Meri Biwi Aur Mera Mamera Bhai

secc456 2016-10-02 Comments

Sex Story

मेरी बीवी सुधा उम्र ३५ साल एक बहुत ही सुन्दर महिला है वो न सिर्फ अपने आकर्षक व्यक्तित्व पर अपने खूबसूरती और नटखट अंदाज के लिए भी काफी पोपुलर है घर बाहर सभी उसे पसंद करते थे।

उसका बदन बहुत ही मादक था उसका साइज़ ३६”३०”३६” है काले घने बाल ,गोरा मुखड़ा ,सुन्दर मनमोहक जिस्म उसके कसे कसे उरोज, गहरी नाभि, गोल नितम्ब क्या गजब दिखते थे जो देखता था वो बिना आह भरे हुए नहीं रह पाता था हम दोनों की सेक्स लाइफ अच्छी थी पर कुछ दिनों से बाहर रहने के वजह से मैं उसे ज्यादा समय नहीं दे पाता था।

लोग बोलते थे कैसे मैं इतनी सुन्दर औरत को अकेले छोड़ कर रहता हूँ वाकई मैं सोचता था की इतनी हसीं महिला सेक्स के बिना कैसे इतने इतने दिनों तक रहती होगी उसे तो घर बाहर सबों की निगाहें परेशान करती होंगी।

मैं सोचता था की कहीं कोई दूसरा उसे न फंसा ले उसकी अदा भी तो कुछ ऐसी थी कि वो मर्द और औरत सबसे बात करती थी मेरे छोटे ममेरे और चचेरे भाइयों की तो वो लाडली भाभी थी सभी उससे हंसी और मजाक करते वो भी उनसे मजाक करती थी।

लेकिन सीमा में रह कर मैं भी बुरा नहीं मानता था क्योंकि वो मुझे हमेशा आदर करती थी मैं मार्क करता था की वो मेरा आदर तो करती थी।

पर मेरे छोटे कजिन भाई बहनों जो की काफी यंग थे उनसे बात करना बहुत पसंद करती थी जब कभी वो कहीं जाती तो मत पूछिए मुझे तो भूल ही जाती थी वो मेरे भाई बहनों के साथ मिल कर उन्हीं की उम्र की बन जाती थी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

और घंटों उनके साथ ही रहती थी कभी मार्किट तो कभी म्यूजिक और डांस तो नै नै युवा टॉपिक्स पर बात करती थी मैं भी सोचता की चलो वो खुश तो रहती है वरना मैं बाहर रहता हूँ तो वो बोर हो जाती होगी कभी कभी रिलेटिव्स वगाह घर में आते थे तो उसका मन लग जाता होगा आस पड़ोस के लड़के लड़कियों में भी वो काफी पोपुलर थी।

जब मैं आता तो काम के बाद जब यंग लड़के लड़की आते तो मैं भी उनके साथ बैठने हंसी मजाक की बात करता तो वो बोलती की तुम जाओ न तुम बच्चों के बिच में क्या करते हो ये तुमसे फ्री नहीं हैं न मैं दूर से ही उनके बिच हंसी मजाक देख कर खुश होता था।

एक बार मैं छुट्टी में गाजियाबाद आया तो मेरे मामा की बेटी जो दिल्ली में एक डॉक्टर है उसकी शादी थी मेरे कई कजिन दिल्ली में रहते हैं हम लोग सपरिवार शादी अटेंड करने गए थे शादी एक अच्छे होटल में थी एक अन्य होटल में कई रूम बुक थे उसमें रहने की व्यवस्था थी वैसे जिस होटल में शादी का मंडप था।

वहां भी एक दो कमरा लेडीज और बच्चों के लिए बुक था शादी में बहुत सारे मेहमान आये थे मेरे ननिहाल फॅमिली के काफी लोग आये थे काफी भाई बहनों से मिलना हुआ था मेरी बीवी को तो काफी अच्छा लग रहा था मेरे भाई बहनों से उसकी काफी पट्टी थी जैमाल हुआ दूल्हा दुल्हन एक दुसरे के गले में माला डाले दूल्हा दुल्हन दोनों काफी सुन्दर और स्मार्ट थे।

लोग लड़के लड़की के बारे में बात करने लगे मैंने देखा सुधा उनके बिच मशगुल है हंसी मजाक चाल रहा है मैंने देखा मेरे भाई बहन अपनी सुधा भाभी के साथ गैप शाप में बिजी हैं और वे एक दुसरे के साथ मजाक वाजक भी कर रहे हैं तो मैंने खाना कहने के बाद सोंचा की होटल में जा कर आराम करूँ शादी तो रात भर चलने वाली थी।

मैंने कहा कि सुधा तुम्हें भी होटल चलना है तो मेरे कजिन लोगों ने बोला की भैया आप जाओ भाभी तो शादी देखेंगी हम लोगों के साथ काफी रस्म वैगेरह भी तो निभानी है भाभी वाली ये कैसे जा पाएंगी मेरे एक ममेरे भाई विक्की जो की मेरी बीवी का लाडला देवर था।

और मेरी बीवी से काफी दिनों के बाद मिला था ने कहा भैया आप इनकी चिंता मत कीजिये ये हम लोगों के साथ हैं हम इनका ध्यान रखेंगे मेरी बीवी ने हंसते हुए कहा की हम जानते हैं की आप भैया को जाने के लये क्यों बोल रहे हैं मैंने बीवी से पुछा क्यों क्या बात है।

तो बीवी ने कहा की कुछ नहीं पर मेरे एक कजिन सिस्टर के हसबेंड ने कहा की भैया ये राज की बात है जो की सिर्फ यही दोनों जानते हैं ये कह कर वो हंसने लगा मुझे बड़ा अजीब महशुश हुआ लगा की क्या बात है मेरी बीवी ने ऐसा क्यों बोला मैं थोड़ी देर और वहां रुक गया।और उनसे काफी दूर हो कर बैठ गया और उन्हें वाच करने लगा।

मैंने देखा की वो बात कटे करते कभी कभी सुधा को टच कर रहा था कभी कंधे पर हाँथ रख देता तो कभी कूल्हों पर मार देता तो कभी कभी साडी से बाहर निकले पेट को छु देता वैसे ये कोई खास बात नहीं थी पर अब मुझे शक हो गया था मैं उन्हें देखने लगा विक्की सुधा को छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा था।

सिर्फ उसीके चारो तरफ रह रहा था वैसे सुधा सबसे बात कर रही थी विक्की की हरकत मुझे कुछ अजीब लगी मैंने सोचा की मैं वाच करूँगा विक्की जरुर किसी और फ़िराक में है मैं छिप कर उन्हें देखने लगा उन्हें लगा कि मैं होटल में सोने चला गया हूँ विक्की अब और फ्री हो गया था वो कभी कभी सुधा के हाँथ पकड़ लेता तो कभी कमर पर हाँथ रख देता।

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