Jamindarni Ka Akelapan Dur Kiya
उसने मेरे खड़े खड़े ही अपने मोबाइल् से अपने ससुर को काल की और आने का पूछा !
वो बोल,” देरी हो जायेगी लेकिन आएंगे जरूर !
फेर फोन काट दिया, उसने कहा बैठो मैं दूध् लेके आती हूँ रसोई से ।
मैं बाहर ही आँगन में इंतज़ार करने लगा । दूध की बाल्टी लेकर आई और मेरे वाले बरत्न में उड़ेला और बोली दीप आप रुक जाओ थोड़ा टाइम मैं अकेली बोर हो रही हूँ
चाहता तो मैं भी यही था पर थोडा नखरा किया के दुकान पे कोई नही है और मुझे क्या फायदा रुकने का? सुबह तो गुस्सा हो गयी थी जरा सिर्फ बात पे आप तो।
वो बोली गुस्सा नही बस उदास हो गयी थी।
दिन तो कैसे न कैसे निकल जाता है रात बहूत मुश्किल से कटती है।
समझ रहे हो न उसने पूछा
मेने अनजान बनते कहा नही तो मूझे विस्तार में समझाओ
बोली मेरा भी पति क बिना दिल नही लगता रात को साथ सोने की आदत है न अब अकेले सोना पड रहा है, बिल्कुल भी नींद नही आती।
जवान खून है न सेक्स क बिना भी नही रहा जाता। अपने दिल का हाल किसे सुनाऊ ?
वो सारा कुछ एक ही साँस में बोल गयी। अब उसकी आँखों में आंसू थे, प्यास थी, तड़प थी,,
मै हिम्मत करके उसकी तरफ सरका और उसे चुप करवाया और सब्र रखने का बोला, मेरा हाथ अपने गाल पे लगते ही उसे करन्ट सा लगा ।
मेरी इस हरकत ने आग पे घी का काम किया, उसे पता नही क्या सूझा और मुझसे बोली मेरी एक मदद करोगे,
मैंने पूछा हांजी बोलो क्या दिक्कत है आपको ?
बोली जब तक माँ बापू नही आते मेरे पास रुक जाओ न
तुम्हारे साथ बाते करना अच्छा लगता है। ऐसा लगता है कोई अपना बात कर रहा है।
मैंने भी हाँ बोल दिया और आगे होकर उसको लिप किस कर दिया। उसने कोई विरोध नही किया । इस से मेरी हिम्मत और बढ गयी और मैंने उसे उसी खाट पे लिटा लिया और उसके ऊपर लेट कर उसे चूमने लगा। पहले तो नखरे करने लगी ये क्या कर रहे हो छोडो, कोई आ जायेगा। यह सब ठीक नही है, पर मैं कहाँ हाथ आया शिकार छोड़ने वाला था ।
जब उसे लगा के अब कोई फायदा नही है क्योंके ज़ोर में भी मुझसे ज्यादा है और आस पास कोई आवाज़ सुनने वाला भी नही है तो उसने आत्म समर्पण कर दिया।
बोली, जो करना है जल्दी करलो ये न हो के माँ बापू आ जाये और हमें इस हालत में देख ले ।
मैंने समय की नज़ाकत को देखते हुए जल्दी करना उचित समझा।
उसे 5 मिनट लिप किस किया। जब लगा के वो भी गर्म हो गयी है। तो झट से उस्की सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी सलवार एक टांग से निकाल दी, ताजोे कोई आ भी जाये तो जल्दी से पहनी जा सके। उस समय करने को बहुत कुछ का मन था पर समय की कमी की वजह से सीधा उसकी शेव की हुई चूत में ऊँगली डाल कर थोडा पानी निकल कर लण्ड पेल दिया।
पहले झटके में थोडा सा लण्ड अंदर गया । उसकी इतने मे चीख निकल गयी कयोक काफी दिनों से चूदी नही थी न सो उसकी चूत टाइट हो गयी थी।थोड़ा और झटका दिया आधे से ज्यादा लण्ड घुस गया और उसकी बस बस हो गयी और दर्द से कराहती हुई बोली निकाल लो प्लीज़ अब दर्द सहन नही हो रहा मुझसे ।
तुम्हारा बहुत मोटा है मेरे पति के लण्ड क मुकाबले में, अब और सेह नही सकती। रूक जाओ आपको भगवान का वास्ता हैं।
मैंने उसके कहने पे हिलना बन्द कर दिया जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ एक ही झटके में जड़ तक लण्ड पेल दिया उसकी जोर से चीख निकल गयी।
वो मुझे धकका देने लगी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी क मुझे नही करवानी चुदाई बाहर निकालो मर जाउंगी नही तो, जानवर हो आप तो,
मैं उसके होंठो को अपने होंठो से मिलाके बन्द कर रहा था के शोर न मचाये पर वह नही मानी और आखिर मे जब उसका दर्द कम हुआ धीरे धीरे चोदने लगा
अब उसका दर्द मज़े में बदल गया और वह भी निचे से गांड हिला क लण्ड लेने लगी।
हमारी चुदाई करीब 20 मिनट चली होगी के इस बीच उसके ससुर का फोन आ गया वह आ रहे ह खाना बनाके रखना । मेने जल्दी से अपना काम फ़तेह किया और घर आ गया।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
अगले दिन जब दूध लेने गया तो वह नही दिखी। उसकी माता ने बताया के कल रात से बहुत तेज़ बुखार है उसे। मुझे बड़ी आत्म ग्लानि फील हुई। जब शाम को गया उसका बुखार उतार चुका था। अब मेरे से आँख नही मिला पा रही थी। मैंने उसे उस दिन क लिए माफ़ी मांगी और आगे से ऐसा न करने का वादा भी किया।
उसने ठीक है कह कर माफ कर दिया उसके बाद कभी भी मौका नही मिला। फेर अगले महीने उनका पूरा परिवार राजस्थान चला गया है
सो यह थी मेरी आप बीती आप आपने कमेंट्स निचे दी गयी मेल पे दे सकते है मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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