Vidhwa Teacher Ke Sath Pehli Baar – Part 1

Deep punjabi 2018-03-13 Comments

मैं – वहां आपके गाँव में आपके परिवार में कौन कौन है ?

वो – वहां मेरी सासू माँ, ससुर और मेरे देवर है। मतलब वो मेरा सुसराल है।

मैं – क्या कहा आपने, आप का सुसराल।

वो – हाँ, सुसराल है। लेकिन तुम चौंक क्यों गए ?

लेकिन आप देखने में लगती नही हो के शादीशुदा होंगी और आपने सभी का बताया लेकिन अपने पति और बच्चे का नही बताया।

मेरी ये बात सुनकर मैडम की आँखे छलक गयी। उनके आंसू, उनकी गालों को भिगोने लगे। मैंने उनसे पूछा, माफ़ करना मैडम की मेने कुछ आपसे गलत पूछ लिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

वो – नही, दरअसल मेरे पति की एक साल पहले कार एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है। हमारी शादी हुए कुछ ही महीने हुए थे। उस वक्त मैं भी उनके साथ थी| हम दोनों किसी रिश्तेदार की शादी अटेंड करके वापिस घर की और आ रहे थे के सामने से आते ट्रक ने हमारी गाडी को फेट मार दी। हम दोनों बुरी तरह से घायल हो चुके थे। मेरे शरीर पे भी बहुत चोटे आई थी।

लेकिन बुरी किस्मत कहलो के मैं बच गई और मेरा सुहाग उजड़ गया। मैं बहुत रोई, कुरलाई लेकिन जाने वाले कब वापिस आते है? इतना कहकर मैडम रोते रोते मुझसे लिपट गयी। मैं भी थोड़ा इमोशनल हो गया। मैं भी उसे दिलासे देता देता खुद भी रो रहा था। क्योंके मेरी जगह शायद आपमें से भी कोई होता तो उनकी दर्द कहानी को सुनकर उसका दिल भी पसीज जाता।

करीब 10 मिनट तक हम ऐसे ही खड़े एक दूसरे से लिपटे रहे। फेर थोड़ी देर बाद जब मैडम चुप हुई। तो मैंने अपनी बाँहो की ग्रिफत ढीली करके उन्हें बैठने को कुर्सी पेश की और जग से गिलास में पानी डालकर उन्हें पिलाया।

थोड़ी देर बाद जब मैडम थोडा नॉर्मल हुई । तो उठकर वो बाथरूम में गयी और 2 मिनट बाद अपना मुंह धोकर बाहर आई। हमे आये हुए 1 घण्टे के करीब हो चूका था। तो मेने मैडम से पूछा, आपने मुझे किस काम के लिए यहां बुलाया है?

वो – आओ मेरे साथ मेरे बैडरूम में !

मैं – बैडरूम में !

वो – हाँ, चोंको मत, जल्दी आओ बाद में हमने स्कूल भी वापिस जाना है।

मैं उनके पीछे पीछे उनके बैडरूम में चला गया।

वो – दरअसल मैं, यहां 15 दिन पहले ही आई थी। तो अकेली होने की वजह से सारा समान ठीक तरह से लगा नही पाई थी। सोचा स्कूल से कोई लड़का ले आउंगी। वो मदद कर देगा। इसलिए तुम्हे ले आई।

फेर मेंने उनका बेड ठीक तरह से लगाकर दिया और उसपे अच्छी तरह से गद्दा भी बिछाया। फेर हमने घर की एक फुलवाड़ी तैयार की। इतने में मैडम दो कप चाय और होटल से जो समान लिया था, वो एक प्लेट में लेकर आ गयी। हमने चाय पी और बाते करने लगे।

वो – अमन, तुम्हारी उम्र कितनी है ?

मैं – 25 साल।

वो – कोई गर्ल फ्रेंड है या नही तुम्हारी ?

मैं – नही तो।

वो – कभी सेक्स किया है या नही ?

अपनी टीचर के मुंह से ऐसी बात सुनकर मैं थोडा शर्मा गया।

वो – (हाथ बढ़ाते हुए)– शर्माओ न अमन, तूने मुझे आज इतना होंसला दिया। मुझे ये अहसास नही हुआ के तुम कोई अजनबी हो। तो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है के मैं तुम्हारे मन की जान सकूँ। आज से हम स्कूल में टीचर स्टूडेंट और स्कूल से बाहर दोस्त होंगे। और एक बात जितना मेरा गर्म स्वभाव है, अंदर से मैं उतनी ही मोम हूँ। बोलो मंज़ूर है या नही।

मैंने भी उनके हाथ में अपना हाथ देते हुए उनका न्योता कबूल किया।

वो – ये हुई न बात, अब बताओ कभी सेक्स किया है या नही ?

मैं – नही किया मैडम !

वो – ओ पागल, भूल गए क्या? स्कूल में मैडम हूँ। अब नही। इस वक़्त मेरा नाम ले सकते हो। किरन।

ठीक है, किरन जी।

वो – एक बात पूछू यदि तुम बुरा न मनो तो ?

मैं – हांजी, क्यों नही, और अपनी दोस्त का बुरा क्यों मानना। आप कहिये क्या कहना चाहते हो?

वो – क्या तुम अपनी ज़िन्दगी का पहला सेक्स मेरे साथ करना चाहोगे ?

उसकी ऐसी बात सुनकर मानो मैं सुन्न हो गया। मुझे समझ नही आ रहा था के उसे क्या जवाब दूं?

उसने एक बार फेर अपनी बात दुहरायी।

मैं इस बार भी चुप ही रहा। इस बार उसकी आवाज़ में विनती, मायूसी और बहुत ही भावनाये उमड़कर सामने आई थी। तो मैंने बिना कुछ सोचे समझे उन्हें हाँ कह दिया। इसमें भी मेरा ही स्वार्थ था। क्योंके एक तो मुझे सेक्स की कोई जानकारी नही थी।

दूजा फ्री में लड़की चोदने को मिल रही थी। वो भी मेरी अपनी टीचर। मुझे अपने आप पे गर्व महसूस हो रहा था के सारे स्कूल में सिर्फ मैं ही ऐसा बच्चा होऊंगा जिसने अपने स्कूल की प्रिंसिपल को चोदा होगा। अब बात थी के इस काम के लिए पहल कौन करे।

पढ़ते रहिये.. क्योकि ये सेक्सी कहानी अभी जारी रहेगी और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”. अपनी प्रतिक्रिया जरुर देना और कहानी अच्छी लगी हो तो को लाइक भी करना।

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top