Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 10

iloveall 2016-09-01 Comments

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नीना को होठों पर चूमते चूमते थोड़ा और झुक कर अनिल नीना के स्तनों को भी चूमने और चाटने लगा। नीना से जैसे उसका जी नहीं भर रहा था।

मेरी निष्ठावान पत्नी भी अनिल से लिपट गयी और उसके होठों को चूसने और चूमने लगी। मुझे ऐसा लगा जैसे उसे अपनी कितने सालों की प्यास बुझाने का मौका मिल गया था। मेरी पत्नी और मेरा ख़ास दोस्त अब मेरे ही सामने एक दूसरे से ऐसे लिपटे हुए एक दूसरे को चुम्बन कर रहे थे जैसे वास्तव में वह पति पत्नी या घनिष्ठ प्रेमी हों।

मैं उन दोनों को देखता ही रहा। उस वक्त कुछ क्षणों के लिए मेरे मनमे जरा सी ईर्ष्या का भाव आया। इस तरह का उन्मत्त चुम्बन करने के बाद, जब मेरी पत्नी ने मेरी और थोड़ा सा घबराते हुए देखा तो वह मेरे मन के भावों को शायद ताड़ गयी। वह तुरंत अनिल की बाँहों में से निकल कर मेरे पास आयी और मुझे अपनी बाँहों में लेनेके लिए मेरी और देखने लगी।

मैंने तुरंत ही उसे अपनी बाहों में लिया, तब उसने मेरे कान में कहा, “आप मेरे सर्वस्व हैं। मैं आप के बिना अधूरी हूँ और आपके बिना रहने का सोच भी नहीं सकती। आप दुनिया के सर्वोत्तम पति हो यह मैं निसंकोच कह सकती हूँ। आज मैं यह मानती हूँ की मेरे मन में अनिल के प्रति आकर्षण था। आपने शायद इसे भाँप लिया था। आज आपने मेरे और अनिल के शारीरिक सम्भोग की व्यवस्था करके उस को भी पूरा करने की कोशिश की, इसके लिए मैं वास्तव में आपकी ऋणी हूँ। यदि आप मुझे इसके लिये बाध्य न करते तो मैं कभी अनिल को अपने बदन को छूने भी नहीं देती। मैं आपकी थी, आपकी हूँ और हमेशा आपकी रहूंगी। इसको कोई भी व्यक्ति बदल नहीं सकता।”

तब अनिल मेरे पीछे आया और एक झटके में ही मेरे पाजामे का नाड़ा खोल कर उसे नीचे गिरा दिया। मैंने भी मेरा कुरता निकाल फेंका और मैं भी नीना और अनिल जैसे ही नंगा हो गया। मेरे नंगे होते ही मेरा लण्ड अपने बंधन में से बाहर कूद पड़ा।

वह अकड़ कर खड़ा था और मेरी पत्नी की चूत को चूमने के लिए उतावला हो ऐसे उसकी दिशा में इंगित कर रहा था। नीना ने अपने नित्य चुदसखा को अपने हाथ में लिया और उसे बड़े प्यार से सहलाने लगी।

तब मैंने नीना को अनिल की और धकेला और जब दोनों एक साथ हुए तो उनको एक और धक्का मार कर पलंग के ऊपर गिराया। गिरते हुए अनिल ने मेरी बाँह पकड़ी और मुझे भी अपने साथ खिंच लीया। हम तीनों धड़ाम से पलंग पर गिरे। मैं अपनी निष्ठावान और शर्मीली पत्नी को मेरे ही घनिष्ठ मित्र की बाहों मेरी मर्जी ही नहीं, मेरे आग्रह से नंगा लिपट ते हुए देख उन्मादित हो गया।

अनिल की दोनों टाँगे मेरी बीवी के ऊपर लिपटी हुयी थीं। मेरी पत्नी उसमे जैसे समा गयी थी। अनिल का लण्ड नीना की चूत पर रगड़ रहा था। ऐसे कड़क लण्ड को सम्हालना अनिल के लिए वास्तव में मुश्किल हो रहा होगा। नीना और अनिल एक दुसरेकी आहोश में चुम्बन कर रहे थे। नीना ने एक हाथ में उसका लण्ड पकड़ रखा था। उसका दुसरा हाथ मेरी और बढ़ा और मेर लण्ड को पकड़ा।

मेरी शर्मीली और रूढ़िवादी पत्नी तब एक हाथ में मेरा और दूसरे हाथ में मेरे नजदीकी मित्र अनिल का लण्ड अपने हाथ में पकड़ कर बड़े प्रेम से सहला रही थी। हम तीनों पूण रूप से नग्न हालात में थे और एक दूसरे को लिपटे हुए थे। नीना बिच बिच में अनिल के अंडकोष को अपने हाथों से इतमे प्यार से सहलाती थी की मैं जानता था की उस समय अनिल का हाल कैसा हो रहा होगा। नीना के हाथ में एक जादू था। वह मेरे एंडकोष को ऐसे सहलाती थी की मैं उस आनंद का कोई वर्णन कही कर सकता।

उधर अनिल और मेरी पत्नी ऐसे चिपके थे जैसे अलग ही नहीं होंगे। नीना भी अनिल की बाँहों मैं ऐसे समा गयी थी के पता ही नहीं चलता था के वह गयी कहाँ। अनिल के हाथ नीना के नंगे पिछवाड़े को सहला रहे थे।

अनिल का हाथ बार बार नीना के कूल्हों को दबाता रहता था और उसकी उँगलियाँ कूल्हों के बिच वाली दरार में बार बार घुस कर नीना की गांड के छिद्र में घुसेड़ता रहता था।

इस से नीना और उत्तेजित हो कर गहरी साँसे लेकर, “अनिल यह क्या कर रहे हो? प्लीज मैं बहुत गरम हो रही हूँ। आहहह.. बोलती रहती थी। नीना की उत्तेजना उसकी धीमी सी कराहटों में मेहसूस हो रही थीं।

अब नीना इतनी गरम और उत्तेजित हो चुकी थी की वह कामोत्तेजना में कराह रही थी। उसने अनिल से अपने आप को अलग कर उसे अपनी टांगो के पास जाने का इशारा किया और उसका मुंह अपनी नाभि पर रखा। अनिल को और क्या चाहिए था। उसे अपनी कामाङ्गना (सेक्स पार्टनर) का आदेश जो मिला था। उसने नीना की पतली कमर पर अपना मुंह रख कर वह मेरी बीबी की नाभि को चाटने एवं चूमने लगा।

उसकी जीभ से लार नीना के पेट पर गिर रही थी, वह उसे चाटकर नीना के पेट पर अपना मुंह दबाकर उसे इतने प्यार से चुम्बन कर रहा था की मेरी बीबी की कामुक कराहटें रुकने का नाम ही नहीं ले रही थीं। अपना मुंह नीना के पेट, नाभि और नीचे वाले उभार पर इतने प्यार से चूमने से मेरी बीबी की कामाग्नि की आग और तेज़ी से भड़क रही था। मैं मान गया की आज तक मैंने इतने सालों मे अपनी पत्नी के बदन को इस तरह नहीं चूमा था।

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