Mummy, Main Aur Nana Ji Ka Dost – Part 2

Arashdeep Kaur 2017-12-07 Comments

अंकल ने हमें बैॅड पर चलने को कहा और हम बैॅड के पास आ गए। मम्मी ने अपनी जींस निकाल दी और अब हम मां बेटी ने सिर्फ ब्रा एवं पैंटी पहन रखी थी। अंकल नए पहले मम्मी की और फिर मेरी ब्रा और पैंटी निकाल दी। हम दोनों बैॅड पर लेट गईं और अंकल ने पूछा पहले मां चूत चटवाएगी या बेटी।

मैंने अंकल को कहा मम्मी बड़ी है तो शुभारंभ मम्मी से ही करो। मम्मी ने अपनी टांगें खोल लीं और अंकल बैॅड पर घुटने मोड़कर बैठ गए। अंकल ने आगे झुककर मम्मी की चूत पर मुंह लगा दिया और मम्मी की चूत चाटने लगे। अंकल मम्मी की चूत में जीभ डालकर चाटने लगे और मैं बैठ कर मम्मी की चूत में अंकल की जीभ अंदर-बाहर होते देखने लगी।

मम्मी की चूत में जीभ अंदर-बाहर होने से सपड़ सपड़ की आवाजें आ रही थीं और मम्मी के मुंह से सेक्सी आवाजें निकल रही थीं। अंकल तेजी से मम्मी की चूत चाट रहे थे और मम्मी उनके सिर को अपनी चूत पर दबा दबा कर तथा अपनी गांड उठा उठा कर अंकल के चेहरे पर अपनी चूत मसल रही थी। कुछ देर बाद अंकल ने मुझे लेटा लिया और मेरी टांगें खोल कर मेरी जांघों को चूमते हुए मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिए। अंकल के होंठों का स्पर्श अपनी चूत पर पाते ही मैं सिहर उठी।

अंकल धीरे-धीरे मेरी चूत के ऊपर जीभ घुमाने लगे और मैं मचलती हुई अपने बूब्ज़ दबाने लगी। अंकल के मेरी चूत पर जीभ घुमाने से मेरी चूत रस छोड़ने लगी और मुझे अपने बूब्ज़ पकड़े देख अंकल ने कहा तू तकलीफ क्यों करती है मेरी जान मैं हूं न। अंकल ने अपने हाथ ऊपर करके मेरे दोनों बूब्ज़ अपने मजबूत हाथों में पकड़ लिए। अंकल ने मेरे बूब्ज़ कस कर पकड़े हुए मेरी चूत को तेजी से चाटने लगे।

अंकल के मेरी चूत चाटने से आ रही सपड़ सपड़ की आवाजें मेरे कानों में मधुर संगीत की तरह बज रही थीं। मैं काफी गर्म हो गई थी और अंकल के सिर को अपनी चूत पर जोर से दबाकर गांड हिलाते हुए मस्ती में चीखने लगी। मेरी चूत चाटने के बाद अंकल ने मम्मी से कहा संनी डार्लिंग तूने सच्च ही कहा था तुम मां बेटी एक से बढ़कर एक हो तुम दोनों की चूतें भी एक से बढ़कर एक रसीली हैं और तुम दोनों बहुत ही गर्म हो।

अंकल हमारे बीच लेट गए। अंकल ने हमसे पूछा अब लंड चूसने का शुभारंभ कौन करेगी। मैंने तपाक से बोला चूत मम्मी ने पहले चटवाई थी और लंड पहले मैं मुंह में लूंगी। तभी मम्मी बोली साली रंडी कुतिया कुछ देर पहले तो बड़ी सियानी बन रही थी मम्मी बड़ी है अब लंड देखकर कुतिया बन गई। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

मैंने कहा अरे संनी यार मां बेटी घर पर हैं चुदाई में तो हम दोनों ही लंड की भूखी कुतिया ही हैं और हम दोनों हंस दीं। मम्मी अंकल के सिर के पास बैठ गई और मैं अंकल के लंड के पास। मम्मी ने अंकल का सिर उठा कर अपनी गोद में रख लिया और झुककर अपने होंठ अंकल के होंठों पर रख दिए। मैं अंकल की टांगें खोलकर बीच में घुटने मोड़कर बैठ गई और अंकल का सीधा तना हुआ लंड अपने कोमल हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी।

मैंने अंकल के लंड की चमड़ी पीछे करके अंकल का टोप्पा बाहर निकाल लिया और झुककर अंकल के लंड के टोप्पे पर अपनी जीभ घुमाने लगी। मेरी नर्म जीभ का स्पर्श अपने टोप्पे पर पा कर अंकल कसमसा से गए जैसे उनको करंट का झटका लगा हो। मैंनें धीरे-धीरे अंकल के टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए उनका लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मैं अपना सिर ऊपर-नीचे करते हुए तेजी से अंकल का लंड लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

मम्मी और अंकल के एक-दूसरे को चूमने से तथा अंकल का लंड मेरे मुंह में आगे-पीछे होने से पूरे कमरे में पुच्च पुच्च की आवाजें आने लगीं। थोड़ी देर बाद अंकल ने मम्मी के होंठों को चूसना छोड़ कर मम्मी के बूब्ज़ पर मुंह रख लिया। अंकल बहुत ही गर्म हो चुके थे। अंकल ने मम्मी के बूब्ज़ जोर जोर से चूसते हुए अपनी गांड को ऊपर-नीचे पटकना चालू कर दिया।

अब अंकल का लंड मेरे मुंह से होता हुआ मेरे गले की गहराई को नाप कर बाहर आने लगा। जब अंकल अपनी गांड ऊपर उठाते तो मैंनें अपना सिर नीचे धकेल देती और लंड मेरे गले की गहराई में समा जाता। जब अंकल अपनी गांड नीचे करते तो मैं अपना सिर पीछे खींच लेती तब अंकल का लंड मेरे रसीले होंठों के बीच होता। अब मैं और मम्मी अपनी जगह बदलने लगीं लेकिन अंकल के दिमाग में कुछ और ही था।

अंकल ने मम्मी को बैॅड पर लेटा लिया और खुद मम्मी के कंधों के पास अपने घुटने मोड़कर बैठ गए। अंकल ने मुझे लेटने को कहा और मैं मम्मी की ओर सिर करके लेट गई। अंकल आगे को झुक गए, अब अंकल का लंड मम्मी के होंठों पर ठोकर मार रहा था और उनका मुंह मेरे बूब्ज़ पर था।

मम्मी ने अपना मुंह खोलकर लंड अपने मुंह में ले लिया और अंकल ने मेरे बूब्ज़ अपने मुंह में भर लिए। अंकल जोर जोर से मेरे बूब्ज़ को मुंह में लेकर खींच कर छोड़ देते और बहुत जोर से पुच्च की आवाज आती। साथ में अंकल तेजी से अपनी कमर चला कर मम्मी के मुंह में अपना लंड पेल रहे थे और मैं अपना सिर ऊपर उठा कर अंकल की छाती को जोर जोर से चूस रही थी।

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