Cousin Ke Sath Mera Honeymoon Safar – Part 1
नहा मैंने कर नीली टाईट जींस और गुलाबी टॉप पहन लिया। मैंने नीचे से गुलाबी ब्रा एवं पैंटी पहनी और कसौली में सर्दी थी तो ऊपर से मैंने काले रंग की जिपर जैकेट पहन ली। मैंने गुलाबी रंग की की लिपस्टिक लगाकर सिर पर गुलाबी टोपी ले ली और अपना नज़र वाला चश्मा लगा लिया क्योंकि मैंने नहाने से पहले अपने लैंस निकाल दिए थे। मुझे अब चर्स वाली सिगरेट की तलब लगी हुई थी तो मैंने पैरों में हाई हील के काले रंग के सैंडिल पहने और रमन को बोला मैं थोडी़ देर बाहर हूं अभी आती हूं।
मैं बाहर आ गई और इधर-उधर देखा, होटल की पार्किंग में कोई नहीं था तो मैं वहां चली गई। मैंने अपनी ब्रा छुपाई हुई चर्स एवं सिगरेट निकाल कर चर्स को सिगरेट में भर लिया और सिगरेट सुलगा ली। अभी एक कश ही खींचा था कि पीछे से रमन बोला, दीदी सिगरेट पीनी थी तो रूम में पी लेती और मैं भी पी लेता। मैंने पीछे मुड़कर रमन को देखा, वो काली जींस और लाल जैकेट में बहुत सेक्सी लग रहा था। मैंने उससे पूछा तू भी सिगरेट पीता है तो वो बोला हां दीदी मुझे भी पिला दो।
मैंने अपनी ब्रा में हाथ डालकर सिगरेट निकाल ली और रमन को देने लगी। उसने वो सिगरेट लेने से मना करते हुए कहा ये नहीं दीदी, जो सिगरेट तुम पी रही हो वो सिगरेट पीनी है। मैंने उससे कहा ये सिगरेट तुम नहीं पी सकते, तुम यही पी लो। रमन ने हंसते हुए कहा, मुझे मालूम है दीदी इस सिगरेट में चर्स भरी हुई है। मैं हैरत से उसको देखने लगी वो आगे बोला, दीदी मैं अकसर चर्स वाली सिगरेट पीता हूं। तभी उसने अपनी जेब से चर्स निकाल कर दिखाई और बोला मैं भी यहां सिगरेट पीने ही आया था लेकिन आप पहले से ही थी। मेरी आधे से ज्यादा सिगरेट उससे बातें करते-करते जल गई तो मैंने सिगरेट फेंक कर कहा चल रूम में बैठकर पीते हैं।
हम दोनों रूम में आ गए और मैंने रमन को सिगरेट बनाने को कहा। रूम में हीटर चल रहा था तो अंदर गर्माहट थी। मैंने अपनी जैकेट निकाल दी और रमन ने भी अपनी जैकेट निकाल दी। रमन सिगरेट बनाते हुए बोला, दीदी जब तक हम यहां हैं तब तक चश्मा ही लगाना। मैंने पूछा क्यों तो बोला तुम चश्मा लगा कर ज्यादा सेक्सी लगती हो। मैंने स्माईल दी और रमन बोला सच्ची दीदी तुम चश्मे में बहुत ज्यादा सेक्सी लगती हो। अगर कोई भी लड़का तुझे बिना चश्मे के और चश्मा लगाने के बाद देखे तो तेरी चश्मे वाली शक्ल पर फिदा हो जाएगा।
मैं उसके बोलने से स्टाईल से समझ गई कि वो गंदी भाषा में बात करने लगा था लेकिन शर्मा गया। उसने सिगरेट बना ली और सुलगाने लगा तो मैंने सिगरेट पकड़कर कहा मैं लगाती हूं। मैंने सिगरेट जला कर कश लगाया लेकिन रमन को नहीं दी, वो मेरी तरफ देखने लगा और जब दूसरे कश के बाद भी नहीं दी तो बोला मुझे भी दो दीदी। मैंने कहा ऐसे नहीं ढंग से मांग तो मिलेगी। तो बोला प्लीज़ दीदी मुझे भी सिगरेट दो मुझे भी कश लगाना है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा कहां की दीदी, भाई-बहन का रिश्ता को तभी खत्म हो गया था जब मेरी गांड में लंड दिया था और रही सही कसर बस में चुदाई ने पूरी कर दी अब यहां कोई दीदी नहीं है। तब बोला अर्श डार्लिंग सिगरेट दो न तुझे अच्छे से चोदूंगा। मुझ से रहा नहीं गया और कहा साले भोसडी़ के यहां चुदाई करने ही आए हैं तू शर्मा क्यों रहा है। मेरे ऐसे बोलने से वो भी खुल गया और बोला साली रंडी सिगरेट दे मुझे क्या इसको गांड में लेगी। मैंने हंस कर उसको सिगरेट दे दी। मैंने उससे पूछा चर्स के बिना और क्या क्या लेता है। वो बोला शराब, सिगरेट या कोई भी नशा जो मिल जाए।
हम दोनों सिगरेट पीते पीते बातें करने लगे। मैंने उससे पूछा क्या उसने पहले कभी सेक्स किया है। उसने कहा हां दीदी कई बार अपनी बड़ी बहन को चोदा है और कई बार मम्मी के साथ चुदाई की है। मैंने पूछा ज्यादा मजा किसे चोदने में आता है तो बोला दोनों को चोदने में एक जैसा मजा ही आता है। बड़ी बहन और मम्मी दोनों ही रंडियां हैं पूरे मजे के साथ चुदाई करती हैं। लेकिन अब उनको चोदने में उतना मजा नहीं आएगा।
मैंने पूछा क्यों तो बोला उन दोनों की चूत एवं गांड तेरी चूत एवं गांड जितनी टाईट नहीं है। तुझे चोदने के बाद मेरा लंड तेरे छेदों जितने टाईट छेदों में मजा करना चाहेगा और उनके छेद इतने टाईट नहीं हैं। गांड तो फिर भी ठीक है लेकिन चूत का तो भोसडा़ बना हुआ है, चुदाई पता नहीं किस किस से करवाती हैं न कोई पापा का ऐसा दोस्त है, न मम्मी की सहेलियों का कोई पति, न बहन की सहेलियों का भाई या पति या उसकी सहेलियों का ब्वॉयफ्रेंड, कोई ऐसा नहीं है जिसने उन दोनों को चोदा न हो।
मैंने उससे पूछा तुझे ये सब कैसे मालूम वो इन सब के साथ चुदाई करती हैं। उसने बताया जब मैं छोटा था पापा बाहर नौकरी करते हैं और शनिवार शाम को आते तथा इतवार को चले जाते हैं। बाकी दिन ये लोग आते कभी कोई कभी कोई पहले अकेली मम्मी होती थी और हमें भाई बहन को चॉकलेट एवं पैसे देकर पापा को न बताने को कहती थी। उसके बाद दीदी भी मुझे पैसे देने लगी। दोनों एक ही रूम में मर्दों के साथ होती और मुझे उस रूम से आवाजें सुनाई देतीं।फिर मैं छुप कर देखने लगा और तब पता चला वो लोग चुदाई करते हैं। मैं उनकी चुदाई देखकर मुठ मारने लगा।
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