Khul Gaya Darwaja – Part 2
मुझे तब लगा की मंजू भी अब देव के चुंगल में फँस ही गयी। देव के मुंह की लार उसके मुंह में जाने लगी। देव ने अपनी जीभ से मंजू के होंठ खोले और उसमें अपनी जीभ घुसेड़ी। आखिर में विरोध करते हुए भी मंजू ने अपना मुंह खोला और देव की लार अपने मुंहमें चाव से निगल ने लगी। देव अपनी जीभ मुंह में डाल ने की कोशिश कर रहा था। थोड़े से औपचारिक विरोध के बाद मंजू ने जीभ को मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। अब ऐसा लग रहा था की मंजू आखिर में देव के चँगुल में फँस ही गयी थी। जब देव ने देखा की मंजू अब उसके जाल में फँस गयी है और देव के वजन से दबने के कारण वह ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी, तो देव को मंजू पर तरस आगया। वह थोड़ा शिथिल हो गया। वह मंजू के उपरसे थोड़ा खिसका ताकि मंजू ठीक से सांस ले सके।
पर मंजू भी तो एक जंगली बिल्ली से कम नहीं थी वह इतनी आसानी से फँसने वाली नहीं थी। जैसे ही देव खिसका की मंजू उठ खड़ी हुई और उसने एक जोर का धक्का लगा कर देव को एक तरफ गिरा दिया और एक लम्बी छलांग मार के कमरे में से बाहर की और भागी। भागते हुए वह देव को अपना अंगूठा दिखाकर बोली, “ले लेते जा। मैं देखती हूँ तू मुझे अब कैसे पकड़ता है। अब मैं तेरे हाथ में नहीं आने वाली। बड़ा मर्द बनता फिरता है। हिम्मत है तो अब बाहर रास्ते पर आ और फिर मुझे पकड़ के दिखा।”
उस समय देव के चेहरे के भाव देखते ही बनाते थे। पहले तो वह भौंचक्का सा देखता रहा और फिर वह एकदम झल्लाया और उसके मुंह से निकल ही पड़ा, “यह मादर चोद की औलाद ऐसे नहीं मानेगी। अब मैं तुझे दिखाता हूँ की मर्दानगी किसे कहते हैं।“
ऐसा बोलकर वह भी घर के बाहर मंजू के पीछे दौड़ पड़ा। मंजू भागती हुई थोड़ी आगे निकली की एक और से कोई कार आ रही थी तो उसे रुकना पड़ा। इतना समय देव के लिए काफी था। देव ने एक छलांग लगाई और मंजू को पकड़ा और उसे अपनी बाहों में उठा कर वापस घर में ले आया। मंजू उसकी बाहोंमें छटपटाती रही और बोलती रही, “अरे साले हरामी, एक गाडी आगयी तो मुझे रुकना पड़ा, जो तूने मुझे पकड़ लिया। इसमें कौन सी बहादुरी है?” ऐसा बोलते हुए मंजू कई हलकी भारी गालियां देव को देती रही और जोर जोर से हाथ देव के सीने में पिट पिट कर मारने लगी और जोर से पाँव आगे पीछे करती रही। हाथ पाँव मार कर अपने आपको छुड़ाने की कितनी कोशिशें की। पर अब देव एकदम सतर्क था। उसने मंजू को हिलने का ज़रा भी मौक़ा नहीं दिया।
रास्ते में कई लोग यह तमाशा देखते भी रहे पर देव ने उसकी परवाह किये बिना उसे घर में ले आया। जैसे ही वह घरमें घुसा तो उसने मुझसे कहा, “छोटे भैया, घर का दरवाजा अंदर से बंद करलो प्लीज। आज मैं इस लौंडियाँ को मेरी मर्दानगी दिखाता हूँ। कोई भी आ जाये तो दरवाजा मत खोलना जब तक मैं इस लौंडियाँ से निपट न लूँ। आज मैं इसकी बजा कर ही छोडूंगा। बेशक देखना चाहो तो आप भी देख लो।“
मैं मंजू को देख रहा था। देव की बाहों में वह छटपटा रही थी और छूटने की कोशिश में लगी हुई थी पर उसने एक भी बार न तो मुझे न तो रास्तेमें खड़े तमाशाबीन लोगों को चिल्ला कर बचाने के लिए आवाज लगाई।
मैं सोच रहा था की कहीं देव मंजू पर बलात्कार तो नहीं कर रहा? मैंने थोड़ा घबड़ाते हुए मंजू से चिल्ला कर पूछा, “मंजू, क्या देव तुम पर बलात्कार तो नहीं कर रहा? क्या मैं तुम्हारी मदद करूँ? क्या मैं दूसरे लोगों को बुलाऊँ?”
मंजू ने भी चिल्लाते हुए मुझे जवाब में कहा, “अरे यह भड़वा क्या मुझ पर बलात्कार करेगा? मुझमें अपने आप को छुड़ाने की पूरी क्षमता है। अगर मैं न चाहूँ तो यह मुझे छू भी नहीं सकता। आप निश्चिन्त रहो। मुझे कोई भी मदद नहीं चाहिए। अब यह मामला मेरे और देव के बिच का है।”
मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
मंजू खुद देव से निपटना चाहती थी। वह शायद जानती भी थी की देव उसे नहीं छोड़ेगा। वह जानती थी की देव उसे चोद कर ही छोड़ेगा। यह साफ़ था की वह भी देव से चुदवाना चाहती थी। वह हांफ रही थी, पर उसके चेहरे पर एक अजीब सा भाव था। वह मदमस्त लग रही थी। उसकी जवानी और खिली हुई लग रही थी। मंजू की आँखों में एक अजीब सा नशा छाया हुआ था।
शायद कोई औरत यह जानते हुए की अब थोड़ी ही देर में पहली बार उसकी चुदाई होने वाली है, उसके मुंह पर शायद ऐसे ही भाव होंगे, क्यूंकि अब मुझे पूरा यकीन हो गया था की मंजू देव से उस दिन जरूर चुदने वाली थी। मंजू भी अब अच्छी तरह समझ गयी थी की उसकी सील उसदिन टूटने वाली थी। वह तो कई महीनों से इसका इंतजार कर रही थी। पर शायद वह देव को परखना चाहती थी। वह ऐसे वैसे किसी भी मर्द को अपनी इज्ज़त आसानी से देने वाली नहीं थी।
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये रियल इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीज हिंदी चुदाई कहानी अभी जारी रहेगी और अपने अभिप्राय मुझे जरुर लिखें, मेरा ईमेल पता है “[email protected]”.
What did you think of this story??
Comments