Jindagi Ki Kahani – Part I
This story is part of a series:
‘पापा के सामने बोल भी नही सकोगे.. आए बड़े होने वाले दामाद से मिलने चले’ सोमया हेस्ते हुए बोली।
‘चॅलेंज !’
‘हाँ चॅलेंज!’
‘ठीक है मेम साहिब आज से 15 दिन के अंदर तुम्हारे इन प्यारे हाथों में मेरे प्यार की अंगूठी होगी’
‘वादा’
‘ये तो तुम जानती हो एक बार कह दिया तो कर के दिखाऊंगा.. 15 दिन बाद दो सगाई एक साथ होंगी.. रुख़ की और तुम्हारी’
सोमया के दिल में लाडू फूटने लगे.. जितना वो राजेश से प्यार करती थी.. दिल ही दिल में एक दर भी समाया रहता था की कहीं ये प्यार बीच में अधूरा ना रह जाए.. राजेश के बिना जीने की तो वो कल्पना भी नही कर सकती थी।
इतने में स्नेक्स और कॉफी भी आ गये.. दोनो खाने पीने लगे और राजेश साथ साथ अपना दिमाग़ धोदने लगा.. 15 दिन में ये वादा कैसे पूरा करे।
कॉफी ख़तम होने के बाद राजेश सोमया को गार्डन में ले गया उस जगह जहाँ अच्छे अच्छे फूल खिले हुए थे।
‘चलो जानेमन.. मिशन सगाई.. शुरू अब ज़रा कुछ अच्छा सा पोज़ दो’
राजेश ने सोमया की कुछ तस्वीरें अपने मोबाइल से खींची और बाद में एक मेसेज असलम को कर दिया रुख़ की कुछ तस्वीरें खींच कर भेजने के लिए।
इसके बाद राजेश ने सोमया को उसके घर के पास छोड़ा और अपने घर जा कर अपने डेड के आने का इंतेजर करने लगा।
पढ़ते रहिये.. क्योकि कहानी अभी जारी रहेगी।
कहानी पढने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में जरुर लिखे। ताकी हम आपके लिए रोज और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें। डी.के
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