Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 15

iloveall 2017-02-15 Comments

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मैंने देखा की मेरी बीबी अपनी प्रसन्नता को दबाने का प्रयास कर रही थी। उसके आते ही मैं उसे अपनी बाहोँ में भर लिया और बोला, “भाई आज तो मेरी बीबी का आशिक आया था। बड़ी चहक रही है मेरी बीबी!”

नीना ने हल्का मुस्काते हुए कहा, “अरे? तुम मुझे चिढाना बंद करोगे भी?” फिर थोड़ा शर्मा कर बोली, “अब ज्यादा सयाने मत बनो। तुम भी तो जानते हो वह क्यों आया था। तुम्हीने तो मुझे कहा था की ठीक है। मिल लो उसे। अब अनिल का मुझे मिलने का मतलब तो तुम जानते ही हो न?”

मैंने पूछा,”मुझे बताओ तो सही डार्लिंग के क्या हुआ? क्या क्या किया अनिल ने तुम्हारे साथ? सच सच बताना।”

अब मेरी बीबी काफी असमंजस में पड़ गयी की क्या बोले। फिर धीरे से बोली, “हाँ भाई बताना तो पड़ेगा ही, सब सच सच। घर में मैं अकेली ही थी। मुन्नू को स्कूल से लौटने में कोई दो घंटे का समय था। तुम तो अपने दोस्त को भली भाँती जानते हो। वह तो रंगीला है ही। एक तो हम दोनों अकेले, दूसरे तुम्हारी पूरी इजाजत और तीसरे हम कई दिनों के बाद मिले थे। बस और पूछने की बात ही क्या थी? उसके आते ही मैंने जैसे दरवाजा अंदर से बंद किया की वह मुझे उठा कर बैडरूम में ले आया। मुझे चूमते हुए कहने लगा की मेरे बगैर उसके इतने दिन कैसे गुजरे हैं वह कह नहीं सकता।

जब मैंने उसे पूछा की क्यों अनीता नहीं थी क्या? तो वह बोला की अनीता की तो हालत अजीब सी हुई पड़ी थी। वह यही बात तो हमसे करने आया था। अनीता को कुछ शक हो गया है की उसका पति का मेरे साथ चक्कर चल रहा है। उसे पक्का भरोसा अब तक नहीं है। इस कारण वह अनिल को शक की निगाहों से देख रही है। इस कारण अनीता अनिल से कुछ कतराती रहती है। बेचारा अनिल मुझे कह रहा था की वह सेक्स का एकदम भूखा है।”

मैंने पूछा, “फिर क्या हुआ?”

नीना थोड़ीदेर चुप हो गयी। मैं बड़ा अधीर हो रहा था। नीना जैसे एक सपने में खो गयी। जब मैंने उसे झक झोरा तो जैसे वह हड़बड़ा उठी और मेरी और नजर झुका कर बोली, “और मैं क्या कहूँ? तुम तो जानते ही हो की क्या हुआ होगा। अब मुझसे सब उगलवाना क्यों चाहते हो?”

मैं नीना के जवाब से झुंझला उठा। अरे भाई, मैं तुम्हारी जुबान से ही वह सब सुनना चाहता हूँ। मैंने इसी लिए तो अनिल को ख़ास तुमसे अकेले में मिलने को बाध्य किया ताकि तुम दोनों स्वछन्द रूप से बिना किसी हिचकिचाहट से चुदाई करो और फिर बादमें तुम मुझे सारी कहानी खुलके सुनाओ। मैंने बड़े मुश्किल से संयम रखते हुए पूछा, “जानू, तुम जानती ही हो, की मुझे तुम्हारा और अनिल का प्रेमालाप सुनना बड़ा उत्तेजित करता है। यह देखो।” मैंने नीना का हाथ मेरे पाजामे में मेरी टाँगों के बिच मेरे लन्ड पर रखा और उसे मेरा लन्ड सहलाने के लिए दबाया। तब मेरी पत्नी ने पाया की मेरा लन्ड एकदम कड़क हो गया था। उसे पाजामे के ऊपर से ही प्यार से सहलाते और दबाते हुए नीना मेरी और देखकर शर्माते हुए हल्का सा मुस्काई और अपनी नजर निचे गड़ी हुई रखकर बोलने लगी।

वह बोली, “मुझे बिस्तर लिटा अनिल ऊपर चढ़ गया और मेरे होठ पर होठ रख कर उसने मेरे मुंह में अपनी जीभ घुसेड़ दी और अपनी जिह्वा से ही जैसे मेरे मुंह की चुदाई करने लगा। उसके मुंह का सारा रस मेरे मुंह में आ रहा था। उसकी लार सारी मेरे मुंह में जा रही थी। जानू मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूंगी। मुझे उसकी लार का स्वाद अच्छा लग रहा था। मैं उसकी लार को बड़े चाव से चाट रही थी। वह भी मेरी लार का आस्वादन रहा था।“

नीना ने मुड़ कर मेरी और देखा और थोड़ा सकुचाते हुए बोली, “फिर उसने मेरा ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर मेरे मम्मों को सहलाना शुरू किया। उससे धीरज नहीं रखी जा रही थी। उसने मेरे कपड़ों को भी नहीं हटाया और मुझ पर टूट पड़ा। मैंने कहा कपडे तो निकालने दो। तो वह बोला उससे रहा नहीं जा रहा था।

खैर, मैंने जब उसे दुबारा कहा की भाई अब मैं डेढ़ से दो घंटे तक उसीकी हूँ और हमारे पास समय है। तब फिर उसने प्यार से मेरा ब्लाउज, साडी, पेटीकोट बगैरह खोलना शुरू किया। उसका लण्ड उसकी पैंट में अकड़ा हुआ था। मेरा हाथ अनायास ही उसकी ज़िप पर चला गया। मैंने उसकी ज़िप खोली और उसकी निकर हटाई तो उसका मोटा लण्ड उसकी पेंट में से बाहर कूद पड़ा। मैंने उसे प्यार से सहलाना शुरू किया। उसके लण्ड के छेद में से जैसे उसके पूर्व रस की धार निकल पड़ी। उसका लण्ड फौलाद के छड़ की तरह अकड़ा और सख्त था। जैसे ही मैं अनिल के लण्ड पर हाथ फेरने लगी तो मेरी हथेली अनिल के पूर्व रस की चिकनाई से लथपथ हो गई। ऐसा लग रहा था जैसे उसका लिंग अभी अभी किसी की चूत में अपना पूरा वीर्य छोड़ कर निकला हो।“

जैसे ही मेरी बीबी रुकी तो मैंने उसकी और थोड़ी सख्त नजर से देखा। नीना भली भाँती जान गयी थी की मैं उसके चोदने की बातें करनेसे से बड़ा उत्तेजित हो जाता था और वह कहानी पूरी विस्तार से सुने बगैर मैं उसको छोडूंगा नहीं। इस कारण वह भी अपनी स्त्रीगत लाज को छोड़ कर बड़े ही विस्तार पूर्वक उस दोपहर के उनके मिलन कार्यालाप के बारेमें बताने लगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

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