Himanchali Mami Rupa Ki Kabz
Sex Stories In Hindi
सभी देसी कहानी पढ़ने वाले हरामी लड़कों और चूत की रानियों को राहुल का सलाम.
दोस्तों आज जो मैं कहानी लिखने जा रहा हूँ वो मेरी मामी के पेट की कब्ज से सम्बंधित है जिसके कारण मुझे उनकी पाद सूंघनी पड़ी और धीरे धीरे मैं उनकी पाद का आशिक बन गया.
मेरी मामी का नाम रूपा है जो हिमांचल के पहाड़ों में रहती है. उम्र लगभग 35 साल, रंग गोरा, होंट बड़े बड़े, आँखें डब्बे जैसी, स्तन बड़े आकार के, कूल्हे बड़े, बदन बहुत ज्यादा मोटा, एक दम गाँव की चिकनी गोरी मोटी ताजी कामुक सुडौल चमेली है मेरी मामी रूपा. मेरे मामा चुटिया प्रसाद देवू मुम्बई में धंधा करते हैं लेकिन मामी को यहीं गाँव में छोड़ा हुआ है.
मामी की एक छोटी लड़की है जिसका नाम निक्की है उसकी उम्र अभी मात्र 8 साल ही है लेकिन मेरी गन्दी नजर अभी से उस पर है. मामी घर में सूट और नीचे पैजामा पहनती है, मामी ब्रा नही पहनती, यहाँ गाँव की पहाड़ियों में कोई औरत ब्रा नहीं पहनती है. ब्रा न पहनने के कारण मामी के मोटे निप्पल के दर्शन सूट के बाहर से ही हो जाते हैं.
गाँव की औरत होने के कारण मामी मांग में सिंदूर लगाती है, कानों में झुमके, गले में बहुत सारे काले धागे और मंगलसूत्र पहनती है, हाथ में चूड़ियाँ, पैरों में घुँगरू, पेट में चेन डाली होती है. इन सब आभूषणों से मामी एक शादी शुदा संस्कारी औरत लगती है.
मैं गर्मियों की छुटियाँ बिताने हिमाचल मामी के घर आया हुआ हूँ, यहाँ का सुहाना मौसम मुझे बहुत भाता है, दिल्ली के लड़के को हिमांचल का ठंडा मौसम अच्छा ही लगेगा.
मामी की उम्र 35 साल होने के कारण मामी के मोटे कसे हुए बदन के प्रति मेरा आकर्षण बना हुआ है. जब मामी घर का काम करती है तो मैं उसे काम करते हुए देखता हूँ, वो जब झुक कर झाड़ू लगाती है तो उसके गोरे विशालकाय मम्मे के दर्शन हो जाते हैं जिससे मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है और पानी छोड़ने लगता है, जब वो पोछा लगाती है तो उसकी मोटी गांड देखकर मेरा मन डोलने लगता है, मन करता है अभी साली रांड को पकड़ कर गांड में लण्ड पेल दूँ, लेकिन रिश्ते का सम्मान करते हुए मैं रुक जाता हूँ.
निक्की स्कूल गयी हुयी है, मामी और मैं घर में अकेले हैं, मामी दिन के लिए जमीन पर बैठकर चावल साफ कर रही है. चुन्नी न होने के कारण उसके 70 प्रतिशत बूब्स सूट से बाहर झाँक रहे हैं, और लगभग 10 प्रतिशत काले निप्पल भी दिख रहे हैं और मैं बिस्तर से ये सब नजारा देख कर पागल हो रहा हूँ. मामी और मेरी गप्पे चल रही हैं.
मैं- मामी मैं कुछ मदद करूँ क्या?
मामी- नहीं तू रहने दे, मैं साफ कर लुंगी.
मैं- मामी एक सवाल पूछूँ?
मामी- हाँ पूछ ले.
मैं- मामा के बिना आपको गन्दा नहीं लगता अकेले अकेले?
मामी- अब आदत सी हो गयी है अकेले रहने की.
मैं- लेकिन अब आप चिंता मत करो, जब तक मैं यहाँ हूँ आपको बोर नहीं होने दूंगा.
मामी- अच्छा जी, वो कैसे?
मैं- हम खेल खेलेंगे, मुझे तरह तरह के खेल आते हैं.
मामी- क्या क्या खेल?
मैं- रेशलिंग, कब्बडी, कुश्ती, डांस सब कुछ, मैं आपको सिख दूंगा मामी सब खेल.
मामी- अच्छा जी. ये तो अच्छी बात है, ठीक है मुझे सिखाना सब, मैं चावल गरम करने रख दूँ उसके बाद हम खेलते हैं.
मैं- जल्दी करना मामी काम.
(मेरा लण्ड खड़ा हो गया है और पानी छोड़ रहा है, ये सोच सोच कर मेरा दिमाग खराब हो रहा है कि मैं इतनी मोटी, गोरी, सुडौल वक्ष वाली औरत अपनी मामी के साथ कुश्ती करूँगा तो शरीर घर्षण तो अवश्य होगा जिसका मैं पूरा फायदा उठाऊंगा और लण्ड से माल छोडूंगा, मामी चावल चूल्हे में रखकर आ जाती है)
मामी- चल राहुल, अब बता कौन सा खेल खेलना है पहले?
मैं- पहले हम कुश्ती करते हैं, इसमें एक दूसरे को पटकनी देनी होती है.
(मैं मामी को सारे खेल के नियम और खेलने का तरीका बता देता हूँ और हम कुश्ती शुरू करते हैं, हम बिस्तर पर कुश्ती शुरू करते हैं, मामी के बूब्स सूट से आधे बाहर लटक रहे हैं, निप्पल का उभार साफ दिख रहा है..
मेरा लण्ड झटके मार कर चिकनी मोटी ताजी मामी को सलामी दे रहा है, फिर हम कुश्ती शुरू करते हैं, मैं मामी को कस कर पकड़ता हूँ और पटकनी देता हूँ और बिस्तर पर पटक देता हूँ जिसकी वजह से मामी की पाद निकल जाती है और बदबू पुरे कमरे में फैल जाती है, मामी शरमा जाती है)
मैं- अरे मामी, छी छी छी छी…. कितनी बदबू मारी.
मामी- चुप कर तू…. पेट में कब्ज है मेरे. चल कुश्ती खेलते हैं.
(और हमने फिर कुश्ती शुरू कर दी और इस बार मामी ने मुझे पटक दिया और जोर से आवाज के साथ पाद छोड़ी और इतनी भयंकर दुर्गन्ध फैली जैसे भोपाल गैस त्रासदी हो गयी हो)
मैं- छी मामी क्या करती हो, कायम चूर्ण खाना आज, सारा कमरा सड़ा दिया, स्वर्ग जैसे हिमाचल को नरक बनाने का काम करती हो आप सही में.
मामी- हद से ज्यादा मत बोल राहुल, थप्पड़ मारूँगी गाल पर, झन्ना जायेगा यहीं समझ गया, तेरी माँ ने सिखाया नहीं कैसे बात करते हैं बड़ों से?
(मामी का गुस्सा देखकर मैं डर गया लेकिन मन ही मन मैं उसे गाली देने लगा, इसके बाद मामी ने अपनी गांड के छेद से फिर से एक जोर दार भोंपू बजाया और पाद मारी, और बस अब मुझे बहुत गुस्सा आ गया)
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