Maya Ki Chut Ne Lagaya Chodne Ka Chaska
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माया: जिस का इतना प्यारा दोस्त हो उसे क्या चिंता? लेकिन तू मेरा शाथ देगा न? फिर तू मुझे छोड़ तो नहीं देगा ना? तुजे पता ये मेरी ये जिंदगी बिलकुल वीरान हे.
में: हा बुआ में आपके लिए कुछ भी करूँगा. आप कह के देखना.
माया: विकी में तुज पे कितना भरोसा कर सकती हु ये बता? मुझे तुमे कुछ कहना है.
में: बेसुमार आप मुज पे भरोसा करके देख लेना… विकी भरोसे का दूसरा नाम हे बुआ.
माया: बुआ के बच्चे, मुझे माया बुला. उसने मुझे फिर से खीचकर मेरे गालो को अपने दांतों के बिच दबाकर उसे कiट लिया.
में: माया यह हम गलत कर रहे हे. तुम मुझे पे खूब भरोसा करो और कहो जो कहना हे – हलाकि में ये जानबुज कर उसे टटोल रहा था.
माया: न मुना अब अपने बिच जो भी होगा वो सही होगा. तुमे में एक बात कहू, तू आज से मेरा दोस्त और मेरे कलेजे का टुकड़ा होगा.
उसकी आवाज़ में कम्पन थी, उसकी आंख में वासना साफ़ दिखाई दे रही थी. पर में उसे तडपाना चाहता था.
माया: विकी मुझे ३० साल ख़तम होने को हे. माँ तो में १० साल की थी तब चल बसी थी, बादमें इतने सालो के बाद तेरे गले मिली हु. मुझे जो प्यार चाहिए वो किसीने नही दिया, क्या कोई औरत अपनी एक कमी होने से प्यार के काबिल नहीं होती? जब १० साल की थी तब भैया शादी करके भाभी को लाये. वो दोनों को प्यार करते में छुप छुप के देखती तो तब भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते. रात को भैया के कमरे से भाभी के प्यारभारी चीख मेरे कमरे में मुझे सुनाई देती तो में एक आग में जलने लगती. मुझे भी प्यार चाहिए, में चाहती हु मुझे भी कोई अपनी बाहों में कस कर मेरे होंठो का रसपान करे. मुझे अपनी बाहों में कस ले, मेरा खयाल रखे, मुझसे प्यारभरी बाते करे. मेरी सहेली सरोज अपने भतीजे से सेक्स करती हे. कभी कभी रात को ऐसे विचार आते हे तो में प्यार की आग में जलने लगती हु. मेरी छाती फट ने लगती है. में क्या करू आखिर भैया की इज्ज़त का सवाल होता हे. तू जब आया तो मेरा यकीन मान मुझे तेरी आश हुई की तू सायद मेरे लिए ही आया हे और भगवान ने शायद् तुजे मेरी प्यास बुजाने ही भेजा हे. बोल में तेरा भरोसा करू? तू चिंता मत कर में मर जाउंगी पर तुज पर आच नहीं आने दूंगी. में उसकी बात बड़े ध्यान से सुनता गया और उनकी तड़प को महसूस करता गया. हलाकि मेने कभी कुछ नहीं किया था. फिर भी उसे टटोल ने कहा.
में: माया अगर कुछ होगा तो मुझे तो कुछ नहीं आता. में अपने कोलेज में एक तम्मना नाम की लड़की जो की मेरी दोस्त हे, उससे भी दूर से बात करता हु. पता नहीं मुझे डर लगता है कही पकडे गए तो मर जायेगे.
माया: हिमत रख जब में हु तो कुछ नहीं होगा, यह कहते हुए उसने मेरी जांघ पे हाथ रखा और आहिस्ता आहिस्ता उसपर अपनी हथेली रगड़ ने लगी. मेरा टाइट लोडा देखकर बोली तुजे कुछ नहीं आता में शिखा दूंगी. वो धीरे धीरे मेरे लोडे की तरफ बढ़ रही थी, मेरे तम्बू पे हाथ रख कर कहा.
माया: क्यों इस बिचारे को दबा कर रखता हे. उससे बहार निकाल कर उसके असली घर में आने दे. उसने लपक कर मेरा लोडा बरमूडा के बहार से पकड़ लिया. मेने कहा.
में: माया अभी नहीं, तुम जाओ चाची ऊपर आ जाएगी. और आज तुमे देखने भी आ रहे हे तुम निचे जाओ. हम शाम को यही पे मिलेगे. उसकी आँखों में एक चमक आ गयी. उसने मेरे गाल में अपनी जबान रगड़ते हुए चुम्मी ली और कहा की मेरा ड्रेस सुख जाये तो ९ बजे इसमें इस्त्री करा कर लाना. वो खुश होती हुए दोड़ती निचे गयी और में नहाने चला गया.
नहाकर करीब ८ बजे में निचे चाय पिने गया तो रमाचाची ने कहा
रमा चाची: बेटा में तुजे कल बताना भूल गयी थी आज माया को बोरीवली से कुछ लोग शादी हेतु देखने आ रहे हे तो मुना तू आज कही जाने वाला तो नहीं? तूमें बेटा मेरी थोड़ी मदद करने हमारे साथ रहेगा? आज सीमा और सपना भी टूर में गयी हे और वो लोग अचानक ही आने वाले हे.
में: (खुश होते हुए और अंनजान बनते हुए) अरे बुआ आप तो बड़ी छुपी रुस्तम निकली हमें बताती भी नहीं. बुआ ने अन्दर के रूम से मुस्कुराते हुए मुझे आंख मारी.
चाची: अरे बुद्धू… लडकिया ऐसी बाते अपने मुह से कहेगी क्या? वो शर्माएगी नहीं ? पागल बुआ को मत छेड और ये ले पैसे और जा थोड़ी सी चीजे बाज़ार से ला वो लोग ११ बजे तक आ जायेगे. देख समोसे, बेसन के लड्डू, कचोडी, दूध, मावा के पेडे ले के फटाफट आजा. माया ने मुझे रूम से इशारा किया ड्रेस को इस्त्री भी करा लाना. मेने जान बुज के पूछा.
में: बुआ आप को भी कुछ मगाना हे? में उसके रूम गया तो हमें कोई देखे नहीं इस तरह से खीच के दरवाजे के पीछे मेरे होंठो को चूमके मेरे कुलहो पर चांटा मार के कहा डॉलर की एक बेह्नी और गुलाब लाना.
में फटाफट बाइक लेके गया और एक घंटे में वापस आया तो सारे घर के मस्त सफाई हो चुकी थी और बेठने का कमरा अच्छी तरह से सजाया गया था. में सीधा रसोई में गया और सामान रमाचाची को दिया और हिसाब कर बाकी पैसे देकर माया के कमरे में गया तो में उसे देखता रह गया, वो नहा धोकर मस्त तैयार होकर बैठी थी क्या खुश्बू थी कमरे में! में गया तो उसने फट से मेरे गाल पे किस कर के ड्रेस लेते हुए कहा बहार जा. क्या इसे में तेरे सामने पह्नुगी? मेने कहा नहीं लाओ में ही पहना दू. मेने आज पहल करते हुए उसके होंठो को कस के चुम्मी ले और उसके होंठो को जोर से काटा. अपने दोने हथेलियों से उसकी चूचिया जोर से दबाई. वो दबी आवाज़ में –
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