीभ से चाटने लगी। तभी रमन बोला क्या कर रही हो दीदी तो मैंने धीरे से कहा ज्यादा भोला मत बन साले रात मेरी गांड में लंड डालकर मजे ले रहा था और मेरे चेहरे पर वीर्य भी गिराया और अब शरीफ बन रहा है। वो चुपचाप बैठ गया और मैंने उसके टोप्पे को जीभ से चाटते हुए उसका लंड मुंह में ले लिया। उसके मुंह से आह निकल गई और मैंने उसके मुंह पर हाथ रखकर चुप्प रहने को कहा।

अभी मुझे लंड चूसते एक मिनट ही हुआ था कि रमन ने मेरे कान के पास मुंह कर के बोला मुझे भी चूत चाटनी है। मैंने खड़ी होकर देखा सभी लोग गहरी नींद में थे और किसी की आंखें खुली नहीं थीं। मैंने सीट पर जगह बनाई और हम एक-दूसरे की टांगों की तरफ मुंह कर के लेट गए। मेरा मुंह उसके लंड के पास और रमन का मुंह मेरी चूत के पास आ गया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

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