Najayaz Sambandh – Masti Ya Barbaadi
और करन से लिपट कर रोती रही
करन मुझे शांत करा रहा था कोई बात नहीं लौट के बुध्धू घर आये
पर में दिन भर रोती रही जब भी करन का चेहरा देखती रो पड़ती
तब मन में ऐसा लगता की उसने पुरे मजे लिए पर जब बीवी के रूप में अपनाने की बात की थी तो उसने बात टाल दी थी यानि वह उसका प्रेम नहीं सिर्फ हवस थी
और एक और मेरा पति जो इतना कुछ होते हुए भी मुझे अपना रहा है फिर भी मुझसे प्यार करता है
यह मेने क्या कर दिया में तो अपनी ही नजरो में गिर गयी
रात में खाने के वक़्त
जब मेरे मुह से एक निवाला भी अन्दर नहीं जा रहा था तब करन ने मुझे अपने हाथ से खाना खिलाया
और फिर से में रोने लगी तब करन ने बोला हम यह सोसायटी छोड़ देंगे ताकि तुम नयी ज़िन्दगी शरु कर शको
मै: हम क्यु जाये? जायेगा तो वोह
फिर दुसरे दिन में उसके फ्लैट जाके खटखटाया
उसने दरवाजा खोला मैंने अन्दर जाते ही बोली
जितनी जल्दी हो शके तुम यहा से कही और चले जाओ इस एरिया से निकल जाओ क्युकी मेरे पति ने पूरा बदला लेने का सोच रखा है वह सिर्फ दीखते शांत है पर मेरे ससुराल वाले बड़े पहचान वाले है और चली आई
तब मैंने नोटिस की के मेरे हाथ पे निशान थे उसने देखा पर पूछा भी नहीं वह उसकी सोच रहा था की यहा से निकलू, जब उसने मेरे निशान की ओर देखा तब में बोली : तुम तो भाग गये मैं कहा जाऊ, तब वह बिल्कुल चुप रहा और मैं वहा से निकल आई
दुसरे दिन जब देखा तो करन बाहर खड़े थे
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
में जब बाहर आई तो देखा की नील अपना सामान टेम्पो लोड करवा रहा था यानि वो घर छोड़ के जा रहा था
मैंने करन के कंधे पे सर रखा और करन साइड से लिपटी और करन ने मेरे माथे को चूमा, और यह सब नील जाते जाते देख रहा था
आज तक यह तो पता नहीं चला की करन कैसे पता चला (सहेली,ससुमा, अंश,साड़ी या फिर वह बूढ़े दादाजी) पर एक बात समज में आई बुरे का अंजाम बुरा होता है
अगर यह कहानी पसंद आई तो कृप्या अपना सुझाव “[email protected]” पे भेजे, अब जल्द ही एक महत्व घटना लेके आऊंगा जो अलग और शीख देनेवाली होगी.
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