Maya Ki Chut Ne Lagaya Chodne Ka Chaska
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माया: सरोज मेरा प्यार मेरी यार मेरी अच्छी दोस्त हे न, अपना मुह मेरे लिए बन्ध नहीं रखेगी मेरी रानी..
सरोज: एक शर्त पे में चुप रहूगी.. यार बहोत दिनों से चूत में बड़ी खुजली हो रही हे, यार जब से डाइवोर्स हुआ हे, चोदने को नहीं मिल रहा और मेरी भी तेरे जैसी हालत हे. तेरे मेसे थोडा मक्खन मुझे भी खिला दे यार दोनों मिलबाट के मक्खन खाएगे, उसने मेरे सहमे हुए चहेरे की तरफ देखते हुए मुझे आंख मारी. क्यों जीजू दो खाओगे??? या एक से ही पेट भर गया????
माया: नहीं सरोज ये अभी छोटा हे यार इससे कुछ नहीं पता. में उससे प्यार करती हु प्लीज यार हमें आज की रात कुछ लम्हे साथ बिताने दे मेरी माँ. देख मेरी शादी ६ महीने में एक बूढ़े से हो जाएगी, मैंने ये जब से आया हे तब से नाम बताये बिना तुजे कहा था न के शायद मुझे मेरा प्यार मिल गया हे, ये वोही विकी हे जो छत वाले कमरे में रहता हे, ये पढता हे और अभी १९ साल का ही हे. वो इतना जयादा सेक्स नहीं कर सकता उससे कुछ नहीं आता प्लीज मेरी माँ अब तू जा आज बड़ी मुश्किल से मोका मिला हे, हमें प्यार करने दे.मेरी माँ !!! वो दो के साथ सेक्स कैसे करेगा…. उससे कुछ हो जायेगा….. हमें बक्स दे मेरी माँ…..
मेरा हाथ पकड़ अपनी और खीचके मुझे अपनी बाहों में भीचकर सरोज बोल उठी-
सरोज: ना मेरे प्यारे चिकने जीजू पे मेरा भी आधा हक़ बनता हे मेरी जान. इसे तो में भी आधा खाऊगी क्यों जीजू??…में तेरी साली हु मेरे छोटे जीजू. वो मुझे चूमने लगी (मुझे तो समज में नहीं आ रहा था क्या करू, पकडे गए थे) तो माया अचानक उसपे जपट पड़ी पड़ी मुझे उनसे छुडाते हुए..
माया: सरू अब तो हद्द कर रही हो यार मजाक छोड़ और जा.
सरोज: न ना मेरी जान में सीरियस हु, आज तो तेरा माल आधा में भी खाऊगी, वर्ना तू भी भूखी रहेगी बोल मेरी जान क्या करना हे???? क्यों लला क्या खयाल हे?? यह साली मेहेंगी पड़ेगी मेरे प्यारे जीजू….
माया: सरू तुजे में हाथ जोडती हु तू जा मेरी माँ, उस बिचारे को क्यों परेशान करती हो???. आज जा…तू, कल से जो तू कहेगी वोही होगा और अब खिड़की से कोई आवाज़ नहीं आएगी.
सरोज: यार कुछ करने नहीं देती न सही पर देखने तो दे… में अपने नाईट ड्रेस पहन अभी आई. तेरी कसम किसी को नहीं कहूँगी मुझे तेरे कमरे सोने दे में तुम दोनो के केवल देखूंगी बस.. और अगर रात के वक्त कोई आ भी जाए और अगर में तेरे साथ होउंगी तो कोई शक भी नहीं करेगा…इसे अहिस्तासे सीडिया चढ़ा देंगे… (माया सोचने लगी और धीरे से बडबडाइ) साली चुद्दकड़ मुझे एक रात भी अकेले अपने प्यार के साथ सोने नहीं देगी.. (मादरचोद हे साली) माया ने प्रश्नसूचक निगाहों से मेरी तरफ देखा…
में: यार कोई मुझे तो पूछो, में कोई बाँट के खाने वाली चीज़ हु जो आपस में मेरा बटवारा कर रही हो. में बोला
में: माया यह यहाँ तेरे साथ सोती हे सोने देना, अच्छा हे किसी को हम पे शक नहीं होगा… (मैंने माया को चुपकेसे आंख मारी और वो बोल उठी.
माया: ठीक हे तू जल्दी कपडे बदल कर आजा. देर न करना मुझे दरवाजा बन्ध करना हे…
सरोज: यार २० मिनट लगेगी मुझे नहाना हे, तुम लोग तब तक खाना खा लो नहा लो अच्छा रहेगा (उसने माया को आंख मारी) क्यों ठीक होगा न जानू. हम सहमत हुए और वो दोड़ती हुई गयी और माया ने फिर से दरवाजा बन्ध कर दिया..
माया: चैन की साँस लेते हुए. साली बहोत ही चूदकड़ है विकी तुजे पता नहीं. एक बार रात को में उसके साथ सोई थी. साली ने मुझे काट काट कर सुजा दिया था. उससे मर्द न मिले तो वो लडकियों से भी काम चला लेती है. साली ने अपने भतीजे, देवर, बहनोई और सीमा को भी नहीं छोड़ा. उस्सने सीमा को लेस्बियन बना दिया है.
माया: एक आईडिया है. यह तुजे सीमा तक आसानी से पंहुचा देगी. यार इससे दोस्ती कर ले. पर मुझे चिंता हे वो आज रात तेरी हालत ख़राब कर देगी. वो कुतिया की तरह काट खाती हे….. जा तू पहले नहा ले फिर हम खाना खाते हे. मैंने तेरे लिए अंडे की अच्छी अच्छी आइटम्स बने है. …..
में ऊपर नहा ने चला गया…१५ मिनट में में नहाके निचे आया और हम दोनों ने मजे से खाना खाया और दूध पिया.
माया: आई लव यू विकी में जिंदगीभर तेरा एहसान नहीं भूलूंगी. में तेरी दासी बनके रहू गी मेरे राज्जा. उसने मुझे अपनी बाहों में लेके अपने ओठ मेरे ओठो से लगा दिए और चूसने लगी. अब तो मुझे भी लिप किस आ गया था तो मेंने अपने जबान उसके मुह में घुसेड कर उसकी जबान से अपनी जबान टकराने लगा,…. फिर दरवाजे पे दस्तक हुई.. माया नाराज होते हुए
माया: आ गयी साली चुद्ककड़… रंडी.. (उसने गेट खोला और सरोज अन्दर आ गयी.) सरोज ने ब्लैक गाउन पहना था. सरोज भी मस्त लग रही थी. अब सरोज के बारे में बतादू ….
सरोज एक मुक्त खयालवाली मनचली चंचल लड़की हे. उसने अपनी १४ साल की उम्र में पहला सेक्स अपने से ८ साल बड़े एक लड़के से किया था. उसके आलावा उसने अपने पड़ोस की किसी कुवारी लड़की, शादीशुदा भाभी, आंटी या सहेली को नहीं छोड़ा था. वो ३१ साल की सेक्सी ५-६” कद की, लम्बे घने बाल थे उसके, ३६ २५ ३७ का मस्त फिगर, नशीली आंखे, मस्त गुलाबी गाल. लाल चटक होठ… वो भी क़यामत से कम नहीं थी. उसकी ऐसी चाल चलन से उसका पति नाराज था और उसका तलाक हो गया था. वो माया को पाने की कब से फिराक में थी. एक रात उस्सने माया को अपने घर बुलाकर बहोत समजाया पर वो उसके साथ प्यार से नहीं मानी. उस रात उसने माया पर पूरी रात जबरदस्ती की, उससे नोचा काटा पर माया नहीं मानी. क्योकि माया की पसंद अपने से छोटे मर्द थे जो में उससे मिल गया वो भी घर के अन्दर. सरोज ने माया नहीं मानी तो सीमा को फसाकर उससे लेस्बियन बना कर रख दिया. वो सीमा को रात रात भर चोदती हे. सीमा और उसकी बहोत पटती है इतना मेरे जान में आ गया था. जब में वहा नहीं रहता था तो सीमा वोही कमरे में सोती थी और सरोज अपनी छत से वहा आ जाती थी और रात रात भर दोनो एक दुसरे की चूत को चाट चाट कर अपनी वासना संतोषती थी.
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