Bua Ko Sukh Ka Anubhav Diya

jkjatin 2015-08-27 Comments

बुआ बोलीं शाबाश मेरे सोना मेरे राजा बेटे लगा रह सही दिशा में जा रहा है।

तू चालू रख स्सस्सस्स… आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्… अह्हह्हह्हह… अच्छे से कर बेटा बहुत सालों से नहीं तृप्त हुई हूँ आज तू शांत कर मैं भी रफ़्तार मैं उनको चोद रहा था उन्होंने बहुत कसकर मुझे गले लगाया हुआ था और मेरी पीठ पर अपने हाथों के नखून से रेशेज़ कर रहीं थीं।

मुझे दर्द नही हुआ बल्कि मेरे खून को दबाव मिला जिससे चुदाई का मज़ा बढ़ गया और करीब 10 मिनट के बाद वो जड़ गयीं।

मुझे फील हुआ अंदर लण्ड पर गर्म लावा लगा मेरी रफ़्तार निरन्तर थी 2 मं। बाद मैं भी झाड़ने वाला था तो लण्ड निकालकर उनके हाथों में लण्ड दे दिया और वो रब करने लगीं बस फिर एक पिचकारी के साथ लण्ड ने अमृत का रस छोड़ा जो उनके पेट पर गिरा फिर एक लंभी किस करके उनको उठकर फ्रेश होने गया बाद में वो भी आयीं और फ्रेश होकर रूम में आकर मेरे गले लगकर मुझे बोला राजा तूने आज बहुत सुख दिया मुझे मै ये एहसान कभी नहीं भूलूंगी।

मैंने उनको चूमते हुए कहा रानी बुआ क्या एहसान मैं तो अपना हूँ न आपका आय लव यू बुआ बहुत सारा उन्होंने भी कहा लव यू टू सोना बेटा।

उसके बाद हमने बहुत बार सेक्स किया मेरी कहानी आपको कैसी लगी अपने विचार मुझे भेंजे मेरी मेल आईडी है “[email protected]” और अगर कोई भी स्त्री अहमदाबाद में ऐसा प्यार चाहती है तो आप भी मुझे मेरी आईडी पर मिलें तब तक के लिए धन्यवाद खुदा हाफ़िज़।

कहानी पढने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में जरुर लिखे। ताकी हम आपके लिए रोज और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें। डी.के

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