Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 11

iloveall 2016-09-02 Comments

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वह मुझे यह महसूस नहीं होने देना चाहता थी, की वह मुझे भूलकर अनिल के पीछे लग गयी है। मैं भी नीना का सर पकड़ कर उस के मुंह को चोदने लगा। मुझे आज उसके मुंह को चोदने में बहुत आनंद आ रहा था, क्योंकि आज मैं अपनी पत्नी की मुंह चुदाई मेरे मित्र के सामने कर रहा था।

थोड़ी ही देर मैं मैं भी अपने जोश पर नियंत्रण नहीं रख पाया। मेरे मुंह से एक आह सी निकल गयी और मैंने मेरी बीबी के मुंह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया। नीना अनिल के वीर्य का स्वाद तो जानती ही थी। मेरी पत्नी मेरा वीर्य भी पहले ही की तरह निगल गयी।

मेरे इतने सालों के वैवाहिक जीवन में यह पहली बार हुआ की मेरी बीबी मेरे वीर्य को निगल गयी हो। तब तक जब भी कोई ऐसा बिरला मौका होता था जब नीना मेर लण्ड को अपने मुंह में डालती थी तो या तो मैं थोड़ी देर के बाद मेरा लण्ड निकाल लेता था, या फिर मेरी बीबी मुझे मुंह में मेरा वीर्य नहीं छोड़ने की हिदायत देती थी। वह दिन मेरे लिए ऐतिहासिक था।

अनिल और मैं हम दोनों ही नीना के इस भाव प्रदर्शन से अभिभूत हो गए थे। मैं मेरी पत्नी को सेक्स का ऐसे उन्मादअनुभव कराना चाहता था जो उसने शायद पहले कभी नहीं किया हो। मैंने अनिल के कानों में बोला, “क्यों न हम नीना को अब सेक्स का ऐसा अनुभव कराएं जो उसने पहले कभी किया ना हो?”

अनिल ने मेरी और देखा और मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर सख्ती से पकड़ा और बोला, “मैं तुमसे पूरी तरह सहमत हूँ। मेरा भी उसमें एक स्वार्थ है। तुम्हारी अनुमति के बगैर वह पूरा नहीं हो सकता। मैं भी नीना को सेक्स की पराकाष्ठा पर ले जाना चाहता हूँ, जिससे वह मुझसे दुबारा सेक्स करने को इच्छुक हो। पर उसके लिए तुम्हारी अनुमति भी आवश्यक है। ”

तब मैंने उसे कहा, “मैं यह मानता हूँ की यदि हम सब साथ में एक दूसरे से कुछ भी न छुपाकर सेक्स करते हैं तो वह आनंद देता है। पर यदि चोरी से या छुपी कर सेक्स करते हैं तो परेशानी और ईर्ष्या का कारण बन जाता है। मैं चाहता हूँ की अनीता भी हमारे साथ शामिल हो। हम सब मिलकर एक दूसरे को एन्जॉय करें और करते रहें। ”

नीना ने हमारी और देखा। वह समझ गयी के मैं और अनिल उससे सेक्स करनें के बारे में ही कुछ बात कर रहें होंगे। मैंने उसकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए कहा, “अनिल तुम से बार बार सेक्स करने के बारें में पूछ रहा था। मैंने उसे कहा की अगर हम सब राजी हैं तो कोई रुकावट नहीं है।” नीना ने इस पर कोई टिपण्णी नहीं की।

पर नीना अब काफी खुल गयी थी। वह उठ खड़ी हुयी और हम दोनों के साथ पलंग पर वापस आ गयी। फिर फुर्ती से वह मेरी गोद मैं बैठ गयी। उसने अपने दोनों पाँव मेरी कमर के दोनों और फैला कर मुझे अपने पाँव में जकड लिया।

मेरे होठ से होठ मिलाकर बोली, “मेरे प्राणनाथ, डार्लिंग पूरी दुनिया में तुम शायद गिने चुने लोगों में से हो जो अपनी बीबी को दूसरे के साथ सेक्स करने लिए उकसाता है। पर अगर मुझे इसकी लत पड़ गयी तो तुम क्या करोगे? कहीं ऐसा न हो की मैं रोज किसी और के साथ सोना चाहूँ तो?” ऐसा बोल उसने मुझे पुरे जोश से चूमना शुरू किया।

तब अनिल उसके पीछे सरक कर पहुँच गया और मेरे और नीना के बिच में हाथ डालकर नीना की चूँचियों को सहलाने और दबाने लगा।

नीना ने अनिल का हाथ पकड़ा और अनिल को अपनी और खिंचा। अनिल नीना के कूल्हों से अपना लण्ड सटाकर बैठ गया। नीना की गरम चूत का स्पर्श होते ही धीरे धीरे मेरा लण्ड कड़क होने लगा।

उसके वीर्य का फौवारा निकलने पर भी अनिल का लण्ड तो ढीला पड़ा ही न था। मैं अनिल की क्षमता देख हैरान रह गया। खैर, उस दिन का माहौल ही कुछ ऐसा था। मेरा लण्ड भी तो एक बार झड़ने के बाद फिर से कड़क हो गया था।

थोड़ी देर तक मेरी नंगी बीबी को चूमने के बाद मैंने उसे पलंग के किनारे सुलाया और उसे अपनी टांगें नीचे लटकाने को कहा। अनिल तो जैसे नीना से चिपका हुआ ही था। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

जब नीना पलंग के किनारे अपनी टाँगे नीचे लटका के पलंग के ऊपर लेट गयी तो अनिल उसकी छाती पर अपना मुंह रख कर लेट गया। मैं झट से पलंग के नीचे उतरा और अपनी बीबी की टांगो को फैला कर उसकी चूत चाटने लगा।

मेरी जीभ जैसे ही नीना की चूत में घुसी की नीना छटपटाने लगी। मुझे पता था की नीना की चूत चाटने से या फिर उसको उंगली से चोदने से वह इतनी कामान्ध हो जाती थी की तब वह बार बार मुझे चोदने के लिए गिड़गिड़ाती थी।

आज मैं उसे हम दोनों से चुदवाना चाहता था। इसके लिए हमें उसे इतना उत्तेजित करना था की वह शर्म के सारे बंधन तोड़ कर हम दोनों से चुदवाने के लिए बाध्य हो जाए।

मेरी पत्नी की छटपटाहट पर ध्यान ना देते हुए मैंने उसकी चूत मैं एक उंगली डाल कर उसे उंगली से बड़ी फुर्ती और जोर से चोदना शुरू किया। नीना के छटपटाहट देखते ही बनती थी।

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