Chudai Ki Baat, Bhuli Na Wo Raat – Part 2

findfuckforget 2016-06-28 Comments

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वह मेरे मुंह में लण्ड को इतनी अंदर तक ले जा रहा था कि मेरा सांस लेना मुश्किल हो रहा था, पर वह था कि मेरे मुंह को घपा-घप चोदे जा रहा था. कभी वह टेढ़ा होता तो मेरी गाल पर ठोकर लगती, अगर वह सीधा ठोकता तो मेरे गले के अंदर तक चोट लगती. मुझे लगा कि वह मेरे मुंह में ही झर जायेगा. लेकिन वह मेरे मुंह को लगातार चोदे जा रहा था.

करीब दस मिनट के बाद उसने मेरे मुंह से लण्ड को निकाला और फिर उसने मुझे खड़ा होने को कहा. उसने रस्सी को फिर से कस दिया पर इस बार रस्सी थोड़ी ही कसी ताकि मै थोड़ा झुक सकूं. तभी मुझे एहसास हुआ कि मेरे मुंह कि कितनी जबदस्त चुदाई हुई है.

मेरा सारा जबड़ा दर्द कर रहा था. गाल भी दुख रहे थे. गाल और होंठ लोहे जैसे लण्ड कि ठोकरे खा खा कर सूज गए थे, मुझसे तो बोला भी नहीं जा रहा था, पर मेरे अंदर चुदाई कि इतनी भूख थी कि में सारे दर्द भूल गयी थी.

तभी उसने मेरे होठो को चूमा और मेरे पीछे कि तरफ चला गया. मेरी पीठ पर हाथ रखते हुए उसने मुझे झुकने को कहा. में रस्सी के सहारे आगे को झुक गयी जैसे कि कोई घोड़ी घोड़े से चुदवाने जा रही हो.

तभी उसने मेरी सूज चुकी गुलाबी गांड के छेद से वाइब्रेटर निकाल दिया मेरी गांड काफी देर तक वाइब्रेटर अंदर रखने के कारण धीरे धीरे बंद हो रही के तभी उसने झुक कर मेरी बंद होती गांड के छेद में अपने लप-लपाती जीभ कि ठोक दिया. और अपनी जीभ को ऊपर नीचे , दाएं बाएं नाचने लगा. मुझे उसकी जीभ ऐसे लग रही थी कि जैसे मेरी गाड़ में कोई बड़ा सा कीड़ा कुलबुला रहा हो. मैं मस्ती में मदहोश होने लगी.

तभी उसने वाइब्रेटर जो कि उसके हाथ में था मेरी चिकनी गुलाबी चूत में पेल दिया और उसकी स्पीड बढ़ा दी. मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे मैं जन्नत कि सैर कर रही हूँ. अब तक मेरे अंदर कि आग भड़क कर सो गुना हो चुकी थी. मैं इतनी मस्त हो चुकी थी कि मुझे सब कुछ गुलाबी नज़र आने लगा था.

जो चीटियां अब तक मेरी चूत और गांड मैं काट रही थी वह अब मेरे सारे बदन में काटने लगी थी. मुझे उसने इतनी मजबूर कर दिया था कि अगर उस समय मेरे सामने कुत्ता भी आ जाता तो मैं उससे भी चुदवा लेती.

अब तो मैं मन्नतें मांगने लग गयी थी कि अब तो वह मेरी जम के चुदाई कर दे. तभी उसने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद से निकाली और मेरी गांड पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने गधे जैसे लण्ड के टोपे को मेरी गांड के गुलाबी छेद से लगाया. किउं कि मेरी गांड मैं पहले से वाइब्रेटर निकल चूका था मुझे यकीन था कि उसके लण्ड से मुझे जियादा दर्द नहीं होगा.

तभी उसने मुझे कहा चल मेरी चुद्दकड़ छिनाल तू भी क्या याद करेगी कि मैने तुझ पर तरस खाकर तेरी चुदाई जल्दी शुरू कर दी. इतना कहते ही उसने मेरी कमर को कसके पकड़ा और एक झटके में आधा लण्ड अंदर कर दिया. मुझे तो ऐसा लगा कि किसी ने मेरी कुंवारी गांड में गरम लोहे की सलाख डाल दी हो.

मै दर्द के मारे चीख उठी और छोड़ दो मुझे छोड़ दो मुझे चिल्लाने लगी. उसका लण्ड तो मेरी सोच से कहीं जियादा मोटा था. इससे पहले की मै समभ्ल पाती उसने एक और झटका मार कर सारे का सारा लण्ड मेरी गांड में डाल दिया. में तो बेहोश होते होते बची. तभी वह रुक और मेरी चूचियों को सहलाने लगा वह पीछे से घोड़े की तरह मेरी गर्दन और मेरी पीठ को चूमने लगा.

एक हाथ से वह मेरी चूत के वाइब्रेटर की स्पीड को कम जियादा कर रहा था और एक हाथ से चूचियों को मसल रहा था. मुझे अब दर्द काम होने लगा था और मेरी अंदर की हवस और भड़कने लगी थी.

उसने धीरे धीरे अपनी कमर को चलाना शरू कर दिया. मुझे उसका लंड नाभि तक पंहुचा हुआ लग रहा था. उसने झटके तेज कर दिए मुझे भी मजा आने लगा और में अपनी कमर पीछे हिलते हुए गांड मरवाने लगी. वह भी अब अपना लण्ड सुपाड़े तक बहार निकल कर दना दन चुदाई कर रहा था मेरी गांड का बैंड बज रहा था और मैं घोड़ी बनी अपनी बैंड बजने का मजा ले रही थी.

मेरी गांड अंदर से छिल चुकी थी पर मैंने भी सोच लिया था की आज मैं टॉप की रंडी बनकर दिखाऊंगी. मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी. मुझे ऐसे लग रहा थी की जैसे मैं किसी बेसबॉल बैट से चुद रही हूँ. पर इस चुदाई का भी अपना मजा था.

मे्रे शरीर का एक एक हिस्सा चुद रहा था. ऐसे तो कोई किसी रंडी को नहीं चोदता जैसे उस दिन मेरी चुदाई हुई और अभी तो खेल बाकी था. तभी मुझे लगा की मैं झर जाऊंगी मेरा जिस्म अकड़ने लगा था मैं झरने ही वाली थी उसने मेरी दना दन चुदती गांड से आपने लण्ड को झटके से खींच लिया और मेरी चूत के वाइब्रेटर को भी निकल लिया.

मैं उसकी इस हरकत से दंग रह गयी. मेरी चूत से मस्ती का फवारा छूटने ही वाला था की उसने ये हरकत कर दी मैं इतनी चुदास हो गयी थी की मैं उसकी मिन्नते करने लगी की प्लीज मुझे चोदते रहो. प्लीज मेरी चुदाई मत रोको मैं झरने वाली थी और वह मेरी चूत को प्यासा छोड़ कर मेरे सामने खड़ा हस रहा था.

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