Maya Ki Chut Ne Lagaya Chodne Ka Chaska – Part II

Picashow 2015-05-22 Comments

This story is part of a series:

सरोज: आआह्ह साली माया तेरी चूत का रस काफी मीठी हे. उम्म्म्म ला इसे खा खा के चिर दू….

लपक लपक चप चप चप गपक गपक गपाक…. चप चप सी सी स स स स स.

माया: ओह्ह्ह्ह साली मदरचोद… मुझे अन्दर जटके… आआ रहे हे उईई मा स स स स स स सी सी सीस सीस सीस उफ्फ्फ्फ़ जोर से लालाआअ अआजा मुझे अपनी बाहों में ले ले अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह सुसुस्सूरूरु मुझे बहोत कुछ हह ह्ह्ह हो रहा हे हे सीस सी सीस इस्सस सीस इस्स्सस ओफ्फ्फ्फ़ आःह्ह्ह स.आआआआआआआह्ह्ह.

मेने भी कस के उसकी निप्पल को मुह में लेके काटना सुरु किया तो वो उछल पड़ी और वो अपने पैरो से सरोज का चेहरा दबोच कर चूत की तरफ दबाने लगी और मेरे सर को खीचकर अपने चुचियो की और दबाने लगी….

माया: मम्मा आआआआआआआह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ हेईई आऔच…..आह्ह्ह सीस इसी तरह ज्जोर्र्रसे जोर से ऐसे चूस लअला लल्ल ओह्ह्ह्ह माँ में मर गयीई ह्हहहहह ऊऊम्म्म सु….रु… विकी ओह्ह्ह्ह आह्ह्ह मा….र…. दो…….गे हा हा हा हा सुरु तेरे दांत चुभते है साली मार देगी धीरे आआअह्ह्ह्ह सु ऊऊउ ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हम्म्म्म सु सस उस उस स स स स सु सी सीस सीस सीस

माया की चूत और चुचियो की एक जोरदार और जबरदस्त चुदाई हो रही थी. वो मछली की तरह तड़प रही थी.. कमरे में एक जोरदार जंग चल रही थी और नशे का आलम था. दोस्तों, यह कहानी लिखते हुए इतने सालो बाद भी मेरा लंड कड़ा हो कर पानी छोड़ रहा हे में तुम्हे क्या कहू..

वो अपने कमर ऊपर उठाकर सरोज को और मेरे चेहरे को अपने स्तनों पर दबाकर आंखे बन्धकर कम्पते हुए लब्जो से हमें थैंक्स कह रही थी और सरोज को गालिया भी दे रही थी.

माया: स्स्सल्ली रंडी ने आखिर मुझे नहीं बक्शा अह्ह्ह्हह्ह साली मुझे आखिर चोद के ही छोड़ा…. ओह्ह्ह विकी खाजा मेरे लाल हह्ह्ह्हा आःह्ह्ह uऊऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़ चाट साली…. बना दे मेरे विकी को भी एक नंबर का पति, साली तू जानती हे एक औरत को कैसे सुख दिया जाता हे.

वो सरोज को बिच बिच में पिट रही थी. और सरोज उसका बदला चूत से ले रही थी. कमरे मीठी सीत्कार और चूसने आवाज़ थी बस….

चप चप मुह्ह्ह्ह आआह्ह्ह सी सी सी सस उस सीस सीस सस माँ ह्ह्ह्हह खा साली खा ….सीस ईईस ईईस्स्स ओह्ह्ह्हह माँ सुरु ऊऊऊ विकीईईईईईई बस ऐसे सिख गया मेरे लाल्ल्ला वाह्ह बस ऐसे ऐसे अह्ह्ह्ह ह़ा तुम दोनोनोनो अह्ह्ह्ह मु….जे…… की……त…..ना…… आ…..न….द दे र…हे…हो कमीनो आआआअह सी सीस सीस चपक चपक चपक गपाक गपाक चु चु चप चप……उईई सीस…….

लगभग ८-१० मिनट हम उसको रेंगते और बेदर्दी रगड़ते रहे…पता नहीं अब मुझे भी माया दया नहीं आ रही थी. में भी अपने दांतों कश्मशाके उसे रेंग रहा था..

माया: हा ब…..स… ऐसे अह्ह्ह अह्ह्ह इस्स्स्सस्स्स ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ल….लाआआआआअ ह्ह्हह्हह्ह्ह्सिस

अंत में उसका पूरा बदन एक दम अकड़ा और उसने खीच के मुझे बुरी तरह से अपने चुचियो पे दबोचा और जोर से चिलाई…आआह्ह्ह्ह सी सीस सीस लला कस के………..ओह्ह्ह्हह माँ आआआआआआआह्ह्ह और जोरदार जटको के साथ कापते हुए, अपने पैरो को सिकुड़ते हुए जड़ गयी….

माया: हाआआआआअ माआअ सु सस रू में मरीईईईईई ईईई ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ विई लाआअ मुझे अपने स्तनों पे जकड़ के जड़ गयी…….. उसने सरोज के मुह में अपना गरमागरम कामरस छोड़ दिया.. सरोज बड़े प्यार से कुतिया की तरह अपनी जबान से उस्क्की चूत चाट रही थी….

माया: माँ……………..में मरीईईईई ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओफ्फ्फफ्फ्फ़

मैंने उसके होठ पे अपने होठ जड़ दिए और उसे चुप करा दिया…

माया आंख बन्ध कर बिस्तर पे ढेर हो गयी… उसे पसीना छुट गया था.. वो जोरो से हाफ रही थी, उसका तनबदन तप के लाल लोहा बन के हमें जला रहा था. वो ऐसी बिलकुल नंगी मचलती मछली सा तडपते हुए शांत हो गयी…. उसकी आंखे बन्ध थी और में उसकी जोरदार लपेट में था… इस अवस्था में वो और भी मस्त लग रही थी.

सरोज: देखा मेरे राजा चूत ऐसे चाटते हे. अब तुजे मेरी चूत ऐसे ही चाटनी हे. माया की छाती से खीचकर उसने मुझे अपनी नंगी छाती से चिपका कर मेंरे गले को चुमते हुए दातो से मेरे कंधे और गले को काटा तो मेरा तना हुआ लाल चटक लवड़ा ९० डिग्री के ऊपर खड़ा हो गया. में कांप उठा…
में: ऊफ्फ सुरु…..अहिस्ता आह्ह्ह्ह

वो घुटनों के बल बैठ गयी और मेरा निक्कर खीचके मुझे भी पूरा नंगा कर दिया. मेरा ६ इंच बड़ा लाल चटक लंड बहार आते ही जुलने लगा. उसने लपककर मेरे लंड को अपने मुह में खीच लिया (जैसे नाग चूहे को खा लेता हे..) वो मेरा लंड पूरा का पूरा अपने मुह में घुसेड़कर अन्दर उस पर अपनी जबान रगड़ रही थी. वो मेरे लौव्ड़े को अपनी गीली जबान से मलते हुए खीच खीच कर चूस रही थी.

चप चाप पुच पुच की आवाज़ आने लगी.. साली थकती ही नहीं थी. बस पुच पक पक पुच चप गप्प गपाक गपाक गप्प पूउच पुच्च्च पुच्च्च पुचच्च्च्च चप चप गु गुप गुप….की आवाज़ आ रही थी. में बहोत तड़प रहा था…मेरे लंड में सनसनी हो रही…थी में कही का न रहा… में खड़ा भी नहीं रह सकता था… ओह्ह्ह्हह सस.सु…रु….में…री…जा…न………..

में भी जोस में आके उसका चेहरा पकड़ कर उसे आगे पीछे करने लगा. कमरे में बस पु..च.. प..क पक पु..च प…क पु….च. मेरी आंखे बन्ध थी और सांसे तेज, एक जबरदस्त चिंगारी मेरे लंड पे लग रही ऐसा एह्सास मुझे कभी बही मिला, बिजली का जटका मेरे लंड पे जटके दे दे कर उससे एक मीठा दर्द दे रहा था.. पु…च पु…च प्चुह पक पक स्लर्प स्लर्प स्लर्प स्लर्प पुच पुच….. निचे उसकी चुचिया और उपर से चुतड हवा में जुल रहे थे.. वो तो बस मेरे लंड को खाए जा रही थी. क्यो ना हो.. ६-७ महीने बाद उसे ऐसे बिना जाटे कर ६ इंच का मस्त लंड चोदने को मिला था. वो कोई मौका गवाना नहीं चाहती थी. एक तरफ मेरा लंड और एक तरफ माया उसकी जान जो उसे बड़े अच्छे नसीब से आज अच्छी तरह से मिल गयी थी. वो तो बस पुच पुच पपुच पक पक पक चप चप चप……..

Comments

Scroll To Top