Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 12
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Sex Story
मुझे अनिल के मोटे लौड़े को नीना की छोटी सी चूत में जकड़ा हुआ देख कर आश्चर्य और उत्तेजना दोनों हुए। जैसे एक गुब्बारेको उसकी क्षमता से ज्यादा खिंच कर उंगली पर लपेटने से उसकी चमड़ी कितनी पतली हो जाती है और अगर और ज्यादा खींचा जाए तो फट जाती है, ठीक वैसे ही, मेरी प्यारी बीवी की चूत की चमड़ी एकदम पतली हो गयी हो ऐसे दिखती थी और मुझे डर था की कहीं वह फट न जाय और खून न बहने लगे।
अनिल ने एक और धक्का दिया और मेरे देखते ही देखते उसका तीन चौथाई लण्ड अंदर चला गया। नीना के ललाट से पसीने की बूंदें टपकने लगीं। पर उस बार नीना ने एक भी आह न निकाली।
उसे काफी दर्द हो रहा होगा यह मैं उसके चेहरे के भाव अभिव्यक्ति से अनुभव कर रहा था। वैसे भी, नीना जब मुझसे भी चुदाई करवाती थी तब भी हमेशा उसे थोड़ी सी परेशानी जरूर महसूस होती थी। खास कर तब जब वह मूड मैं नहीं होती थी, उसकी चूत सुखी होती थी और वह चुदाई करवाते परेशान हो जाती थी।
अनिल का लौड़ा तो मेरे से काफी मोटा था। परेशानी तो उसे जरूर हुयी होगी। पर उसकी चूत रस से सराबोर थी। उपरसे अनिल का लौड़ा भी तो चिकनाई से लथपथ था। उसे दर्द तो हुआ पर शायद उतना नहीं जितना हो सकता था। पर मैंने देखा की अनिल के मोटे और लंबे लण्ड के धीरे धीरे अंदर बहार होने से अब मेरी बीबी की कामुकता बढ़ रही थी और उसी अनुपात में उसका दर्द उसे मीठा लगने लगा था।
धीरे धीरे अंदर बहार करते हुए अनिल ने जब देखा की अब नीना काम क्रीड़ा के मज़े लेने लगी है तो एक थोड़े जोर का धक्का दे कर उस ने अपना पूरा लण्ड नीना की संकड़ी चूत में पेल दिया।
मेरी प्यारी बीवी के मुंह से एक जोरों की चीख निकल गयी। अनिल एकदम रुक गया और जैसे ही अपना लौड़ा निकाल ने लगा था, की नीना बोल पड़ी, “अनिल मत रुको। मुझे यह दर्द बहुत अच्छा लग रहा है। अब तुम मुझे बगैर रुके चोदो। मेरे दर्द की परवाह मत करो। मैं जानती हूँ यह दर्द जल्दी ही गायब हो जायगा और अगर तुम थम गए तो मेरी कामाग्नि की भूख मैं सहन कर नहीं पाऊंगी। अब मैं बिना थमे चुदना चाहती हूँ। ”
तब मेरी शर्मीली पत्नी का रम्भा रूप या अभद्र भाषा में कहें तो छिनाल रूप मैंने देखा। अब अनिल से मेरी बीबी बेझिझक चुदना चाहती थी। यह मेरी वही पत्नी थी जो अनिल के नजदीक आने से भी डरती थी।
जैसे जैसे अनिल ने अपनी चोदने की गति बढ़ायी वैसे ही नीना का दर्द उसकी कामाग्नि में जल कर राख होगया अब वह अग्नि नीना के बदन को वासना से जला रही थी। मेरी पत्नी की चुदाई की भूख बढ़ती ही जा रही थी। वह उँह.. उँह.. की उंह्कार देती हुयी चुदवाने का मजा ले रही थी।
जैसे ही अनिल नीना की चूत में जोर का धक्का देता था वैसे ही नीना के मुंह से अनायास ही उँह की आवाज निकल जाती थी। अचानक नीना ने अनिल को थमने का इशारा किया और मुझे एक तकिया अपने कूल्हे के नीचे रखने को कहा।
मैंने फ़टाफ़ट एक तकिया मेरी बीबी की गाँड़ के नीचे रखा। नीना ने अनिल का मुंह अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उसका लण्ड अपनी चूत में रखे रहते हुए अनिल को पुरे जोश से अपनी बाँहों में लिया। उसने अनिल के होठों से अपने होंठ भिड़ा दिए और एक अगाढ़ चुम्बन मैं अनिल और नीना जकड गए।
अनिल की जीभ को नीना ने अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगी। उसने फिर अनिल को उसकी की जीभ अपने मुंह में अंदर बाहर करने का इशारा किया। मुझे ऐसे लगा जैसे नीना अपना मुंह भी अनिल की जीभ से चुदवाना चाहती थी। अनिल को तो जैसे सातवाँ आसमान मिल गया। वह अपने लण्ड से नीना की चूत के साथ साथ नीना का मुंह अपनी जिह्वा से चोदने लगा।
नीना अपने कूल्हे को उठा उठा कर अनिल के लण्ड के एक एक धक्के को अपने अंदर पूरी तरह से घुसड़वा रही थी। उसदिन नीना अनिल के लण्ड को अपने बदन की वह गहराईयों तक ले जाना चाहती थी जहां उसका पति भी नहीं पहुँच पाया था। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
अपनी वासना की धधकती आग में जलते हुए मेरी बीबी ने तब अनिल को मेरे सुनते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा, “अनिल आज पूरी रात तुम मुझे एक रंडी की तरह चोदो। यह मत सोचो की मैं तुम्हारी भाभी हूँ. तुम यह सोचो की मैं तुम्हारी चोरी छुपी से मिलने वाली प्रियतमा हूँ, जिसे तुम सालों से चोदना चाहते थे। आज अचानक मैं तुम्हारे हाथ लग गयी हूँ और तुम मुझे ऐसा चोदो की जैसा तुमने अनीता को कभी नहीं चोदा।“
बस फिर क्या था। अनिल नीना को ऐसे जोर जोर से धक्के पेलने लगा की मुझे डर लग रहा था की कहीं वह मेरी पत्नी की चूत को फाड़ न दे। पर मेरी बीबी भी कोई कम थोड़ी ही थी। वह भी अनिल के नीचे अपने चूतड़ ऐसे उछाल रही थी जैसे उसपर कोई भूत सवार हो गया हो।
अनिल का मोटा लण्ड तब उसे अद्भुत मीठा आनंद दे रहा था। जैसे अनिल नीना की चूत में एक जोर का धक्का देता, वैसे ही अनिल के अण्डकोश मेरी बीबी की गांड पर फटकार मार रहे थे। उन दोनों के चोदने से फच्च फच्च और फट्ट्ट फट्ट की आवाज उस बैडरूम में चारों और गूंज रही थी।
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