Shushma Ki Chut Me Ushma – Part II
This story is part of a series:
सुषमा: अ..ब….ब…स..भी करो….(मैंने भी अपना पैर बहार निकाल लिया. मेरे पैर का अंगूठा गिला और एकदम चिकना हो चला था..) वो एकदम ढीली हो गयी थी..
सुषमा: यार तू तो एकदम चालू हे. पर साला तू तो जादूगर हे, तेरे पैर में इतना जादू हे तो…(अचानक सपना केश की फाइल ले के चैम्बर में आ गयी…(अच्छा था हम दोनों सीधे बैठ गए थे वरना आज सुषमा की पोल खुल जाती..
सपना: हेल्लो डॉक्टर्स,, क्यों सुषमाजी नये साब कुछ शिख रहे हे…(आंख मारते हुए).
सुषमा: हां.. कुछ जल्दी ही शिख रहे हे और हमें भी कुछ सिखा रहे हे. ये शाब कुछ जल्दी ही शिख रहे हे और इसे शिखाने ज्यादा देर नहीं लगती, बहोत तेज हे और इसे शिखाने में बड़ा मजा आ रहा हे. तू भी कुछ नया शिखेगी?
सपना: अगर आप साथ देके शिखाये तो हमदोनो मिल के कुछ नया और मस्त शिखेगे क्यो डॉक्टरसाब? मेंने ठीक कहा ना? (सपना ने अपने सेक्सी अन्दाज़ में मुझे आंख मारते हुए कहा) शायद इन लोगो ने मेरी आँखे पढ़ ली थी.
बस यु मैंने पहले ही दिन सुषमा की चूत की गरमी महसूस कर ली… यहाँ मजे होने वाले हे यही सोचने लगा..
दोस्त अब चुदाई का महाजंग छिड़ने वाला हे, आप बस थोडा सा इंतजार करे और अपनी इस कहानी के बारे और अपनी काम समस्या को लेके मुझे मेल करे…..मुझे इंतजार होगा……
दोस्तों मेरी ईमेल आई डी है “[email protected]”। कहानी पढने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में जरुर लिखे। ताकी हम आपके लिए रोज और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें। डी.के
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