Chudai Ki Baat, Bhuli Na Wo Raat – Part 1

findfuckforget 2016-06-27 Comments

Hindi Sex Story

दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है जो की सच्ची है. मेरी किसी रजनी नाम की लड़की के साथ (जो की एक नर्स थी) सात साल से दोस्ती थी और में उस लड़की से बहुत खुल चुका था. वह भी मुझसे हर तरह की बात कर लेती थी. जैसे फैमिली लाइफ. स्टडी और सेक्स आदि..

लेकिन मैंने उसको कभी चोदा नहीं था पर मैं उसे किस वगैहरा कर लेता था कुछ कारण से उसे चोदने की कोशिश नहीं की. वह मुझे से चुदने को बिलकुल तय्यार थी यह मैं ही था जो उसे चोदना नहीं चाह रहा था, पर और एक दो लड़को से वह चुदवा लेती थी. वह मेरी इज्जत भी इसी लिए करती थी की मैंने कभी उसे चोदने की कोशिश नहीं की थी.

एक दिन हम वैसे ही मेरे रूम में बैठे बातें कर रहे थे कि मैंने उससे पुछा कि ” रजनी क्या कोई तुम्हारी कभी ऐसी चुदाई हुई है कि उसे भूल न पाई हो और तुम फिर वैसे ही चुदना चाहती हो “.

यह सुन कर वह कुछ देर के बाद बोली की हाँ एक बार मुझे किसी अंजान मर्द ने (जिसे वह आज तक नहीं जानती थी) ऐसा चोदा की मुझे सुधार के रख दिया और मैंने मर्दों को तंग करना छोड़ दिया”. इतना कहते ही उसने वह घटना सुनानी शुरू कर दी जिसमें उसकी ज़बरदस्त चुदाई हुई थी.

बाकी की कहानी रजनी की ज़ुबानी..

मैं लुधिआना अपनी मौसी के घर में अकेली रहती थी और मेरी मौसी अमेरिका में अपनी फैमिली के साथ सेटल थी. उनका बहुत बड़ा माकन खली पड़ा था किउंकी मेरी नरसिंग की जॉब भी लुधिआना में लग गयी थी तो उन्होंने मुझे अपने घर की सारी जिम्मेदारी दे राखी थी.मुझे लुधिआना में छह महीने हो गए थे तो मेरी लुधिआना मैं कई सहेलियां बन गयी थी और मैं अक्सर पार्टीज मैं जाया करती थी और बहुत फ़्लर्ट करती थी.

मेरी भरी भरी गांड थी और मेरी चूचियों के तो क्या कहने. मुझे मर्दों को तड़पाना बहुत अच्छा लगता था मैं कई बार तो जान बूझ कर पार्टी या हॉस्पिटल अपना शरीर मर्दों के साथ रगड़ देती थी और न जाने मैंने कितनो के लण्ड खड़े करके बिना किसी से चूत मरवाए बैठा दिए थे.

मैंने सैकड़ो मर्दो के साथ ऐसे ही खेल खेल खेले थे मेरा लुधिआना मैं अभी तक किसी से अफेयर नहीं था पर मैंने दो चार बार जलांधर मैं अपने आशिक़ से चूत ज़रूर मरवाई थी यानि मेरी चूत तब तक किसी से भी जमकर नहीं चुदी थी. जिसका मुझे बहुत अफ़सोस था मैं चाहती थी की कोई मुझे ऐसा रगड़े की मेरी चूत की सारी खुजली मिट जाये.

पर तब तक कोई ऐसा मर्द नहीं मिला था जो मेरी प्यास को शांत करे. मैं तो बस ऊँगली से ही काम चला रही थी या कभी कभी बैगन ले लिया करती थी. पर एक रात मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ की मेरे सारी हसरतें पूरी हो गयी.

उस रात ग्यारह बज रहे थे और उस रात भी मैं पार्टी से पी कर लड़खड़ाते हुए घर पहुंची ही थी की तभी मैंने अपने घर के बाहर किसी को अँधेरे में खड़ा पाया मुझे लगा की कोई मेरे कोई हॉस्पिटल से है और कोई इमर्जेसी काम होगा.

मैं एक नर्स थी जिसने अभी अभी अपना कोर्स पूरा करके जॉब करनी शुरू की थी और डॉक्टर साहिब अक्सर मुझे एमर्जेन्सी मैं बुला लिया करते थे. में खड़ा होने के कारण मैं उसका चेहरा साफ साफ नहीं देख पा रही थी. अभी मैं उसको पहचानने की कोशिश ही कर रही थी के उसने रुमाल मेरे मुंह पर रख मुझे कुछ सुंघा दिया और मैं बेहोश हो गयी.

कुछ देर बाद जब मुझे होश आया तो मैंने पाया की मेरी आँखों पर पट्टी बंदी हुई थी और मैं बिल्कुल नंगी थी, मेरे दोनों हाथ ऊपर पंखे की हुक से बंधे हुए थे. उस आदमी ने मेरे मुंह पर भी पट्टी बांध रखी थी और मैं सिर्फ उसे सुन सकती थी.

तभी उसने बोलना शुरू किया और कहने लगा किउं जानेमन बहुत शौक है तुम्हें मर्दों के साथ अपनी यह गांड रगड़ने का और उनके लण्ड खड़े करके तड़पाने का, आज में तुम्हें इतना तडपाऊंगा, इतना तडपउंगा कि तुम जिंदगी में किसी मर्द के लण्ड को इस तरह खड़ा करके उससे बिना चुदाई के नहीं जाने दोगी.

उसकी बात सुनकर में समझ गयी कि यह शख्श मेरी हरकतों से तंग आ कर मेरी चुदाई का प्रोग्राम बना के आया है, किउंकि मैं सैकड़ो लोगो तड़पा चुकी थी इसी लिए मैं उसकी आवाज को और उसको भी नहीं पहचान पा रही थी. मैं समझ गयी कि आज तो यह मुझे छोड़ेगा नहीं किउं कि मैं घर मैं अकेली रहती थी. मुझे पता था कि मेरी चुदाई हो के ही रहेगी.

मैं यह सोच ही रही थी कि वह झुका और मेरी टाँगे चौड़ी कर दी गजब की ताकत थी उसमें, मैं पूरा ज़ोर लगा कर भी अपनी गुलाबी चूत को अपनी जांघों के बीच छुपा नहीं पा रही थी.

मुझे लगा की वह अभी मुझे चोदना शुरू कर देगा पर वह झुका और मेरी गुलाबी रसभरी मासूम सी चूत को अपनी गर्म जीभ से चाटना शुरू कर दिया, जैसे ही उसने चाटना शुरू किया मेरी नस नस में बिजलियाँ कड़कने लग गयी.

उसकी गरम जीभ कभी मेरी चूत के दाने को रगड़ती और कभी चूत की पत्तिओं को रगड़ती. मुझे बड़ा मज़ा जो काम अब तक मुझे जबरदस्ती चुदाई का लग रहा था अब वह मुझे मजा देने लगा था, किउं की मेरी भी चुदाई काफी टाइम से नहीं हुयी थी तो मैंने उसकी इस हरकत जवाब अपने चूतड़ हिला हिला कर देना, जब वह मेरी चूत को चाटता मैं ज़ोर से अपनी चूत को उसके मुंह पर रगड़ देती.

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