Nepali Aunty Champa Ki Chudai
औरत- मेरा नाम चम्पा है, और जो दूसरी औरत है उसका नाम मीना, हम दोनों सगी बहन हैं, हम बचपन से यहीं रहते हैं, और उन लोगों का पता लगाते हैं जो बहुत ज्यादा हवसी हैं, फिर उन्हें सजा देते हैं.
पियूष- ये तो अच्छी सजा है, इसमें तो मजा आ जायेगा।
चम्पा- ये तो 2 साल बाद पता चलेगा।
पियूष- थोड़ा कम समय कर दो मेरे लिए, प्लीज।
चम्पा- चल 1 साल कर दिया, तेरे बसके वो भी नहीं है चूतिये.
पियूष- एक साल तो ऐसे ही निकल जायेगा तुझे और तेरी बहन को चोदते चोदते, देख मेरी रानी चम्पा मैं कैसे अपना लण्ड तेरी फुद्दी में डालता हूँ।
चम्पा- कोई शंका हो गयी तुम्हे शायद, लण्ड तो तेरा मेरे निप्पल के बराबर है, इससे तो मुझे पता ही नहीं चलेगा, तुझे पूरा मेरी चूत में जाना होगा, पहले एक पैर मेरी चूत में दाल उसके बाद दोनों पैर उसके बाद पूरा अंदर चला जाना.
पियूष- ऐसा नहीं हो सकता, मैं पूरा चूत में नहीं जाऊंगा.
चम्पा- तेरी माँ का भोसड़ा, तू क्या, तेरा बाप भी जायेगा. पहले मेरे निप्पल चुस माँ के लोड़े.
(चम्पा का निप्पल 6 इंच का कामाग्नि के कारण खड़ा था और पियूष ने जब वो चुसना शुरू किया तो ऐसा लगा जैसे लण्ड चुस रहा हो, चम्पा पियूष को जबरन निप्पल गले तक चुस्वा रही थी जिससे पियूष को उलटी होने लगी)
पियूष- भेंचोदि, निप्पल है या लण्ड?
चम्पा- जब तू रंडियों और लड़ियों को ऐसे ही लण्ड चुस्वता था तो उन्हें भी ऐसा ही लगता था मादरचोद.
(चम्पा दूसरे स्तन का निप्पल भी चुस्वती है और पियूष की हालत खराब हो जाती है और वो माफ़ी मांगता है, लेकिन अब चम्पा को सेक्स चढ़ चुका था, चम्पा के सेक्स को काबू करना बड़ा मुश्किल काम था, वो केवल जंगल के भालू से कगुद्वती थी तब जाकर उसे शान्ति मिलती थी)
चम्पा- अह्ह्ह्हह्ह…. चूस चूस मेरे नौकर, हरामजात चूस जोर जोर से शस्स्ससस्स…. ममममम….
(निप्पल चूसते चूसते आधा घंटा हो चुका था, वहीँ दूसरी और चम्पा की चूत पानी छोड़ रही थी, लगभग 1 टैंक उसकी चूत के गाढ़े पानी से भर गया था, और अब चम्पा से सबर नहीं हो रहा था तो चम्पा पियूष को जबरन अपनी चूत में घुसा देती है और अब सिर्फ पियूष का सर ही चूत से बाहर था बाकि पूरा बदन चम्पा की गदरायी चूत के अंदर था, पियूष के अंदर जाते ही चम्पा को मस्ती चढ़ जाती है और वो पियूष को अपनी चूत के अंदर बाहर करती है और चुदाई का आनंद लेती है, दूसरी और पियूष के मुह से गालियों की बौछार हो जाती है)
पियूष- भेन की लोड़ी, माँ की चूत, तेरी माँ को चोदू साली रांड कहीं की, मार दिया मुझे माँ की लोड़ी…
चम्पा- अह्ह्ह्हह्ह…. स्स्स्सस्स्स्स… ह्हह्हह्हह्हह….उईईयूईई… मर गयी मैं तो, साले हरामी लड़के, अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह…
(साथ ही साथ चम्पा की चूत में जाने से पियूष के लण्ड में भी घर्षण पड़ने लगा और उसे भी मजा आने लगा)
पियूष- अह्ह्ह्ह्ह्ह… तेरी माँ की भोसड़ी भिन्छुट्टड, मादरजातन, हरामण औरत. अह्ह्ह्ह….
(चम्पा और पियूष दोनों झड़ने वाले थे तो चम्पा ने पियूष को अंदर बाहर करने की रफ़्तार तेज करदी, दोनों की सेक्सी आवाजों के साथ पूरा जंगल कामाग्नि में जल गया, और 30 मिनट चुदाई के बाद चम्पा की चूत से पानी की एक जोर की पिचकारी निकलती है जिसके प्रवाह के साथ पियूष भी चूत से प्रेशर के साथ बाहर निकलता है और सीधा दरवाजे से बाहर खायी में गिर जाता है, चम्पा नंगी ही दौड़ी दौड़ी जाती है, मीना भी खायी में पहुँचती है लेकिन बहुत देर हो चुकी थी, पियूष की मौके पर ही मौत हो जाती है, दोनों बहनें देखती हैं कि मृत पीयूष के लण्ड से अभी भी वीर्य निकल रहा था, और वो दोनों हंसने लगती हैं. रात में वो आदमखोर औरतें पियूष को पका कर खा जाते हैं, और अगले दिन किसी और यात्री को अपने जाल में फसाते हैं)
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
सभी मादरचोद हरामखोर कृपया कमेन्ट करें और अपनी प्रतिक्रिया दें और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
सेक्सी सूचना – **इस चुतिया कहानी के सभी गांडू पात्र और गंड़वीं घटनाऐं काल्पनिक है, इसका किसी भी गांडू व्यक्ति या गंड़वीं घटना से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी गांडू व्यक्ति या गंड़वीं घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग चुतियापा कहा जाएगा**
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