Ishika Meri Chudakkad Padosan

Deep punjabi 2016-09-17 Comments

इधर मेरा डर के मारे बुरा हाल हो रहा था, के कही बोलना न पड जाये। क्योंके वो तो अब भी मुझे राजीव ही समझ रही थी। मैं उसकी चूत चाटे ही जा रहा था। शायद उसने भी थोड़ी दारू पी हुई थी। जिस से उसकी जबान लड़खड़ा रही थीं।

वो बड़बड़ा रही थी के राजीव और ज़ोर से चूसो न, मज़ा आ रहा है।

बहुत दिनों से इसे तुम्हारा लण्ड नही मिला बड़ी खुज़ली हो रही है।

मैं उसकी आज्ञा का पालन किये जा रहा था।

वो – जानू !! आज बड़े बढ़िया तरीके से मेरीे चूत चाट रहे हो, आज से पहले तो कभी ऐसा किया नही आपने।

करीब 5 मिनट की चुसाई के बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया और मुझे बोली,” राजीव मेरा तो हो गया अब आप लेटो तुम्हारा भी काम कर देती हूँ।

मैं डरता डरता लेट गया। वो लाइट जलाने के लिए लैंप की तरफ हाथ बढा ही रही थी के मेने उसे पकडकर अपने ऊपर लिटा लिया और उसके होंठो को अपने होंठो से सी लिया। मेरे डर को उसने मेरी कामुकता समझ लिया और मेरे होंठ चूसने लगी। मेने उसका सर पकड़कर निचे लण्ड की तरफ कर दिया।

वो मेरा इशारा समझ गयी और मेरे साढ़े 5 इंची लम्बे लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी। पता नही उसे शायद कोई शक हो गया था या उसके दिमाग में काम अग्नि ज्यादा भड़क गयी थी। आराम से चलते लण्ड चुसाई के खेल को बड़े तेज़ी से करने लगी।

जब मुझे लगने लगा के मेरा 2 मिनट बाद वीर्य निकलने वाला है। तो मैंने उसके बाल पकड़कर उसे वहां से हटा दिया और अपने ऊपर आने का इशारा किया। वो भी शायद कई दिनों से लण्ड की प्यासी थी। वो खड़े लण्ड पे अपनी चूत सेट करके बैठ गयी और ऊपर निचे होने लगी। कभी वो मेरे होंठ चुस्ती तो कभी मैं उसके लटकते बड़े बड़े मम्मे चूसता।

इस तरह 10 मिनट की चुदाई में वो पहले झड़ गयी और मैंक्ष अगले 5 मिनट तक उसकी चूत से लंड अंदर बाहर करने लगा और फेर मन में घुटी सी आहह्ह्ह्ह्ह् लेकर सारा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया।

जब हम दोनों रस्खलित हो गए एक दूसरे को बांहों में लेकर लेटे रहे।

आधे घण्टे बाद वो बोली,”

आपका बहुत बहुत धन्यवाद अक्षय।

उसके मुह से अपना नाम सुनकर मेरी सारी पी हुई दारू उत्तर गयी।

वो बोली, मैं पिछले कई महीनो से तुमसे चुदवाने के सपने देख रही थी। जब मीनाक्षी बताती थी के तुम चुदाई बड़ी अच्छी करते हो तो मेने मन में ठान लिया कैसे भी एक बार तुम्हारे लण्ड का स्वाद चखुगी। सो भगवान की कृपा से आज वो दिन आ ही गया।

मैं – मुझे माफ़ करना इशिका जी, दारू के नशे में मुझसे ये हो गया।

वो – कोई बात नहीं अक्षय जी।

वैसे आपने तो सोचा होगा शयद इसको पता नही चलेगा। पर मुझे शक तब हुआ जब आपने मेरी चूत को चाटना शुरु किया। क्योंके राजीव को ऐसे काम से नफरत है।

आपने मेरी बिलकुल वैसी चुदाई की है। जैसी मीनाक्षी ने बताया था। सो मेरा शक यकीन में बदल गया और सोचा इस से अच्छा मौका न जाने फेर कब मिले। सो इसका ही फायदा उठा लिया जाये।

पहले तो राजीव ही समझकर आपको पीछे से हग किया था। पर आपके द्वारा किये इस कार्य ने मेरे शक को यकीन में बदल दिया।

मेरी सेक्स लाइफ अच्छी नही है। राजीव को सेक्स के वक़्त गोली का सहारा लेना पड़ता है। जिस दिन गोली न हो 2 मिनट में ही खेल खत्म हो

जाता है और मैं प्यासी ही रह जाती हूँ। आप भी शादीशुदा हो। आप तो जानते ही हो शादीशुदा ज़िदगी में सेक्स की क्या अहमियत है।

जब मीनाक्षी बताती थी आप बिना कोई दवाई खाये 10 से 15 मिनट सेक्स करके उसकी हालत पतली लर देते हो | तब दिल ही दिल में मुझे इनसे जलन महसूस होती थी।

एक बार फेर आपका धन्यवाद।

अब जब भी आपका दिल चुदाई को करे। अपना घर समझकर आ जाना। आपकी पूरी सेवा की जायेगी।

सो अब मुझे जाना चाहिए नही तो राजीव मुझे ढूंढते यहाँ आ जायेंगे।

वो नाइटी पहनकर दूसरे कमरे में चली गयी और मैं सो गया।

सुबह जब इशिका मेरे लिए चाय लेकर आई। तो बोली,” उठ भी जाओ मेरे महबूब अभी रात का नशा उत्तरा नही क्या?

मेने आँख खोलकर देखा वो हंस रही थी।

आप चाय पीलो। मुझे राजीव को भी चाय देने जाना है। जब वो चाय रखकर जाने लगी तो मेने इसकी बांह पकड़कर वापिस अपनी तरफ खींच लिया और उसके नरम नरम होंठो को चूमने लगा।

वो – छोडो भी अक्षय, दिन है ये रात नही, कही राजीव ने हमे इस हाल में देख लिया न तो बवाल मच जायेगा।

मैं – पर आपने तो बोला था जब दिल करे आ जाना, समझलो अब दिल कर रह है।

वो – हाँ मानती हूँ दिल कर रहा होगा, पर यार टाइम भी देखो सुबह के 7 बज रहे है।

आज छोड़ दो फेर कभी देखेंगे।

मैंने भी समय की नजाकत को देखते हुए उसे जाने दिया।

वो –  एक रात में ये हाल है, आगे क्या करोगे इतना कहकर वो चाय देने राजीव के कमरे में चली गयी।

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