Maya Ki Chut Ne Lagaya Chodne Ka Chaska

Picashow 2015-04-21 Comments

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माया: सॉरी मेरे लल्ल्ला पर तूने पागल आज सुबह मुझे बहोत ही जोर से काटा था.. और में आवाज़ भी नहीं निकाल सकती थी पता हे?. अब तुजे पता चला दर्द क्या होता हे?! तुजे तो में काट काट के खाऊँगी. आज अगर तुजे चिर न दिया तो में माया नहीं. उसने अपने दांतों से निचला होंठ चबाने लगी फिर अपनी जबान मेरे मूह में घुसा के मेरी जबान से टकरा टकरा के किस कर करने लगी, उसके मम्मे मेरी छाती से कस के चिपके हुए थे, और वो अपने हाथो से मेरी जांघो पे बड़े प्यार से सहला रही थी. मेरे तो होस उड़े हुए थे. में उसकी कोमल पीठ पर अपना हाथ बड़े प्यार सहला रहा था और उससे उसे बहोत जोश आ रहा था. मेरा लंड कड़ा हो को कर बरमूडा पे तम्बू सा उभार बना रहा था. मेरी सांसे तेज हो रही थी. उसने करीब ५-७ मिनिट तक मेरे होठो को चूमा और मेरी छाती से अपनी चुचिया रगडती रही, उसके मुह से उ उ उम्म्म उह आहह्ह्ह उह गु गु चप चप चपाक चपाक पुच्च्च पुच्चच की आवाज गूंजती थी और वो मुझे बुरी तरह से चूम के चूस रही थी. अचानक वो अकड़ी वो मुझे जोर से भिचा.. और चीलाई ल….ल…..आ में…… उफफ्फ्फ्फ़ अहहह अह्हह्हह्हह्हह में……गयीईई….अह्ह्ह्हह विवि …..की….ओह….. में गयी अहह माँ…. में मर गयी….. उफ़ सी सी सी सी अहह लल्ले मुझे अपनी बाहों में कस ले में गयी…… उम्म्म्म उह्ह वि…….की…….मुझे थाम ले……. में…..गई……..माँ…… में…….ग….इई यी वो जबरदस्त चिल्लाने के साथ जड़ गयी..और मछली जैसे बिना पानी के तड़पती हे वैसे तडपते हुए मुजपे ढेर हो गयी.

माया मेरे बिना कुछ किये ही मुझे केवल चुमते हुए और अपने मम्मे मुज पे रगड़ते हुए मछली की तरह तड़पते हुए अपनी काम वासना की चरमसीमा प्राप्त करते हुए जड़ कर मुज पे ढेर होकर थोड़ी देर बेजान होके पड़ी रही. दोस्तों यहाँ में एक जादू सिखादु – के औरत जिसको बहोत पसंद करती उससे चुदवाने की उसकी मन की चाह जग जाती हे तो वो चाह उसे बहोत तडपाती हे और जब वो उसे मिलती हे तो वो बिना चोदे ही थोड़ी देर केवल चूमाचाटी करने पे ही जड़ जाती हे. पुरुष के अपेक्षा स्त्रियों में १० गुना कामवासना होती हे. वो तो केवल उसे देखती हे या नजदीक जाके बात भी करती तो उसकी चूत पनियाने लगती हे, तो जिस औरत को चोदना हे उसके अन्दर तुम्हारे लिए एक आग लगानेवाली चाह पैदा करो, उसकी वासना को बहोत भड़काओ और फिर जब फल पक जायेगा तो वो अपने आप तुमारी जोली में गिर जायेगा…. माया की ३० साल की कुवारी जवानी आज मेरी गोद में मचलके बेहोस सी पड़ी थी……. अब आगे…

में: क्यों क्या हुआ…माया…?

माया: अरे!!!! मेरे अनाड़ी लल्ले में जड़ गयी… मेरा पानी छुट गया.. वो मेरी गोद से उठी.

में: मतलब…. क्या हुआ तुम इतना मचल क्यों गयी? हलाकि मुझे इस बात का इल्म ही नहीं था..

माया: ठहर तुजे बताती हु क्या होता हे. उसने मेरा टी शर्ट एक जटके के साथ उची करके निकाल दि. मुझे धक्का दे कर बिस्तर पे सुला दिया और मेरी बरमूडा एक जटके के साथ खीच के मेरी झांघो से खीचते हुए पूरी निकाल दी. अब में केवल निक्कर में ही था. मेरी धड़कन तेज हो गयी थी. मेरा लोडा निक्कर मेंसे बम्बू सा ताना हुआ था. मेरी सांसे तेज चल रही थी. मेरे बदन थिरक रहा था मेरे अन्दर गज़ब की आग लग चुकी थी.

में: माया कुछ होगा तो नहीं ना. मुझे डर हे अगर कुछ हुआ तो? वो हसी…

माया: ओह्ह्ह मुना भगवान् का मुजपे जो अभिशाप है वो आज आशीर्वाद बनेगा… तुजे पता हे में माँ तो बन ही नहीं सकती तो में प्रेग्नेंट हुंगी ही नहीं और कुछ होने का डर ही नहीं. हां तुजे जरुर होगा….. तू आज मेरा चोदु पति बन जायेगा….निक्कर में ही वो मेरे खड़े लोडे को बड़े प्यार से सहलाने लगी….अब तड़पने की बारी मेरी थी. वो अपनी एक हथेली लंड को रगड़ते हुए सहला रही थी और उसकी एक हथेली मेरी बड़ी झांघो को सहला रही थी, मेरे लोडे के सुपाडे पर करंट लग रहा था और वो जटके मर रहा था. मेरे लंड में एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी और उसमे एक सिरहन पैदा होने लगी जो मुझे मीठा दर्द दे रही थी. मेरी आंखे बन्ध होने लेगी थी और मेंरे लंड में एक अजीब सी फीलिंग्स पैदा होने लगी थी जिसका शब्दों में वर्णन असंभव हे. में सिसियाने लगा सी सीस सी श अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह माया मुझे कु……छ हो रहह्ह्ह्हह्हहा हे प्ली……ज मुझ…से…. र…हा नहीं….. जाता…..मा….या….. उसने एक जटके के साथ मेरा निक्कर भी खीच लिया और मुझे बिलकुल नंगा कर दिया. मेने भी अपने पैर उठाके उसे सहयोग दिया. उसने मेरा तना हुआ लालचटक लंड देखा तो वो हेरान होते हुए मेरे कड़े लंड को ताकती रही, निक्कर मेसे निकला हुआ अकड़ा और फनफनाता हुआ मेरा लोडा बहार आते ही उसकी आंखे चोडी हो गयी. उसका मुह खुला का खुला रह गया. मेरा तपता लोहे जैसा लंड १.५ इंच चोडा और ६ इंच लब्बा ऊपर की और तन के उठा हुआ था, लंड के ऊपर का सुपाडा फुल के लाल चटक दिख रहा था. उसने उसपर अपने मुलायम होंठ रहकर किस किया पुच्च्च……… वो बोल उठी…

माया: ओह्ह्ह्हह्ह माँ इतना बड़ा तेरी निक्कर में समाता कैसे हे? ओह गोड में इससे कैसे जेल पाऊँगी माँ!!!!!!!. उसने लपक के मेरा लौडा अपनी मुठी में भरकर उसकी चमड़ी सुपाडे से निचे खिची तो मुझे दर्द हुआ और में चिल्लाया ……

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