Uncle Foj Me, Aunty Moj Me

Dilwala Rahul 2016-06-05 Comments

ये दृश्य किसी का भी लौड़ा खड़ा कर देने वाला दृश्य है, और मेरी तो हालत ही खराब है, मेरी आँखें हवस से लाल हो गयी थी, मुह में पानी था, लन्ड झटके मार मार कर उछल रहा था, बहुत ही हवसपूर्ण स्थिति है, अचानक आंटी की पैनी नजर मेरे लोअर में झटके मारते हुए औजार पर पड़ी, और आंटी ने एक हाथ अपने मुह पर रख लिया और एक गन्दी सी मुस्कान दी..

मैं समझ गया की मेरा औजार आंटी को पसंद आया है, आंटी की ये गन्दी मुस्कान देखकर मेरा लण्ड और तेज तेज झटके मारने लगा, अंदर कच्छा न पहनने के कारण मेरे खड़े लण्ड से जो पानी निकल रहा है उसका छाप लोअर में पड़ गया है जिसे आंटी ने देख लिया और आंटी ने अपने होंटों में जीभ फेर दी जैसे ब्लू फिल्म में कोई कामुक अभिनेत्री फेरती है..

मैं आंटी की ये हरकत देखकर पागल हो गया, और मैं दूसरी और घुमा और एक हाथ से मुठ मारने लगा और दूसरे हाथ से पंखा सही करने का नाटक करने लगा, आंटी को पता चल गया था की मैं क्या कर रहा हूँ तो आंटी ने अपना सर निचे झुका लिया और वो स्टूल अभी भी पकड़े हुए है, मेरी मुठ मारने की रफ़्तार तेज़ हुयी तो स्टूल हिलने लगा, आंटी ने स्टूल कस कर पकड़ लिया..

आंटी मेरी मुठ क्रिया में कोई अवरोध नही डालना चाहती, अब मेरा माल निकलने वाला है और मैं आंटी की और घूमता हूँ, आंटी अभी भी सर झुका कर खड़ी है, और मेरा सारा माल आंटी के सर में बालों पर गिर जाता है, मैं लोअर ऊपर कर देता हूँ फिर आंटी भी ऊपर देखती है)

कमला- राहुल बेटा हो गया ठीक पंखा ?

मैं- अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह… उफ्फ्फ… जी आंटी.

कमला- इतना हांफ क्यों रहा है ?

मैं- बड़ी मुश्किल से ठीक हुआ, बहुत हिलाया, सहलाया, सोचा, तब जाकर अभी ठीक हुआ ये पंखा.

कमला- अरे हिलाने, सहलाने से सही हो जाता है क्या ? मुझे पहले पता होता तो मैं खुद ही ठीक कर देती, हिलाकर और सहलाकर.

मैं- काफी टाइम लगता है आंटी, हिलाने और सहलाने में तब जाकर होता है.

कमला- तो क्या हुआ, मैं हिलाती रहती जब तक ठीक नहीं होता, पहले बताता मुझे तो मैं खुद ही सही कर देती पंखा.

मैं- आंटी एक डंडे वाला पंखा भी रखा करो इमरजेंसी के लिए, काम आता है.

कमला- अरे उसे हिलाते हिलाते हालत ख़राब हो जाती है सही में.

मैं- तो आपको भी तो मजा आएगा न अगर आप हिलाओगे उसे तो.

कमला- हाँ ये तो है बेटा, चल छोड अब, पंखा सही हो गया है, तेरे लिए कोल्ड्रिंक ले आऊं.

मैं- जी आंटी, पिला दो ठंडी सी, बहुत गरम हो गया हूँ मैं.

कमला- कोई बात नहीं तेरी गर्मी शांत कर देती हूँ.

(आंटी हिरणी जैसी चाल चल के किचन में जाती है और कोल्ड ड्रिंक लाती है, मैं कोल्ड्रिंक पीता हूँ और आंटी से बात करता हूँ)

मैं- वैसे आंटी इस सूट में आप अच्छे लग रहे हो.

कमला- सिर्फ अच्छे ?

मैं- नहीं बहुत अच्छे.

कमला- केवल बहुत अच्छे ?

मैं- बोले तो एक दम सेक्सी एंड हॉट.

कमला- हाँ ये हुयी न बात.

(और हम हंसने लगते हैं तभी अचानक लाइट चली जाती है और पंखा बंद हो जाता है, और हम दोनों गर्मी में पसीने से भीगने लगते हैं)

कमला- उफ्फ्फ राहुल कितनी गर्मी है.

मैं- हाँ आंटी, बहुत तेज गरमी लग रही है.

कमला- बेटा, ठंडा कर दे मुझे जल्दी वरना गर्मी आग पकड़ लेगी.

मैं- ठंडा कैसे करूँ आंटी यहाँ तो डंडे वाला पंखा भी नहीं है.

कमला- अरे सुन, मैं एक खेल बताती हूँ, तू मेरे चेहरे में अपने मुह से हवा फेकना फिर मैं फेंकूँगी, ठीक है ?

मैं- ओके आंटी.

(आंटी मेरे पास आ जाती है, अब हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब हैं, इतने करीब की हमारी साँसे एक दूसरे से टकरा रही हैं, आंटी का चेहरा पसीने से भीगा हुआ है, और मैं आंटी के चेहरे पर फूँक मारना शुरू करता हूँ जिससे आंटी को आनंद की अनुभूति हो रही है, और आंटी ख़ुशी से आहें भर रही है)

कमला- हाये राम, राहुल, इतना मजा आ रहा है, मैं तुम्हारे साथ ऐसे रात भर बैठने को तैयार हूँ, ऐसे ही फूंक मारो, ओहो आह्ह्ह्ह वाह्ह राहुल क्या जादू है तुम्हारी फूंक में.

(मैं आंटी के चेहरे में फूंक मारे जा रहा हूँ, आंटी को गर्मी में मजा आ रहा है और मेरी गांड फट रही है. आंटी ने ऊपर की ओर देखा और मुझे उनके गले में फूंक मारने का संकेत दिया, उनके गले में भी थोक के भाव पसीना है, मेने गले में भी फूंक मारना शुरू किया, आंटी के बूब्स की घाटी और 50 प्रतिशत बूब्स भी साफ़ साफ़ दिख रहे हैं, जिसे देखकर मेरा फौलादी लण्ड फिर से हरकते कर रहा है, मेने अचानक आंटी की बूब्स की घाटी में फूंक मार दी जिससे आंटी चिल्ला गयी)

कमला- आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ राहुल यू आर अमेजिंग माय सन.

(कमला का चेहरा ऊपर छत की ओर ही था जिसका फायदा उठाकर मेने अपना लण्ड बाहर निकाल दिया और मुठ मारने लगा, कमला की आँखें बंद थी और मैं मुठ मार रहा हूँ उसे पता भी नहीं है कि मैं मुठ मार रहा हूँ, फूंक मारते मारते मैं मुठ भी मार रहा हूँ, जब मैं चरम सीमा में आने वाला हुआ तो मैं खड़ा हो गया और मेने सारा माल आंटी की बूब्स घाटी में डाल दिया, और यह दृश्य देखकर कमला चौंक गयी और घबरा गयी)

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