Meri Chudakkad Banne Ki Dastan – Part 1
मैंने सर से कहा आप नीट पीते हो क्या। सर ने कहा नहीं तुम बताओ किस के साथ लेना पसंद करोगी पानी के साथ, सोडे के साथ या बीयर के साथ। मैंने आज तक सिर्फ पानी के साथ शराब पी थी और मैंने नया ट्राई करने का सोचा। मुझे लगा अगर बीयर के साथ ली तो नशा ज्यादा हो सकता है तो मैंने सोडे के साथ कह दिया। सर ने टेबल के नीचे से सोडे की बोतल और नमकीन काजू निकाल लिए। मैंने शराब में सोडा मिलाकर गिलास उठाकर सर को दे दिया और एक खुद उठा लिया।
हमने चीयर्स किया और एक दूसरे के होंठों को शराब के गिलास लगा दिए। हम एक दूसरे की आंखों में सेक्सी नज़र से देखते हुए गिलास खाली कर दिए। सर ने काजू उठाकर अपने हाथ से मुझे खिलाया और फिर मैंने अपने हाथ से सर को काजू खिलाया। मैंने सर की शर्ट के बटन खोल दिए और सर ने अपनी शर्ट निकाल दी। सर ने मुझे बांहें ऊपर करने को कहा और मेरा टॉप खींच कर निकाल दिया। सर ने मुझे खडी़ किया और मेरी जींस भी निकाल दी।
अब मैं सर के सामने ब्रा एवं पैंटी में खडी़ थी। सर ने मेरी कमर में हाथ डालकर अपने होंठ मेरे गोरे, नाजुक, चिकने एवं मुलायम पेट पर रख दिए। अपने पेट पर सर के नाजुक होंठों का स्पर्श पाते ही मैं चिहुंक पडी़। सर मेरे पेट को चूमने और जीभ से चाटने लगे और मैं सर के मुंह को अपने पेट पर दबाते हुए मचलने लगी। मेरे मुंह से अपने-आप कामुक आवाज़ें निकलने लगीं और मैं अपने हाथ से सर की पीठ सहलाने लगी। सर मेरे पेट को चूमते हुए मेरे चूतड़ दबाने लगे।
मैंने सर को खडा़ कर लिया और अपने होंठ सर के होंठों पर रख दिए और पैंट के ऊपर से सर का लंड पकड़ लिया। सर ने मेरे होंठ चूमते हुए अपनी पैंट एवं अंडरवियर निकाल दिए और अब मेरे हाथ में सर का नंगा तना हुआ गर्म लंड था। मैं सर के होंठ चूमते हुए सर का लंड हिलाने लगी और सर ने मेरे ब्रा की हुक खोल दी। सर ने मुझे पीछे किया और अपनी पैरों में अटकी हुई पैंट निकाल दी। तब तक मैंने भी अपनी ब्रा और पैंटी निकाल कर साईड पर रख दी।
अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे खडे़ थे। मैंने सर को बैॅड पर लेटा लिया और खुद उनके ऊपर लेट गई। मेरे बूब्ज़ सर की छाती में गढ़ गए और मेरा मुलायम पेट उनके पेट से सट गया। मैं सर की गर्दन को चूमने लगी और बीच-बीच में अपने नर्म नर्म बूब्ज़ सर की सख्त छाती पर मसल देती। सर ने मुझे अपने बांहों में जकड़ लिया और मेरा कान होंठों में लेकर चूसने लगे। हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे के कानों, गालों, गर्दन और होंठों का रसपान करते रहे। फिर मैंने थोडा़ ऊपर उठी और बारी बारी से सर की छाती के निप्पलों को जीभ से चाटते हुए मुंह में भर कर चूमने लगी।
सर मेरे सिर को अपनी छाती पर दबाते हुए आंहें भर रहे थे। तभी सर ने मेरी कमर पकड़कर अपना लंड मेरी चूत पर सैट कर लिया। मैं सर की छाती को चूम एवं चाट रही थी और सर अपनी कमर हिला कर मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे। उनकी इस हरकत से मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मेरी चूत गीली हो गई। मैं सर के होंठ फिर से चूमने लगी और अपनी गांड हिला कर चूत लंड पर रगड़ने लगी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मेरे मुंह से कामुक आवाज़ें फिर से निकलने लगीं।
हम दोनों ने बैठ कर एक एक और बड़ा बड़ा शराब का पैग लगाया। अब मैं नीचे और सर मेरे ऊपर लेट गए। सर ने अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया और मुंह मेरे बूब्ज़ पर लगा दिया। सर ने मेरे बूब्ज़ को चूसना चालू किया और मुंह में भरकर चूसने लगे। मैंने उनको सिर से पकड़कर उनका मुंह बूब्ज़ पर दबाते हुए गांड हिलाते हुए अपनी गीली चूत सर के लंड पर रगड़ने लगी। सर मेरे बूब्ज़ के निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में भर कर चूसने लगे। मैं बहुत गर्म हो गई थी और तेज़ी से गांड उठा उठा कर चूत सर के लंड पर रगड़ने लगी। एक बार सर ने थोडा़ सा झटका मारा और उनके लंड का टोप्पा मेरी चूत में घुस गया। मेरे मुंह से आह निकल गई और सर ने लंड बाहर निकाल लिया।
सर ने एक एक और पैग बनाया और हमने वो भी पी लिया। मुझे नशा हो गया था। सर ने मेरी टांगें खोल कर चूत के पास चाटने को मुंह किया लेकिन रुक गए। सर ने कहा अर्श तेरी चूत में थोडा़ सा लंड गया था और अब प्लीज़ उतना सा गांड में भी डालने दो बस थोडा़ सा। मेरा भी दिल किया डलवा कर देखा जाए तो मैंने कहा पर थोडा़ सा ही।
मैं उल्टी लेट गई और सर ने मुझे कमर से पकड़कर घुटने मोड़ कर गांड ऊपर उठा ली। सर ने मेरी गांड के छेद पर और अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा कर मेरी गांड पर लगा दिया। सर ने थोडा़ सा जोर लगाया और सर का टोप्पा मेरी गांड में घुस गया। सर धीरे-धीरे अपना लंड हिलाने लगे और मुझे भी मजा आने लगा। बीच में झटका थोडा़ जोर से लगा और सर का आधा लंड मेरी गांड में चला गया और सर वहीं रुक गए। सर अपना लंड गांड से निकाल लिया जबकि मेरा दिल पूरा लेने को कर रहा था।
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