Mera Pehla Pyaar Meri Padosan
Mera Pehla Pyaar Meri Padosan – sex stories in hindi
जब मैने कॉलेज जाय्न किया तब लड़को ज्यादा लड़कियो से दोस्ती की. यह आर्ट्स स्टूडेंट्स में कामन था. हमेशा कॉलेज में पढ़ाई और आपने दोस्तो में बिज़ी रहने से रंजिनी से कई दिन मिल नही पाया बात तो दूर की बात थी. एक दिन जब मैं आपने दोस्तो से मिलने जाने के लिए त्य्यर हो रहा था तब घर की कॉल बेल बाजी. मेने जब डोर खोला तो रंजिनी बाहर कड़ी थी.
मैं – (एक मुस्कुराहट के साथ) हाई
रंजिनी – (बड़ी अजीब तरीके से) हाई
मूज़े ऐसा लगा जैसे उसे मुजसे बात करने में दिलचस्पी नही है.
मैं -आज आपका मूड ऑफ का क्यूँ है.
रंजिनी – तूमे इस से क्या?कॉलेज जाने के बाद तुम मूज़े भूल ही गाहे हो.
रंजिनी – आज कल तो ना ही ना बाइ.
मैं – ऐसा नही है,सिर्फ़ दोस्तो और कॉलेज में बिज़ी रहता हूँ.
मैं – में इस बारे में आपसे बाद में बात करता हूँ,अब ज़रा जल्दी में हूँ,कहीं बाहर जा रहा हूँ.
अगले दिन दोपहर को टाइम निकल के मैं रंजिनी के घर गया. रंजिनी ने एक बड़ी मुस्कान के साथ दरवाजा खोला. मूज़े देख कर वो बड़ी खुश लग रही थी. वह काले सलवाल में बिजली गिरा रही थी. हम किचन में खड़े रह करके बातें करने लगे. रंजिनी घर में अक्सर सलवार कमीज़ या गाउन में रहती थी. खाने की तय्यरी करके उसने दोनो के लिए लिम्बू शरबत बनाया . हमने लिविंग रूम में बैठ कर शरबत की चुस्की लेके बातें फिर से शुरू की.
रंजिनी – अच्छा कल शाम को जल्दी जल्दी में कहा जा रहे थे?
मैं – कल मैं आपने एक दोस्त के साथ पार्क गये थे. (यह पार्क हमारे शायर की एक माशूर कपल पार्क है,इस पार्क में बहूत बड़े बड़े झाड़िया हैं, वहा कपल्स चुप चुपके प्यार करते पाए जाते)यह सुनके रंजिनी की एक प्यारी स्माइल दी और बोली
रंजिनी – (शरारती अंदाज में) तो तुम कल तुमरि गर्ल फ्रेंड के साथ थे?
मेरे बोलने के पहले फिर से
रंजिनी – मूज़े लगता है सर्दी की मौसोमे में बहूत मस्ती की तुम दोनो ने,क्यूँ?क्यूँ सही कह रही हूँ ना?
मैं – बिल्कुल ग़लत. वैसे मेरी कोई गर्ल फ्रेंड ही नही बनी है मस्ती तो बाद की बात है.
रंजिनी को यकीन नही हुवा के मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है.
मैं – (मुस्कुराते हुवे) मैं सच कह रहा हूँ,क्यूँ ना तुम ही मेरी गर्ल फ्रेंड बनो.
रंजिनी – ( एक मादक मुस्कान के साथ) मैं इस बारे में सोचूंगी .
(मूज़े मेरे नसीब पर यकीन नही हुवा और उसके मेरी गर्ल फ्रेंड बनने की ख्वाब देकने लग गया)
मैं – एक बार तुम मेरी गर्ल फ्रेंड बनके देखो में तूमे कैसे खुश रखता हूँ.
(एन सब बतो से मेरा शेर कड़क बनके खड़ा हो गया था लेकिन जीन्स पहने से उसे शायद देखा नही )
कुछ देर आम बात करने के बाद में आपने घर गया. उस रात रंजिनी के बारे में सोच कर दो बार मास्टरबेट किया.
कुछ दिन बाद 14 फ़रवरी के वॅलिंटाइन गिफ्ट के तौर पर एक लाल गुलाब और एक छोटा हार्ट लिए जिस पर मेरा और रंजिनी का नाम बुना गया था. फ़रवरी 13 को जब मैं उससे मिला तो रंजिनी ने मूज़े छेड़ने की लिया कहा की कल तो तुम आपनी कॉलेज की गर्ल्स में बिज़ी रहोगे,तो मैने भी उसे छेड़ने की लिए हा कह दिया . मेरी इस बात को सुन कर रंजिनी बुरी तरह से झांप गहि. वह बहुत उदास लग रही थी जब मैं आपने घर के लिए निकला.
मैने उसे गिफ्ट के बारे कुछ नही कहा और उसे 14त फेब को सर्प्राइज़ देने मैं रंजिनी के घर दोपहर को चला गया जब उसके बच्चे स्कूल में और हज़्बेंड ऑफीस में आम तोर पर रहते थे. जब मेरे घर में सब सो गाहे ,तब मैने उसके घर की बेल बजाई. रंजिनी ने जब डोर खोला और मूज़े देखा तो उसे विश्वास ही नही हुवा. मैं तो उसे देखता ही रह गया. उसने सफेद सलवार कमीज़ पहनी हुवी थी जिस में बहूत बारीक एमब्राय्डरी बने थे. वो मूज़े किसी पारी से कम नही लगी.
जैसे हमेशा से है घर में वो दुपट्टा नही लेती थी,वैसे ही आज भी उसने नही लिया था. मैने अंदर आके डोर बंद करके मैने बात छेड़ी.
मैं – आप आँख बंद करके हाथ आगे बदाओ.
रंजिनी – (स्माइल के साथ) क्यूँ?क्या करने वाले हो मेरी आँख बंद करके?
मैं – पहले आप आँख बंद करो मुज पर विश्वास करके.
मैं – आपको मैं कुछ नुकसान नही पहुचौँगा यह मेरा वाडा है आपसे.
रंजिनी ने आँख बंद करने के बाद आपना हाथ आगे बदाया . मैने लाल हार्ट जिस में मेरा और उसका नाम बुना था उसे आपने जेब से निकलके रंजिनी के हाथ में रख दिया और गुलाब को भी उसे दिया. उसने आँख कोल कर गिफ्ट को देखा और एक बड़ी मुस्कान के साथ मेरा हाथ पकड़ के मूज़े आपने बेडरूम लेजके बेड पे बिताया और दो कॉफी बनके तोड़े देर में ले आई और बोली-
रंजिनी – शुक्रिया इतना स्पेशल फील करने के लिए.
मैं – आपनी गर्ल फ्रेंड को गिफ्ट देने के लिए शुक्रिया क्यू?
रंजिनी – मैने अभी तक तुमरि गर्ल फ्रेंड बनने के लिए हा नही कहा.
मैं – वैसे तो ना भी नही काया है.
रंजिनी – हा,उस दिन हा नही कहा पर आच हा करती हो पर यह बात हम दोनो के बीच में रहनी चाहिए.
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