Di Ne Sikhayi Chudai – Part I

sid.xxx 2015-05-24 Comments

Di Ne Sikhayi Chudai – Part I

नमस्कार! मेरा नाम सिधांत है। यह मेरी पहली कहानी है। कहानी पर आने के पहले मई ये स्पष्ट कर दूं की ये एक काल्पनिक कहानी है जो सिर्फ मनोरंजन के लिए लिख रहा हूँ।  ये सब तब शुरू हुआ जब मैं अपनी IIT की तयारी करने कोटा आया। पहली बार घर वालों से इतनी दूर आया था। सब कुछ बहोत नया था मेरे लिए। कोटा के एक कोचिंग में एडमिशन लिया और पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने लगा। शुरुआत के कुछ महीने तो मुझे कोटा के एक्स्ट्रा फ्री कल्चर को समझने में लग गया। वहां लड़के – लड़कियां आपस में काफी खुले थे। हर किसी का किसी न किसी के साथ अफेयर चल रहा था। क्लासेज के बाद शाम को पार्क्स में किसिंग और बूब्स प्रेस्सिंग का खेल चलता था। ये सब देख कर मेरा भी खड़ा होता था पर मैं किसी तरह खुद को कण्ट्रोल करता था। इससे पहले इनसब का कोई एक्सपीरियंस नहीं था। चलिए कहानी पे आते है, जहा मैं रहता था वो एक क्यूट फॅमिली थी। अंकल आंटी और उनकी दो बेटियां। उनकी दोनों बेटियों में से एक मुझसे बरी थी आयुषी, वो वही की किसी कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही थी और दूसरी मुझसे 1 साल छोटी थी शीतल। वो 10th क्लास में पढ़ती थी।

चुकी मैं पेइंग गेस्ट था तो अक्सर मेरा खाना लेके वही दोनों आती थी। एक शाम को जब घर लौट रहा था तो मैंने पार्क में बहोत कपल्स को रंगरलियाँ मानते देखा। आपस में चुम्मे ले रहे थे, बूब्स दबा रहे थे और व् अश्लील हरकते कर रहे थे। उस शाम मुझसे रहा नहीं गया और घर आते ही मैंने पहली बार हस्त मैथुन किया। मेरा सारा रस मेरे पेंट पे गिर गया। तभी दरवाजे पे किसी ने दस्तक दी। जल्दी में मैंने अपना पेंट ऊपर किया और दरवाजा खोला तो देखा आयुषी दी खाना लेके आई थी। मैंने जल्दी से खाना अन्दर लिया और दरवाजा बंद कर लिया। थोरी देर बाद वो वापस आई वो प्लेट लेके जाने लगी फिर अचानक से रुक गयी। मैंने पूछा क्या हुआ तो उन्होंने कहा ‘तुम जो कर रहे थे मैं समझ गयी, आगे से दरवाजा खोलने के पहले कपरे साफ़ कर लेना’। मैं शर्म से नीचे देखने लगा। फिर वो मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी ‘इसमें शर्माने की कौन सी बात है, ये हम सब की जरुरत है’ इतना कह कर उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और मेरा चेहरा ऊपर किया। दोस्तों उस पल मुझे दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की नज़र आई।

मानो कोई परी हो। शोर्ट वाइट टॉप जो नाभि तक था और शॉर्ट्स जो जान्गघ को ठीक से ढक नहीं पा रहा था। 36-24-36 का कमाल का साइज़ उसपर नजाकत भरी आवाज में प्यार से कहे शब्द मेरे अन्दर न जाने कैसी मदहोशी भर गए। उस पल न जाने क्या हुआ मैंने उन्हें गले लगा लिया। बहुत जोर से उन्हें पकडे हुआ था। उन्होंने खुद को छुराया और कहने लगी ‘ इतनी आग क्यों है तुम्हारे अन्दर’। मैंने उनसे कहा ये सब मेरे लिए बिलकुल नया है। यहाँ हर तरफ लड़के लड़कियों को ऐसा हरकते करते देखता हु तो मेरा भी खड़ा हो जाता है। ‘ गर्ल फ्रेंड नहीं है तुम्हारी?’ मैंने ना में सर हिलाया। ‘ शीतल को बना ले, वो तुझे पसंद करती है’ मैंने पूछा आपको कैसे पता तो कहने लगी की वो सिर्फ मेरी ही बाते करती है, मेरे स्टाइल्स की लुक्स की। दरअसल मई कपडे काफी आचे पेहेनता था और रिजर्व्ड रहता था जो की शीतल को पसंद आया। ‘मैं उसे आज शाम तेरे कमरे में खाना लेके भेजूंगी, प्रोपोस कर देना, अब मैं जाती हु, कहकर जाने लगी की मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें बाँहों में खीच लिया। उनकी कमर पे हाथ रखा और कहा ‘जब इतनी सब बता दिया तो ये बताओ न की उसके साथ ये सब करू कैसे?’ दी ने अपना होंट मेरे लिप्स पे रखा और कहा

‘ऐसे…… आजा तुजे आज सिखाती हु… चुदाई’ उन्होंने मुझे बेड पे गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर गिर गयी। मुझे देर तक लिप किस दिया और फिर मेरा हाथ लेके अपने बूब्स पर रख दिया और कहा ‘ये ले मेरे बूब्स, इन्हें प्यार से स्पंज बल की तरह मसल और दबा, मैं भी उसे दबाने लगा। वो मोअन कर रही थी। मेरे दोनों हाथ उनके दोनों मम्मे को दबा रहे थे, मेरे होंट उनके लिप्स को चूस रहे थे। अब मैंने उनके कपडे उताड़ने सुरु किये। टॉप फिर शॉर्ट्स फिर ब्रा फिर पैंटी वाह क्या तराशा हुआ जिस्म दिया था खुदा ने। उन्होंने मेरे कपरे उतार दिए। हम एक दुसरे की बाँहों में थे। फिर वो मेरी बॉडी पे नागिन की तरह रेंगने लगी। मेरे लंड को हाथ मे लेकर खेल रही थी फिर उसे अपने मूह में लेकर अन्दर बहार करने लगी। करीब 10 मिनट के बाद मैंने अपना रस उनके मुह में चोर दिया और वो सारा पी गयी। फिर उन्होंने मुझे अपने ऊपर सुलाया और मेरी ऊँगली अपनी चूत पर रखा। उन्होंने कहा इसे अन्दर डालो। मैंने उनकी बात मान अपनी ऊँगली उनकी चूत में डालके हिलाने लगा। कुछ समय बाद वो झड गयी। मैं उनका पानी पीने लगा।

फिर उन्होंने अपनी पैरों को फैला दिया और कहा अपना लंड मेरी चूत में डालो और मुझे चोदो। मेरा लंड खड़ा था। मैने जैसे ही अपना लैंड उनकी चूत में डाला उनकी आह ऊह ईह की आवाज निकलने लगी। वो कह रही थी चोदो मेरे भाई चोदो मुझे। रंडी बनाओ अपनी चोद चोद के चूत फाड़ दो। इससे मुझे जोश आ गया और मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी। करीब आधा घंटा चोदने के बाद हम एक दुसरे की बाँहों में लेट गए। फिर दी ने कहा ‘ भाई अब गांड चोदने की बारी है, मई कुतिया बनके बैठूंगी तू मेरी गांड में लैंड डाल और चुदाई कर, मई कितना व् चिल्लाऊ दर्द से रोऊँ तू रुकना मत… बस गांड पे ध्यान देना। तेरी दी की गांड है भाई तो बस खुल के चोदना। अब मुझे और जोश आ गया। दीदी के कुतिया बनते ही मैंने अपना लौरा उनकी गांड में पेल दिया। वो दर्द से रोने लगी पर मैं कहा रुकने वाला था। 20 मिनट तक उनकी गंद छोड़ी। इस बीच उन्होंने मुझे अनगिनत गलियां दी। जब मुझे गुस्सा आया तो मैंने उनके बूब्स पाकर के मसल दिए। फिर दी ने कहा ऐसे ही चोदना मेरी बहन शीतल को….. मैंने कहा इस्से ज्यादा बेरहमी से चोदुंगा जा उसे भेज दे. आगे की कहानी जारी रहेगी अगले पार्ट में….

दोस्तों मेरी ईमेल आई डी है “[email protected]”। कहानी पढने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में जरुर लिखे। ताकी हम आपके लिए रोज और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें। डी.के

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