Meri Padosan Roopa Bhabhi

Deep punjabi 2016-07-16 Comments

रूपा बोली, दीप दुकान पे फोन है क्या ? मेने अपनी माँ का हाल चाल पता करना है तो मेने उसे दुकान के बिल्कुल साथ वाले फोन वाले कमरे में भेज दिया और खुद बाहर ही रुक गया दुकान का दरवाजा बन्द करने के लिए। दरवाजा बन्द करके उसके पास ही चला गया।

चुनरी से बन्धी गांठ को खोलते हुए वो बोली ये लो नम्बर और लगादो। मेने पर्ची पर लिखा नम्बर डायल कर दिया और वोह बात करने लगी। मेने हिम्मत करके उसे पीछे से बाँहो में ले लिया। जिस से वो सेहम सी गयी और बोली हट जाओ प्लीज। आगे फोन में उसकी मम्मी बोली बेटी क्या हुआ ?

बात को बदलते हुए बोली कुछ नही मम्मी आपका नाती फोन को तार खिंच रहा है और थोड़ी देर बात करके फोन काट दिया। मेने फेर उसे आगोश में लिया और किस करने लगा। पहले तो मना करती रही। पर जब कोई पेश न चली तो वह मेरा लिप किस में साथ देने लगी।

फोन वाला लॉन्ग टेबल था मेने उसी पे उसको पीठ के बल लिटा लिया और उसके ऊपर झुक क उसे प्यार करने लगा। मेने कमीज़ क अंदर हाथ डाल के उसके बूब्स को दबाने और सहलाने लगा। जिस से वो गर्म हो गयी और कामुक आवाजे सी सी करके निकालने लगी।

मेने लोहा गर्म देख के उसकी सलवार का नाडा भी खोल दिया और निचे कर दी और उसकी चूत को सहलाने लगा। वो बोली मुझे बहुत डर लग रहा है, कोई आ जायेगा ज्यादा न कपड़े उतारो, ऐसे ही ऊपर से करलो जो करना है।

उसकी और मेरी आँखे बन्द थी और अपने आप में मस्त थे। वो दायने हाथ से मेरे पेंट के ऊपर से ही मेरे लण्ड को सहला रही थी। उसकी गर्म गर्म सांसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी और उखड़ रही थी।

थोड़ी देर बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और लम्बी धीमी चीख के साथ वह झड़ गयी और उसने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया।
मेने कहा अब मेरा काम भी करो। वो बोली ठीक है और बेंच से निचे उत्तर के निचे फर्श पे बैठ गयी और मेरी पेंट का ज़िप खोलने लगी।

5 इंच लम्बा ओर 2 इंच का मोटा लण्ड देख के थोडा सहम सी गयी मेने पूछा क्या हुआ तो बोली इतना मोटा लण्ड मेने आज देखा है मुन्ने के पापा का भी पतला सा है और सहलाये जा रही थी और लण्ड महाराज भी नींद से जाग गए थे और बड़े हो रहे थे। मेने पूछा चूसोगे, बोली छी गन्दा ह मैं नही चुसूगी। उलटी आती है। मेने ज्यादा ज़ोर भी नही दिया क्योके ज्यादा डर उसके मुकर जाने से था।

मेने बोला चलो ठीक ह नही चूसना तो चलो इसको इसकी सही जगह दिखा देते है। वो भो हस के बोली दो प्रेमियो को मिला देते है। मेने बेंच पे ही उसे लिटाया और ज़िप से ही निकाल के लण्ड जेसे ही उसकी चूत के मुँह पे रखा तो दरवाजा खटकने की आवाज़ आई। बहुत गुस्सा आया क्योके एक तो रूपा बड़ी मुश्किल से मानी थी। तो दूसरा उसे बहाना मिल गया मना करने का।

मेने कपड़े ठीक किये और रूपा को भी कपड़े पहन ने का बोल के छिपने का कहा।

मेने दरवाजा खोला तो सामने पड़ोस वाली भाभी खड़ी थी। दरवाजा खुलते ही बोली कब से दरवाजा खटखटा रही हूँ, खोला क्यों नही, कहाँ व्यस्त हो गए थे। एक ही साँस में इतने सवाल कर गयी।

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

मेने कहा भाभी बाथरूम में था। तो इतना कह क वह अंदर चली आई और बोली तुम्हे कुछ खाना है तो बतादो, वो ही बना देती हूँ। मेने कहा नही भाभी अभी चाय पी है सो भूख नही है। जब भूख हुई बता दूँगा।

भाभी बोली ठीक है मैं जाती हूँ और भाभी के जाने के बाद मेने आस पास देख के रूपा को अपने कमरे से बाहर निकाला और इस खेल में हम दोनों ही प्यासे ही रह गऐ।

तो केसी लगी कहानी अपने कमेंट्स मुझे मेल करना, मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

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