Maa Beti Delhi Me Bani Randiyan – Part 1

Arashdeep Kaur 2017-05-07 Comments

हमारे संगमरमरी बदन और बड़े-बड़े एवं गोल बूब्ज़ देखकर उन्होंने ने बूब्ज़ अपने हाथों में दबोच लिए। वो बड़ी जोर जोर से हमारे बूब्ज़ दबाने और मसलने लगे। वो हमारे बूब्ज़ की पूरी तरह अपने हाथ में समाना चाहते थे लेकिन बहुत दबाने के बाद भी हमारे बूब्ज़ उनके हाथों में समा नहीं रहे थे क्योंकि हमारे बूब्ज़ टाईट थे। तभी संजीव बोला भाई इन गश्तियों के बूब्ज़ तो हमारी रंडी बहनों से भी बड़े और सेक्सी हैं। उनके बूब्ज़ तो ढीले थे लेकिन इन दोनों के तो बहुत टाईट और चिकने हैं। सतीश बोला बहनों की बात मत कर भाई और मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला नहीं तो ये हराम की चालू लड़की कोई और बात निकाल लेगी।

मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

उन्होंने हमें खड़ी कर दिया और हमारी जींस और पैंटी निकाल दी सिर्फ सैंडिल पैरों में रहने दिए। नंगी होकर मैं संजीव की गोद में बैठ गई और मम्मी सतीश की गोद में। अब संजीव मेरे और सतीश मम्मी के बूब्ज़ दबाने और मसलने लगा। हम दोनों ने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगीं। वो हमारे बूब्ज़ को दबाते हुए हमारे होंठों का रसपान करने लगे और हम उनकी छाती को हाथों से रगड़ते हुए उनके होंठों का रस निचोड़ने लगीं।

कुछ देर बाद जबरदस्त चूमा चाटी होने लगी और हम उनके और वो हमारे मुंह में जीभ डालकर घुमाते हुए होंठों को दांतों से हलका हलका काट लेते। बीच-बीच में वो मेरे और मम्मी के होंठ मिला देते और मैं और मम्मी एक दूसरी के होंठ चूसती। वो हमारी चूमा चाटी देखते हुए हमारी पीठ सहलाते और फिर हमारे होंठों को चूमने लगते। उनके लंड हमारे चूतडो़ं की दरार में चुभ रहे थे और हम गांड हिला कर उनके लंड दबा देती। उन्होंने अदला-बदली करके हमारे होंठों का रस पियआ और हमने भी उनके होंठों को खूब निचोडा़।

दोस्तों ये कहानी अभी जारी रहेगी और मेरा ईमेल पता है “[email protected]”.

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