Najayaz Sambandh – Masti Ya Barbaadi
एक बार में उसके लिए साड़ी ले के गया गिफ्ट चुदाई के बाद उसको गिफ्ट दी तब उसने बताया की उसके पति जो साड़ी खरीद के लाते है वह मुझे ज्यादा पसंद नहीं आती पर जो यह तुम लाये हो वह बहुत बढ़िया है
हर्षाभाभी : आई लव यु नील, पर अगर हम कभी पकडे गये तब मेरे पति मुझे घर से निकाल देगे
और वह चिंता करने लगी
हर्षाभाभी: अगर उसे पता चल गया और ऐसा होगा तब तुम मुझे अपनाओगे न मुझसे शादी करोगे ना? बोलो
में उसके सवाल पे गंभीर हो गया (मन से हर्षाभाभी को चोदना तो चाहता था पर हर्षाभाभी को बीवी बनाना नहीं चाहता था – ऐसी औरत जो अपने पति के अलावा किसी और से भी सबंध रखे )
में कन्फ्यूज्ड था अगर मै अब क्या हुआ आज तक बड़े मजे लिए तब ठीक था और जब ऐसे हालात आये तो भाग रहे हो? पर यह सच था
में हर्षाभाभी के सवाल पे हा नहीं कहना चाहता था की अगर ऐसा होगा तो में शादी करुगा
मै: उसे गले लगा के बोला की उसे नहीं पता चलेगा , हम नहीं पकडे जायेगे
तब हर्षाभाभी को भी थोड़ी भनक हुयी की इस जवाब का मतलब क्या है
ऐसे ही चलता रहा
फिर एक दिन मेने फोन किया में आ रहा हु हर्षाभाभी ने सिर्फ हम्म बोला फोन रख दिया,
में कुछ किताबे अंश के लिए भी लेते गया जब मैंने दरवाजा खटखटाया तो उसके पति ने खोला
(उसके पति का नाम करन था )
करन : बोलो क्क्क्या क्काम है ?
तब पता चला उसका पति थोडा पर बहुत नहीं हकलाता था इसी लिए हर्षाभाभी मेरे बोलने के अंदाज़ पे फिद्दा थी
मै: कुछ नहीं वह अंश को किताबे देने आया था
करन: अंश को किताब देके हर्षा की लेने आया था (चिल्ला के )
अन्दर हॉल में हर्षाभाभी मुह निचा करके खड़ी थी में सब समज गया
करन : तुझे क्या लगता है मुझे कुछ नहीं पता चलेगा साले मादर चोद , भेनचोद
फिर जो मुझे थप्पड पे थप्पड पड़ने लगे में वहा से में भागा पर करन पीछे दौड़ते दौड़ते मार रहा था में तो वहा से निकल गया और रूम पे आ गया उसने जाते जाते इतना सुना उसके मुह से की साले तुझे क्या लगता है मैं तुम्हे छोडूंगा नहीं,
फिर दुसरे दिन दोपहर को रूम का दरवाजे पे नोक नोक हुई मैंने देखा तो हर्षाभाभी थी रूम खोलते ही वह अन्दर आई दरवाजा बंद करके बोली की जितनी जल्दी हो शके तुम यहा से कही और चले जाओ इस एरिया से निकल जाओ क्युकी मेरे पति ने पूरा बदला लेने का सोच रखा है वह सिर्फ दीखते शांत है पर मेरे ससुराल वाले बड़े पहचान वाले है और चली गयी
वह आई और चली भी गयी में कुछ बोल भी नहीं पाया
अब कहानी हर्षा (यानि स्त्री के माध्यम से) {कहानी की फ़्लैश बेक साड़ी गिफ्ट देने के बाद से शरु)
एक दिन करन कबोट में अपनी चीज़ रख रहे थे तब नील की दी हुई साडी पे ध्यान पड़ा
करन: यह तुमने कब ली
मै : जब सहेली के वहा गयी थी तब वहा बेचने वाला आया था
करन : कौनसी सहेली?
मै: रीना
तब मुझे करन के चेहरे पे शक की लकीरे दिखाई दी
दुसरे दिन जब वह काम से लौटे तो आते ही अंश को पैसे दिए और बोले जाओ दादी के साथ घूमके आओ और यह पैसे से जो खिलौना वगेरा खरीदना हो खरीद लेना. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
तब मुझे कुछ दाल में काला लगा की करन क्यु अंश और सासु माँ को बाहर भेज रहे है पर वह तो मुझे उनलोगों के जाने के बाद पता चलने ही वाला था
उसके जाते ही करन ने दरवाजा बंद किया और आके इतना जोर से थप्पड जड़ दिया की थोड़ी देर तक
सिर्फ त्न्न्नन्न्न्नन्न ही सुनाई दे रहा था और आंख से आंसू निकल आये
करन: रंडी हो तुम? (चिल्ला के)
मै समज्ञ गयी मैंने सिर्फ मुह हिलाके ना बोली
वह बाजु की खिड़की पे झाड़ू पड़ा था उठा के जैसे 3 इडियट्स में आमिर खान को बोमन ईरानी ने छाते से हाथ पे मारा था
वैसे ही मुझे करन ने जोरो से झाड़ू से मारा
और तब की रात का खाना चुपछाप हुआ सुबह अंश की छुटी थी तो करन ने सासु माँ और अंश को किसी रिश्तेदार की वहा भेजा
उन लोगो के जाते ही
करन : लगा तेरे यार को फोन
में : नहीं
तभी नसीब की करनी के नील का फोन आया
करन : देखो आशिक को याद करते ही माशूका को फोन किया
करन ने बोला स्पीकर पे रखता हु उसे बुला
करन ने उठाया
नील : में आ रहा हु
मै: ह्म्म्म
और करन उसके आने की राह देखने लगे
जब नील आया उसके बाद क्या हुआ वह तो आप लोगो को पता है
उसके बाद….
करन नील के पीछे भाग के मार के आया आते ही मुझे अपने पास बिठाया
करन: सॉरी
मैंने सिर्फ उसके सामने देखा और फिर नजरे झुका ली
करन: में ततुमे मारना नहीं च्चाहता था पर ततुम ही बताओ ककीसको ऐसी हरकत पे गुस्सा नहीं आएगा
मैंने ततुमें किसी चीज से वंशीत रखा? ककीतना प्यार ककरता हु,, फफिर भी ततुमने ऐसा किया???
मै करन को जोर से लिपटकर रोने लगी
मै: सॉरी,, में बहक गयी थी,,,, रस्ता भूल गयी थी,,,,, किसीसे मोहित हो गयी थी
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